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जानें कैसे करीना कपूर बच्चों को अनुशासन में रखती है?

जानें कैसे करीना कपूर बच्चों को अनुशासन में रखती है?

15 Feb 2022 | 1 min Read

Mousumi Dutta

Author | 387 Articles

करीना कपूर खान ऐसी अभिनेत्री हैं, जो हमेशा मीडिया में अपने पेरेंटिंग और प्रेग्नेंसी संबंधी बातें खुलकर करती नजर आती है। साधारणत: प्रेग्नेंसी की बात अभिनेत्रियाँ क्या आम महिलाएं भी छुपाती हैं, लेकिन करीना न सिर्फ खुलकर इस बारे में बात करती हैं बल्कि अपने बेबी बंप को लेकर मीडिया के सामने आती हैं।

करीना कपूर खान ने हाल ही में दूसरे बेटे जेह को जन्म दिया है। अपने पहले बेटे की तरह उन्होंने जेह के जन्म के पहले खुद को पूरी तरह से एक्टिव रखा। योग, मेडिटेशन, प्रेग्नेंसी, ब्रेस्टफीडिंग जैसे मुद्दों को लेकर बात की है। उन्होंने मातृव्य और प्रेग्नेंसी संबंधी पुरानी धारणाओं को तोड़कर नई मिसाल खड़ी की है। आइए जानतें है कि कैसे करीना घर, काम और दोनों बच्चों को संभालती हैं।

इस लेख में हम करीना कपूर खान के कुछ जरूरी पैरेंटिंग टिप्स के बारे में चर्चा करेंगे और जानेंगे कि कैसे बच्चों को अनुशासन में रखना चाहिए। आपकी जानकारी के लिए यह बता दें कि करीना कपूर बच्चों की देखरेख करने वाली संस्था यूनिसेफ (UNICEF) से जुड़ी हुई हैं। यूनिसेफ द्वारा चलाए गए कैम्पेन एव्री चाइल्ड अलाइव कैम्पेन (Every Child Alive) का भी हिस्सा हैं ।

ब्रेस्टफीडिंग की अहमियत – शिशु के जन्म के बाद उसके लिए माँ का दूध पाना उसका पहला अधिकार होता है। शिशु को बीमारियों और बाहरी संक्रमण से रक्षा करने के लिए माँ का दूध शिशु के लिए बहुत जरूरी होती है। वह यह भी बताती हैं कि जन्म के बाद माँ के दूध का पहला आहार शिशुओं के जीवन के लिए कितना जरूरी होता है, यह आहार देना हर माँ का कर्तव्य होता है।

बच्चे के लिए वैक्सीन देने की अहमियत – शिशु और बच्चों को वैक्सीनेशन सही समय पर देने की बात को नजरअंदाज करने या उसके जरूरत को लेकर लापरवाही न बरतने की सलाह करीना कपूर देती हैं। यूनिसेफ द्वारा चलाए गए कैम्पेन एव्री चाइल्ड अलाइव कैम्पेन (Every Child Alive) का हिस्सा होने के कारण वह लोगों को यह जानकारी देना चाहती हैं कि शिशुओं और एक साल से छोटे बच्चों को सही समय पर टीका देना कितना जरूरी है।

अंधविश्वासों को जिंदगी से दूर रखने की अहमियत – मीडिया में उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि हर माँ को अंधविश्वासों को अपने जिंदगी से दूर रखना चाहिए। शिशु के जन्म के समय माँ को सिर्फ खुद पर और अपने डॉक्टर पर विश्वास रखना चाहिए, बाकी सब बातें जिंदगी से दूर होनी चाहिए।

लड़का और लड़की के परवरिश में कोई भेदभाव न करने की अहमियत- करीना कपूर अपने पैरेंटिंग टिप्स में यह भी बताती हैं कि लड़का हो या लड़की दोनों के देखभाल और परवरिश में माँ को कोई भेदभाव नहीं करनी चाहिए। माँ तो खुद ही औरत होती हैं, इसलिए उनको इस बात की गहराई को समझना चाहिए।

 बच्चों को अनुशासन में रखने की अहमियत- हाल ही में करीना का कॉस्मोपोलिटन इंडिया को दिए गए एक इंटरव्यू में उन्होंने सैफ अली खान के लिए नराजगी जताई थी कि वह अपने प्यार से तैमूर को अनुशासनहीन बना रहे हैं जो उन्हें बिल्कुल पसंद नहीं। दो बच्चों की माँ होने के कारण उन्हें दोनों के सही समय पर नींद और खाने-पीने को लेकर अनुशासन बनाए रखना पसंद हैं, लेकिन पिता सैफअली खान के लिए कभी-कभी यह संभव नहीं हो पाता है। इसलिए इस मामले वह सख्त माँ की भूमिका निभाती हैं। इसलिए इस मामले वह सख्त माँ की भूमिका निभाती हैं। लेकिन सैफ और करीना दोनों बच्चों के साथ वीकएंड एन्जॉय करते हैं। 

करीना कपूर खान एक टॉप अभिनेत्री होने के बावजूद माँ भी हैं, और यह भूमिका वह बहुत ही नायाब तरीके से निभा रही हैं। माँ और अभिनेत्री का यह संगम उनको और भी अनोखा बना देता है।

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