15 Feb 2022 | 1 min Read
Mousumi Dutta
Author | 45 Articles
शिशु के लिए माँ का दूध ही सर्वोत्तम आहार होता है। लेकिन माँ यदि किसी कारणवश शिशु को स्तनपान नहीं करा पा रही हैं तो उसको फॉर्मूला मिल्क पावडर दिया जाता है। यानि शिशुओं के लिए फॉर्मूला दूध ब्रेस्ट मिल्क का ऑप्शन होता है, जो विशेष प्रकार के ड्राइड मिल्क पावडर से बना होता है। ज्यादातर फॉर्मूला मिल्क गाय के दूध, विटामिन्स और मिनरल्स से बने होते हैं।
फॉर्मूला मिल्क पावडर शिशुओं के लिए पोषण की दृष्टि से संपूर्ण आहार होता है। फॉर्मूला और ब्रेस्ट मिल्क के बीच मूल अंतर यही होता है कि ब्रेस्ट मिल्क में एंटीबॉडीज होते हैं, जो शिशु को बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं। यह शिशु को संपूर्ण जीवनकाल तक बचाता है जबकि शिशुओं के लिए फॉर्मूला दूध में ब्रेस्ट मिल्क जैसे सभी पोषण तत्वों को शामिल करने की कोशिश की जाती है।
फॉर्मूला मिल्क पावडर कितने प्रकार के होते हैं?
वैसे तो फॉर्मूला मिल्क पावडर कई प्रकार के होते हैं, लेकिन यहाँ जिन फॉर्मूला मिल्कों का ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है, उनका नाम दिया जा रहा है-
फॉर्मूला मिल्क पावडर बनाने के पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
1. सबसे पहले अपने हाथों को धो लें। उसके बाद दूध के बोतलों को सैनिटाइज कर लें। साथ ही जहाँ दूध बनाने वाली हैं, उस जगह को भी साफ कर लें।
2. बोतल से दूध पिलाने से पहले बोतलों को साबुन से धोकर साफ करने के बाद पानी में डालकर उबालें।
3. फॉर्मूला मिल्क बनाने के लिए जिस पानी का इस्तेमाल किया जाता है, उसको पहले कम से कम 5-10 तक मिनट उबालकर ठंडा करके रखने के बाद ही इस्तेमाल करना चाहिए।
4. फॉर्मूला मिल्क को बनाने के लिए जितने स्कूप देने का निर्देश डब्बे पर दिया गया हो उतना ही दें और डब्बे के साथ दिए गए स्कूप का ही इस्तेमाल करें। यहाँ तक कि जितने पानी की मात्रा का निर्देश हो, उतना का ही प्रयोग करना चाहिए।
5. फॉर्मूला मिल्क को गर्म करने के लिए माइक्रोवेव का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। अगर बने हुए दूध को गर्म करना ही है तो एक पैन में पानी गर्म करके बोतल को उसमें कुछ देर के लिए रख दें।
6. डब्बे में दिए गए निर्देश से कम पानी का इस्तेमाल करने से शिशु के किडनी पर दबाव पड़ेगा और दूध को हजम करने में असुविधा होगी। इसके विपरित ज्यादा पानी का इस्तेमाल करने से दूध की पौष्टिकता शिशु को कम मिलेगी।
7. शिशुओं के लिए फॉर्मूला दूध का इस्तेमाल करने से पहले डब्बे पर लिखे एक्सपाइरी डेट की जाँच जरूर कर लें।
8. पैकेट खोलने के 1 महीने के अंदर ही फॉर्मूला मिल्क का इस्तेमाल कर लें।
फॉर्मूला मिल्क पावडर पिलाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
1. फॉर्मूला मिल्क को हमेशा ठंडे जगह पर और ढक्कन को बंद करके रखना चाहिए।
2. अगर फॉर्मूला ज्यादा बन गया है तो उसको अलग बोतल में डालकर फ्रिज में 24 घंटे के लिए रख सकते हैं।
3. लेकिन बच्चे को दूध पिलाने के बाद अगर बच जाता है तो उसको फेंक दें।
4. हर बार दूध पिलाने से पहले फीडिंग बोतल और निप्पल को 5 मिनट तक पानी में उबालने के बाद ही इस्तेमाल करें।
5. शिशु को ज्यादा गर्म दूध कभी न पिलाएं। दूध का तापमान कमरे के तापमान जितना ही होना चाहिए।
6. दूध पिलाने से पहले उसके तापमान की जाँच कर लें।
7. दूध पीते समय शिशु का सर थोड़ा ऊपर की ओर होना चाहिए, सामानांतर या नीचे नहीं होना चाहिए।
शिशुओं को फॉर्मूला दूध पिलाते समय किन बातों का ख्याल रखना चाहिए यह तो आपने जान लिया। इसके अलावा एक बात का याद रखें कि दूध पिलाते समय शिशु के पास आप जरूर रहें, उसका नजर आपके नजर से मिलना चाहिए।