• Home  /  
  • Learn  /  
  • अभी तक बच्चों को कोरोना की वैक्सीन लगी नहीं , कैसे बढ़ाएं बच्चों की इम्यूनिटी
अभी तक बच्चों को कोरोना की वैक्सीन लगी नहीं , कैसे बढ़ाएं बच्चों की इम्यूनिटी

अभी तक बच्चों को कोरोना की वैक्सीन लगी नहीं , कैसे बढ़ाएं बच्चों की इम्यूनिटी

13 Feb 2022 | 1 min Read

Mousumi Dutta

Author | 387 Articles

अभी के हालात जो बने हैं वहाँ हर माता-पिता की एक ही चिंता है, उनके बच्चे की इम्यूनिटी कितनी स्ट्रॉंग हैं। जैसा कि हम सब जानते हैं कि 15 साल से कम बच्चों या शिशुओं को अभी तक कोरोना की वैक्सीन नहीं लगी है। इसलिए कोरोना कहे या ओमिक्रॉन उसके खतरे से बच्चों और शिशुओं को कैसे बचाएं, यह चिंता का विषय बन गया है।

सच कहे तो यह आप भी जानते हैं कि कितना भी वैक्सीन लग जाए एक चीज जो सबके लिए जरूरी है,वह है अपने इम्यूनिटी को जितना हो सके मजबूत करना। यह विषय माँ के लिए चैलेंज वाला है क्योंकि बच्चों को उनके जिंदगी प्रतिबंधता और अनुशासन के साथ खुश रहना भी सिखाना है और उसके साथ ही नेचुरल तरीके से उनके इम्यूनिटी को भी बढ़ाना है।

शिशुओं और बच्चों की इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए कुछ बेसिक चीजों के बारे में जानकारी ले लेते हैं, जो हैं तो बिल्कुल सिंपल लेकिन हमारी नजर से निकल जाते हैं-

1. कोरोना के गाइडलाइंस को फॉलो करना सिखाएं- दो साल के लंबे अर्से के बाद बच्चे तो बच्चे बड़े भी इन गाइडलाइंस का पालन करना भूल जाते हैं।

  • मास्क पहनें,
  • खेलने के लिए बाहर निकलने पर 2-4 फीट की दूरी बनाए रखें,
  • हाथ धोना न भूलें,
  • खांसने और छींकने के समय कोहनी को मोड़कर वहाँ मुँह ले जाएं,
  • बीमार लोगों से बच्चों और शिशुओं को दूर रखें,
  • भीड़-भाड़ वाले जगहों पर बच्चों को न लेकर जाएं और न ही जाने दें, आदि।

2. वैक्सीनेशन शेड्यूल्स को न करें नजरअंदाज- पीडियाट्रिशियन के सलाह के अनुसार वैक्सीनेशन शेड्यूल फॉलो जरूर करें। कोरोना काल की बात सोचकर वैक्सीन देने में कोई आनाकानी न करें। वैक्सिनेशन तो शैशवावस्था के शुरू होकर वयस्क अवस्था तक चलता है। मीजल्स, मम्स, चिकनपॉक्स, रोटावायरस और दूसरे इंफेक्शन्स से बचाता है। हाँ, अभी साल में एक बार बच्चों को फ्लू शॉट लगाना न भूलें।

3. स्ट्रेस को मैनेज करना सिखाएं- यह तो हम सभी जानते हैं कि स्ट्रेस न सिर्फ सेहत बिगाड़ती है बल्कि साथ में दूसरे संक्रमणों के प्रति संवेदनशीलता भी बढ़ाती है। कोरोनाकाल में बच्चे घर में बंदी अवस्था में रहने के कारण स्ट्रेस में रहने लगे हैं, इसलिए उनके साथ भावनात्मक रूप से जुड़े। बच्चों के लिए समय निकालें ताकि वह स्ट्रेस से बाहर निकल सकें।

4. सोने का हेल्दी शेड्यूल बनाएं- शिशु हो या बच्चा सबके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त नींद की जरूरत होती है। बच्चे की नींद उम्र के अनुसार अलग-अलग होती है। शिशुओं के लिए दिन में 12-16 घंटे की नींद की जरूरत है तो किशोर बच्चे के लिए 8-10 घंटे की नींद।

5. हेल्दी डायट इम्यूनिटी के लिए है जरूरी- अब इम्यूनिटी के लिए सबसे जरूरी अंश की बात कर रहे हैं, वह है बच्चों को हेल्दी डायट देने की जरूरत। घर में बोर होने के कारण बच्चे जंक और पैकेज्ड फूड और कार्बोनेटेड ड्रिंक खाने की ज्यादा माँग करते हैं। इससे बच्चों में पौष्टिकता की कमी हो जाती है।

