15 Feb 2022 | 1 min Read
Mousumi Dutta
Author | 387 Articles
आजकल देखा जाए तो 40 की उम्र के बाद बच्चे को जन्म देने का चलन बढ़ता जा रहा है। सेलिब्रिटी से लेकर आम कामकाजी महिलाएं भी 40 की उम्र के बाद माँ बन रही हैं। हाल ही में मशहूर एक्ट्रेस करीना कपूर खान नें 40 के बाद दूसरे बेटे जेह को जन्म दिया है। वैसे डॉक्टर का कहा माने तो प्रेग्नेंट होने के लिए यह उम्र माँ और बच्चा दोनों के लिए खतरे की संभावना को थोड़ा बढ़ा देता है, पर इसके अलावा कुछ फायदे भी है। अगर आप 40 की उम्र के बाद माँ बनना ही चाहती हैं तो अपने जीवनशैली में कुछ बदलाव लाने ही पड़ेगे जो माँ और शिशु दोनों के लिए जरूरी होगा।
40 की उम्रे के बाद प्रेग्नेंट होने के फायदे
दिल को सुकून पहुँचाने के लिए सबसे पहले हम 40 की उम्र के बाद प्रेग्नेंट होने के कुछ फायदों के बारे में जान लेते हैं-
क्या 40 या 43 के बाद गर्भधारण होने पर खतरा रहता है?
वैसे तो आजकल विज्ञान ने इतनी प्रगति कर ली है कि किसी भी खतरे की संभावना को कम करके हेल्दी प्रेग्नेंसी को संभव कर सकता है। लेकिन इन खतरों के संभावनाओं के बारे में जान लेना बेहतर होता है ताकि बचने का उपाय फिर से किया जा सके-
एटोपिक प्रेग्नेंसी ( Etopic Pregnancy): इस अवस्था में फर्टिलाइज एग गर्भाशय से न जुड़कर फैलोपियन ट्यूब, एब्डोमिनल कैविटी या गर्भाशय ग्रीवा से जुड़ जाता है।
मिसकैरेज (Miscarriage): 40 या 43 के बाद गर्भधारण करने पर गर्भपात होने का खतरा ज्यादा रहता है।
प्री-एक्लेमप्सिया (Pre-eclampsia): गर्भावस्था में ब्लड प्रेशर के बढ़ जाने का बहुत खतरा रहता है। इसलिए 40 की उम्र के बाद अपने जीवनशैली और खान-पान पर विशेष ध्यान रखना चाहिए।
प्लासेंटल अब्रप्शन (Placental abruption): प्रेग्नेंसी के इस विकार में प्लासेंटा गर्भाशय से अलग हो जाती है।
40 की उम्र के बाद प्रेग्नेंट होने पर किन जटिलताओं के होने की संभावना होती है?
जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational diabetes): गर्भावस्था में ब्लड शुगर के बढ़ जाने का खतरा रहता है।
बिग बेबी (Big Baby): 40-43 के बाद गर्भधारण करने पर जेस्टेशनल डायबिटीज होने के कारण 4.4 किलो वजन तक का बच्चा हो सकता है।
क्रोमोसोमल एब्नार्मेलिटीज (Chromosomal activities): इसके कारण बच्चे को डाउन सिंड्रोम और पटाऊ सिंड्रोम होने का खतरा रहता है। इसके लिए स्क्रीनिंग टेस्ट करवाने की सलाह दी जाती है।
सिजेरियन बर्थ (Cesarean birth): 40-43 के बाद गर्भधारण करने पर नॉर्मल डिलीवरी के जगह सिजेरियन बर्थ होने का खतरा ज्यादा रहता है।
स्टीलबर्थ (Stillbirth) : 40 की उम्र के बाद प्रेग्नेंट होने पर स्टीलबर्थ होने का खतरा ज्यादा रहता है। इसलिए बच्चे की गतिविधी पर नजर रखने की बहुत जरूरत होती है।
अब तक के विश्लेषण से आप समझ ही गए होंगे कि 40 के बाद प्रेग्नेंसी चैलेज भरा होता है। माँ और डॉक्टर को हमेशा सतेज रहने की जरूरत है। प्रेग्नेंसी के दौरान कुछ जरूरी एहतियात बरतने की जरूरत होती है ताकि माँ और शिशु दोनों स्वस्थ रह सके और किसी भी जटिलता से दूर रह सके।
स्मोकिंग और अल्कोहल से दूर रहें: प्रेग्नेंसी के दौरान भूल कर भी न ही शराब को हाथ लगाएं और न ही धूम्रपान करने की कोशिश करें।
फोलिक एसिड का सेवन: अपने डायट में फोलिक एसिड के स्रोतों को शामिल करें,जैसे- लोबिया, सोयाबीन, पालक, सूजी आदि। इसके अलावा डॉक्टर के निर्देशानुसार फोलिक एसिड सप्लीमेंट लेना न भूलें।
हेल्दी डायट: प्रेग्नेंसी के दौरान हेल्दी डायट पर रहना बहुत जरूरी होता है। क्योंकि इस दौरान वेट मैनेजमेंट पर ध्यान देने की जरूरत है। माँ और शिशु दोनों का स्वस्थ वजन होना चाहिए।
वंशानुगत बीमारी की सूचना: अगर परिवार में किसी बीमारी का इतिहास है तो इस बारे में डॉक्टर को सूचित कीजिए।
एक्सरसाइज करें: डॉक्टर के निर्देशानुसार हल्के एक्सरसाइज नियमित रूप से करें। कोई भी इंटेंस एक्सरसाइज करने की गलती न करें।
भरपूर नींद: इस अवस्था में माँ को पर्याप्त मात्रा में सोने की जरूरत है।
संक्षेप में इतना ही कह सकते हैं कि स्वस्थ जीवनशैली और सतेज निरीक्षण रहेगा तो 40 की उम्र के बाद प्रेग्नेंट होने पर भी माँ और शिशु स्वस्थ रहेंगे और डिलीवरी भी बिना किसी जटिलता के हो जाएगा।
A
Suggestions offered by doctors on BabyChakra are of advisory nature i.e., for educational and informational purposes only. Content posted on, created for, or compiled by BabyChakra is not intended or designed to replace your doctor's independent judgment about any symptom, condition, or the appropriateness or risks of a procedure or treatment for a given person.