• Home  /  
  • Learn  /  
  • रात को शिशु को सुलाने के लिए क्या तरीका अपनाएं? जाने 9 टिप्स
रात को शिशु को सुलाने के लिए क्या तरीका अपनाएं? जाने 9 टिप्स

रात को शिशु को सुलाने के लिए क्या तरीका अपनाएं? जाने 9 टिप्स

15 Feb 2022 | 1 min Read

Mousumi Dutta

Author | 387 Articles

‘रात को बच्चा नहीं सोता’ यह शिकायत तो हर माँ-बाप के होंठो पर रहती है। उनके न सोने की आदत माँ-पिता के दिन और रात का चैन छिन लेते हैं। यह तो आप जानते ही हैं कि नींद स्वस्थ जीवन की चाबी होती है। बच्चों के संपूर्ण विकास और हॉर्मोन्स का सही तरह के काम करने के लिए पर्याप्त मात्रा में नींद की बहुत जरूरत होती है।

सच तो यह है कि नींद न आने की समस्या सिर्फ वयस्कों की समस्या नहीं बल्कि बच्चों की भी होती है। वयस्कों और बच्चों के बीच फर्क सिर्फ इतना होता है कि वह अपनी परेशानियों को साफ तरीके से बता नहीं पाते हैं। रात को बच्चा कई कारणों से जगता है, माता-पिता को उसकी जरूरत या परेशानियों को समझना होगा।

रात को बच्चों के लिए सुकून की नींद सोने के समय को युद्ध का क्षेत्र बनने से बचाने के लिए आपको कुछ छोटी-छोटी समस्याओं को समझना होगा और उनका समाधान करना होगा। साथ ही बच्चों के लिए सोने का पैटर्न बनाना होगा और उनको नींद अच्छी आए इसके लिए परिवेश भी शांत और सुकूनभरा बनाना होगा।

रात को शिशु या बच्चा को सुलाने के कुछ सिंपल और ईजी टिप्स के बारे में जानने से पहले यह जान लें कि-

किस उम्र में बच्चों को कितना सोना चाहिए?

शिशु (0–3 महीने): 14-17 घंटे,
शिशु (4-12 महीने: 12-16 घंटे,
बच्चे (1-2 वर्ष): 11-14 घंटे,
प्रीस्कूल (3–5 वर्ष): 10-13 घंटे,
स्कूल-आयु (6-13 वर्ष): 9-12 घंटे,
किशोर (14-17 वर्ष): 8-10 घंटे।

रात को शिशु को सुलाने के सिंपल और इफेक्टिव टिप्स

1. रात को शिशु को सुलाने के लिए: सोने के पहले मानसिक तैयारी- शिशु को सोने से पहले मालिश करें, इससे मांसपेशियों को आराम मिलता है। अगर गर्मी का मौसम है तो मालिश करने के बाद न शिशु को नहलाएं। इससे उनके शरीर को आराम मिलता है, और वह समझ जाते हैं कि उनको अब बड़े बच्चों को सोने से पहले दाँत साफ करके, रात का स्लीपिंग सूट पहनकर सोने की आदत डालें।

2. रात को शिशु को सुलाने के लिए: बच्चे के साथ समय बिताएं- अगर आप वर्किंग वुमन हैं तो दिन भर बच्चे से दूर रहती हैं। इसलिए रात को बच्चे के कुछ पल बिताएं। सोने के समय आपका प्यार भरा स्पर्श, प्यार भरी बातें आपका प्यार शिशु को सिक्योरिटी का एहसास दिलाता है।

3. बच्चों को सुलाने का तरीका: सोने और जागने का टाइम शेड्यूल बनाएं- टाइम शेड्यूल हर बच्चे के लिए जरूरी होता है। रात को एक निर्धारित समय पर तय कर लें और हर दिन उसी समय को मेंटेन करने की कोशिश करें। इससे बच्चे का शरीर उसी समय के अनुसार सेट हो जाता है।

4. बच्चों को सुलाने का तरीका: इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को बंद कर दें- बच्चे के सोने के 1-2 घंटे पहले घर के सारे इलेक्ट्रॉनिक स्क्रिन डिवाइस बंद कर दें। इनके चलते रहने से बच्चे के शरीर में मेलोटोनिन और सेरोटोनिन नाम का हॉर्मोन जो नींद लाने में मदद करता है, उसका उत्पादन रूक जाता है।

5. रात को शिशु को सुलाने के लिए: बच्चे की पसंद और जरूरत की चीजें पास रखें- बच्चे रात को पानी पीने या दूध पीने के लिए जागते रहते हैं। इसलिए सब चीजों को पास रखें ताकि जल्दी उनको दे सके। कमरे में प्रकाश हल्का होना चाहिए ताकि वह पानी या दूध पीकर तुरन्त सो जाए।

6. रात को शिशु को सुलाने के लिए: सोने के पहले बिस्तर को तैयार करें- बच्चे को बिस्तर साफ-सुथरा और मुलायम होना चाहिए। बिस्तर के आस-पास सामान बिखरे नहीं होने चाहिए। शिशु को यदि कोई खिलौना बहुत पसंद हो और वह छोटा और मुलायम हो तो सिर्फ वही पास रखें। सोने की जगह शांत और प्रकाश धीमी होनी चाहिए ताकि उसको चैन की नींद आए।

7. बच्चों को सुलाने का तरीका: शिशु को स्ट्रेस फ्री रखें- सोने के पहले शिशु को न ही कभी डांटे और न ही माता-पिता उसके सामने झगड़ें, इससे शिशु तनाव महसूस करता है। तनाव के कारण कोर्टिसोल नाम का हार्मोन निकलता है, जिसके कारण उसको नींद अच्छी तरह से नहीं आती।

8. बच्चों को सुलाने का तरीका:कमरे का तापमान संतुलित रखें- अगर कमरे में बहुत ज्यादा गर्मी या ठंडक है तो वह शिशु के सोने के लिए सही तापमान नहीं है। शिशु के कमरे का तापमान संतुलित होना चाहिए।

9. रात को सोने से पहले दूध पिलाएं और डायपर चेंज कर दें- रात को सोने से पहले शिशु को नया डायपर पहनाएं ताकि उसके भींगने पर उसकी नींद खुल जाती है। ठीक उसी तरह नींद आने के लिए पेट भर कर दूध भी पिला देनी चाहिए ताकि भूख लगने पर नींद व्यवधान उत्पन्न होता है।

अब तो आप समझ ही गए होंगे कि इन छोटे- छोटे चीजों को शामिल करने से आसानी से शिशु को चैन की नींद दे सकती हैं।

#babysleep

A

gallery
send-btn

Related Topics for you

Suggestions offered by doctors on BabyChakra are of advisory nature i.e., for educational and informational purposes only. Content posted on, created for, or compiled by BabyChakra is not intended or designed to replace your doctor's independent judgment about any symptom, condition, or the appropriateness or risks of a procedure or treatment for a given person.