इससे बचने के लिए बच्चों की इम्यूनिटी को बूस्ट करना होगा और आपको उनके डायट में इन चीजों को शामिल करना होगा-

जिंक- बच्चों की इम्यूनिटी को बूस्ट करने के लिए डायट में जिंक जैसे मिनरल को जरूर शामिल करना चाहिए। नट्स, डेयरी प्रोडक्ट्स, मांस, मछली, अनाज, साग-सब्जी आदि जिंक का स्रोत होते हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि डायट में जिंक की अधिकता हो, एनएचआई (NIH) के अनुसार डायट में जिंक की मात्रा ज्यादा होने से बच्चों को उल्टी, भूख में कमी, दस्त, सिरदर्द जैसी समस्याएं हो सकती है।

प्रोबायोटिक्स और प्रीबायोटिक्स- बच्चों में इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए दूसरी जिस चीज की जरूरत होती है, वह है प्रोबायोटिक्स। दही प्रोबायोटिक का स्रोत होता है। दही में जो गुड बैक्टिरीया होता है वह पेट को स्वस्थ रखने में मदद करता है। पेट स्वस्थ तो सब कुछ स्वस्थ। दही के अलावा फर्मेंटेड फूड अचार भी प्रोबायोटिक का स्रोत होता है।

इसके अलावा आप इस बात पर भी नजर रखें कि बच्चों के आहार में प्रीबायोटिक्स हो। यह प्लांट फाइबर होता है जो गुड बैक्टीरिया के विकास में मदद करता है। हरा केला और शतावरी इसका स्रोत होता है।

फल-साग-सब्जी और नट्स-सीड्स- फल और हरी साग-सब्जियाँ एंटी-ऑक्सिडेंट का स्रोत होने के साथ ये विटामिन सी, ए, ई, बी2, बी6, के, पोटाशियम, फोलेट, पोटाशियम, मैग्निशियम आदि न्यूट्रिएंट्स का पावर पैक होते हैं, जो बच्चों की इम्यूनिटी को बूस्ट करने में मदद करते हैं।

विटामिन सी-इसके अलावा विटामिन सी, जो संतरा, नींबू, जैसे खट्टे फलों में पाया जाता है, वह भी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर बीमारियों से लड़ने में मदद करता है।

विटामिन डी- आजकल बच्चों के शरीर में विटामिन डी की कमी पाई जा रही है, क्योंकि वह घर में ज्यादा रहते हैं, धूप के संपर्क में कम आ रहे हैं। इसलिए डॉक्टर कभी-कभी विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए सप्लीमेंट लेने की भी सलाह दे सकते हैं।

6. फिजिकल एक्टिविटी- आपको विश्वास हो न हो, बच्चों की इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए उसको शारीरिक रूप से सक्रिय बनाना होगा। सिर्फ बैठकर पढ़ने से ही नहीं होगा, घर के छोटे-मोटे काम करने होंगे, बागवानी करनी होगी। साथ ही एक्टिविटी को बढ़ाने के लिए एक्सरसाइज और योगासन को भी उनकी दैनिक जीवन में शामिल कराना होगा।

  • एक्सरसाइज में बच्चे सुबह-शाम वाक कर सकते हैं, या साइकिलिंग भी कर सकते हैं।
  • इसके अलावा अनुसंधानों से यह भी साबित हुआ है कि ऐसे बहुत सारे योगासन हैं, जो बच्चों में नेचुरल तरीके से इम्यूनिटी बूस्ट करने की क्षमता रखते हैं, मसलन बालासन, धनुरासन, मत्स्यासन, हस्तपादासन, उष्ट्रासन आदि।

7. शिशुओं के माँ का दूध है जरूरी- बच्चों के अलावा शिशुओं के लिए भी तो कोरोना का वैक्सीन नहीं निकला है। उनके इम्यूनिटी को बूस्ट करने के लिए कम से कम 6 महीने तक माँ का दूध पिलाने की जरूरत है।

इन सब छोटे-छोटे लेकिन सिंपल टिप्स के माध्यम से आप अपने बच्चों को कोरोना या ओमिक्रोन के कहर से कुछ हद तक रक्षा कर सकते हैं। यानि जब तक बच्चों या शिशुओं के लिए वैक्सीन नहीं निकलता, तब तक उनके इम्यूनिटी को बूस्ट करने का एकमात्र विकल्प यही टिप्स और ट्रिक्स हैं।

#babycare #corona #omicron #childhealth #vaccination

A

gallery
send-btn

Suggestions offered by doctors on BabyChakra are of advisory nature i.e., for educational and informational purposes only. Content posted on, created for, or compiled by BabyChakra is not intended or designed to replace your doctor's independent judgment about any symptom, condition, or the appropriateness or risks of a procedure or treatment for a given person.