16 Feb 2022 | 1 min Read
Mousumi Dutta
Author | 45 Articles
हर महिला के लिए प्रेग्नेंसी एक ऐसी अवस्था है जब उसको तरह-तरह की चीजें खाने की इच्छा होती है, लेकिन खाने की सभी चीजें इस दौरान माँ और शिशु दोनों के लिए सेफ हो, ऐसा नहीं होता है। उदाहरण के तौर पर हम चॉकलेट की ही बात ले लेते हैं, ज्यादा चॉकलेट खाना गर्भस्थ शिशु और माँ दोनों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है।
अब सवाल बनता है चॉकलेट जैसा मीठा और टेस्टी चीज गर्भवती महिला के लिए कितना खाना सेफ होता है? क्या हर तरह का चॉकलेट यानि डॉर्क चॉकलेट और मिल्क चॉकलेट खा सकते है? तो चलिए ऐसे ही सवालों का जवाब हम लेख में ढूंढते हैं और गर्भावस्था को सुरक्षित और हैप्पी बनाते हैं।
चॉकलेट के न्यूट्रिएंट्स
चॉकलेट में फ्लेवोनॉयड्स, थियोब्रोमाइन, मैग्नीशियम, एंटीऑक्सिडेंट, फैट आदि होते हैं। मैग्नीशियम ब्लड प्रेशर को रेगुलेट करता है तो थियोब्रोमाइन किडनी के फंक्शन को ठीक तरह से करने में सहायता करता है और फ्लेवोनॉयड एंटीऑक्सिडेंट होते हैं। इसके अलावा चॉकलेट में प्रोटीन, फैट, सोडियम, आयरन, कैल्शियम आदि होते हैं।
चॉकलेट खाना क्या सेफ हैं?
आपके जानकारी के लिए बता दें कि चॉकलेट में उच्च मात्रा में कैलोरी, फैट और शुगर होता है। प्रेग्नेंसी में चॉकलेट खाना यानि संतुलित मात्रा चॉकलेट खाना ही सुरक्षित होता है।
आपको चॉकलेट खाने के दौरान विशेष रूप से सावधान रहने की जरूरत है, अगर:
जैसा कि हाल के रिसर्चों से यह पता चला है कि पहले और दूसरे तिमाही में गर्भाशय धमनी रक्त प्रवाह में कुछ लाभ हो सकते हैं। लेकिन तीसरे तिमाही में चॉकलेट खाना गर्भस्थ शिशु के नुकसानदेह साबित हो सकता है क्योंकि इससे शिशु को जन्म के बाद पल्मोनरी डिसफंक्शन होने का खतरा होता है।
चॉकलेट खाने के फायदे
डॉर्क चॉकलेट बनाम मिल्क चॉकलेट- क्या है बेहतर
डॉर्क चॉकलेट: डार्क चॉकलेट में कम से कम 35% कोको होता है जिसे डार्क कहा जाता है।जितना डॉर्क चॉकलेट होगा उतना ही चॉकलेट में कोको की मात्रा ज्यादा होगी – 70% से 85%।न्यूटिशन: 8-12 ग्राम फैट, 0 ट्रांस फैट/ 1 ऑउंस। या 28.4 ग्रा. मैग्नीशियम, आयरन, पोटेशियम, कैल्शियम और विटामिन की मात्रा होती है।
मिल्क चॉकलेट: एफडीए ( FDA) के लिए जरूरी है कि मिल्क चॉकलेट में कम से कम 10% कोकोआ और कम से कम 12% ड्राई मिल्क हों। डार्क चॉकलेट की तरह, बाकि कोकोआ बटर, चीनी आदि रहता है। इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान इसको सीमित मात्रा में खाने की सलाह दी जाती है क्योंकि मिल्क चॉकलेट में डॉर्क चॉकलेट की तुलना में अधिक चीनी और फैट भरा होता है।
गर्भावस्था के दौरान चॉकलेट कम खाने की सलाह क्यों दी जाती है?