15 Feb 2022 | 1 min Read
Mousumi Dutta
Author | 45 Articles
सदियों से प्रेग्नेंसी को लेकर बहुत सारे मिथकों को लोग विरासत के तौर पर एक जेनेरेशन से दूसरे जेनेरेशन को अमुल्य धरोहर की तरह सौंपते आए हैं। जैसे ही घर में कोई गर्भवती होती है, उसको मिथक रूपी सलाह देना शुरू कर देते हैं। सच तो यह है कि बड़े-बूढ़ों की कुछ जानकारियाँ महत्वपूर्ण होती हैं तो कुछ बिल्कुल ही बेकार। चलिए आज हम ऐसे ही कुछ मिथकों के बारे में जानते हैं, जिनके बारे में कहानियाँ चलती आ रही है।
1. प्रेग्नेंसी से जुड़े अजीबोगरीब मिथक: गर्भवती माँ के पेट को देखकर बच्चा लड़का है या लड़की बताया जा सकता है।
मिथक:
कुछ लोगों का मानना है कि माँ के पेट के ऊपर अंगूठी रखने पर वह जिस तरफ सरकता है, उस हिसाब से बेटा या बेटी का निर्धारण होता है।
इसके अलावा कुछ लोग यह भी मानते हैं कि अगर गर्भवती माँ के पेट का साइज बहुत बड़ा है और ऊपर की ओर उसका उभार है तो बेटी होगी और पेट का साइज छोटा है तो बेटी होगी।
सच्चाई:
सच तो यह है कि गर्भवती महिला के पेट का साइज उसके शारीरिक और आंतरिक संरचना पर निर्भर करता है। हो सकता है जुड़वा बच्चे हों तो पेट का आकार भी बड़ा ही होगा। आजकल विज्ञान इतनी प्रगति कर चुका है कि अल्ट्रासाउंड करके ही बच्चे के लिंग का पता लगाया जा सकता है (लिंग का पता लगाना कानूनन गलत है)।
2. प्रेग्नेंसी से जुड़े अजीबोगरीब मिथक: गर्भवती माँ को दो लोगों का खाना खाना चाहिए।
मिथक:
कुछ लोग मानते हैं कि महिला जब गर्भवती हो जाती है तब उसको खुद के लिए और बच्चे के लिए दोनों का खाना खाना पड़ता है। नहीं तो शिशु का विकास ठीक तरह से नहीं हो पाता है।
सच्चाई:
जरा आप ही सोचिए, अगर कोई इंसान दो लोगों का खाना खाएगा तो उसकी क्या हालत होगी। अगर माँ ज्यादा खाना खाएगी तो माँ और शिशु का दोनों का वजन हद से ज्यादा बढ़ जाएगा, इससे नॉर्मल डिलीवरी के दौरान समस्या हो सकती है।
3. गर्भावस्था के जुड़े अजीबो-गरीब मिथक: ‘मॉर्निंग सिकनेस’ अपने नाम के अनुसार सिर्फ सुबह के समय ही होता है।
मिथक:
आम तौर पर लोग यही मानते हैं कि सुबह के समय जो उल्टी की समस्या होती है, वही मॉर्निंग सिकनेस है।
सच्चाई:
प्रेग्नेंसी के दौरान उल्टी की समस्या दिन भर में कभी भी हो सकती है। असल में इस दौरान महिला के शरीर में बहुत तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिनके कारण यह समस्या किसी को कम तो किसी को ज्यादा होती है।
4. गर्भावस्था के जुड़े अजीबो-गरीब मिथक: प्रेग्नेंसी के दौरान कॉफी बिल्कुल भी नहीं पीनी चाहिए।
मिथक:
गर्भधारण के समय बहुत कुछ खाने और पीने की मनाही होती है। उसी में कॉफी का भी नाम आता है। लोगों का मानना है कि इस दौरान कॉफी पीने से शिशु को नुकसान पहुँच सकता है।
सच्चाई:
पहले के जमाने में यह माना जाता था कि कॉफी पीने से गर्भस्थ शिशु को नुकसान पहुँच सकता है। लेकिन हाल के अनुसंधानों से यह साबित हुआ है कि 200 ग्राम कॉफी का सेवन नुकसानदायक नहीं होता है।
5. प्रेग्नेंसी से जुड़े अजीबोगरीब मिथक:प्रेग्नेंसी के दौरान सीने में जलन होने से बच्चे के सिर में उतने ही बाल होते हैं।
मिथक:
प्रेग्नेंसी के दौरान सीने में जलन जितनी जलन होगी उतना ही बच्चे के सिर में काले-काले बाल होंगे।
सच्चाई:
गर्भावस्था के समय एसिडिटी होना या सीने में जलन होना सामान्य समस्या होती है। लेकिन इसके साथ बच्चे के सिर के बाल का कोई संबंध नहीं होता है।
6. प्रेग्नेंसी से जुड़े अजीबोगरीब मिथक:प्रेग्नेंसी के समय सेक्स नहीं करना चाहिए।
मिथक:
यह मिथक बहुत ही आम है कि प्रेग्नेंसी के दौरान सेक्स करने से गर्भस्थ शिशु को बहुत नुकसान पहुँच सकता है, इससे गर्भपात होने का खतरा होता है।
सच्चाई:
सेक्स के दौरान पार्टनर का लिंग योनि के भीतर तक नहीं पहुँच पाता है। बच्चा तो गर्भाशय की मोटी मांसपेशियों की दीवार के भीतर होता है। हाँ, सेक्स और ऑर्गैज्म से लेबर पेन जल्दी शुरू हो सकता है।
7. गर्भावस्था के जुड़े अजीबो-गरीब मिथक: प्रेग्नेंसी के दौरान पपीता नहीं खाना चाहिए
मिथक:
गर्भावस्था के दौरान पपीता खाने से गर्भपात होने का खतरा होता है।
सच्चाई:
पपीता में लैटेक्स होता है जिसके कारण गर्भाशय का संकुचन होता है। पर संतुलित मात्रा में पपीता खाने से कोई भी खतरा नहीं होता है। यह तो सभी को पता है कि हेल्दी चीजें भी हद से ज्यादा खाने से वह शरीर के लिए नुकसानदायक होते हैं।
इसलिए गर्भावस्था के दौरान कोई भी शंका दिल में हो तो डॉक्टर से बात करना ही सबसे सही और सुरक्षित तरीका होता है।