16 Feb 2022 | 1 min Read
Ankita Mishra
Author | 279 Articles
गर्भावस्था के चरणों में शारीरिक तौर पर विभिन्न बदलाव होते हैं। जैसे-जैसे गर्भावस्था का समय बढ़ता है, वैसे ही गर्भ में शिशु का विकास भी बढ़ता है। इससे गर्भवती के बढ़ते पेट का आकार कई फिजिकल मूवमेंट्स को प्रभावित करता है, जिसमें गर्भावस्था के दौरान सोना भी शामिल है। महिलाओं के मन अक्सर यह उथल-पुथल रहती है कि प्रेगनेंसी में कैसे सोयें (Pregnancy me Kaise Soye)? इसी का जवाब देने के लिए हम कुछ महत्वपूर्ण जानकारी लेकर आए हैं, पढ़ें हमारा यह लेख जो आपको गर्भावस्था में कैसे सोये इसकी सही जानकारी देगा।
आइए सबसे पहले जानते हैं कि प्रेगनेंसी में सोना मुश्किल क्यों होता है?
अधिकतर गर्भवती महिलाओं का कहना है कि गर्भावस्था के दौरान सोना मुश्किल भरा होता है। इसके पीछे कई प्रत्येक तिमाही में अलग-अलग कारण हो सकते हैं, जो इस तरह हैं –
दूसरी तिमाही में पेट का आकार और बढ़ने लगता है जिसकी वजह महिला जैसे ही लेटती है तो उसे हार्टबन और एसिडिटी का सामना करना पड़ सकता है। हार्मोनल चेंज का असर महिला के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। इससे बुरे सपने और चिंता जैसी मानसिक समस्याएं नींद में बाधा बन सकती हैं।
तीसरी तिमाही में नींद ना आने का कारण होता है वजन का बढ़ना। वजन बढ़ने से कमर में दर्द शुरू हो जाता है, ऐसे में सोने के लिए सुविधाजनक पोजीशन नहीं मिल पाती है जिससे महिला के लिए नींद पूरी कर पाना मुश्किल हो जाता है।
गर्भावस्था के दौरान सोने की सही स्थिति क्या है, इस बारें में रिसर्च के अनुसार बाईं ओर करवट लेकर सोना सबसे बेहतर है। ऐसा क्यों इसे समझने के लिए नीचे कुछ बिंदुओं को स्पष्ट किया गया है:
गर्भावस्था में अच्छी और क्वालिटी स्लीप लेने के लिए आप अगर कुछ आसान से टिप्स अपनाए तो आपको मदद मिल सकती है जानिए प्रेगनेंसी में कैसे सोएं (Pregnancy me Kaise Soye)?
गर्भावस्था में अच्छी नींद समय गर्भवती महिला को एक से अधिक तकियों का इस्तेमाल करना चाहिए। इस दौरान एक तकिया घुटनों के बीच, एक तकिया पेट के नीचे और एक तरिया सिर के नीचें जरूर रखें। अच्छी क्वालिटी का प्रेग्नेंसी पिलो इस्तेमाल करें।
पूरी रात बाईं करवट लेकर न सोएं। कुछ देर के लिए प्रेग्नेंसी में सोने का तरीका बदल भी सकती हैं। रोजाना एक पोजीशन में न सोएं बल्कि सुविधाजनक पोजीशन पाने के लिए करवट लेकर देखें।
सोने से करीब दो घंटे पहले ही रात का भोजन करें व इस दौरान हल्का भोजन करें। अधिक मिर्च-मसाले या तैलीय खाना खाने से परहेज करें। सुबह उठने पर शारीरिक क्षमता व सुविधा के अनुसार हल्के व्यायाम करें। सोने से पहले सिर, कमर, गर्दन व पैर की मालिश करवा सकती हैं, मालिश करने से प्रेगनेंसी में स्किन की देखभाल हो जाती है इससे ब्लड सर्कुलेशन भी बढ़ता है और नींद अच्छी आती है।
सोने का कमरा हवादार व शांत रखें। बेडरूम में टीवी न रखें, इससे आपका स्लीपिंग शेड्यूल बिगड़ सकता है और तेज़ लाईट भी न जलाएं, इससे सोने में बाधा पैदा होती है। गहरी नींद में जाने के लिए आप शांत और मधुर संगीत की मदद ले सकती हैं।
इस लेख में आपने जाना कि प्रेगनेंसी में कैसे सोयें, उम्मीद है आपको इस समस्या का समाधान मिल गया होगा।
गर्भावस्था के दौरान न सिर्फ आहार, बल्कि गर्भवती को अपने शारीरिक हलचलों के प्रति भी बेहद सजग रहना होता है। उनकी शारीरिक गतिविधि सीधे तौर पर गर्भ में पल रहे भ्रूण को प्रभावित कर सकती है। यही वजह है कि उन्हें अपने उठने-बैठने के साथ ही गर्भावस्था में सोने के तरीका का भी खास ध्यान रखना होता है। अगर इस लेख में प्रेग्नेंसी में सोने से जुड़ी बातों का ध्यान रखने के बाद भी सोने से जुड़ी समस्या बनी रहती है, तो डॉक्टर के परामर्श जरूर करें।