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गर्भावस्था में बार-बार पेशाब आना, कारण, इलाज व बचाव के टिप्स

गर्भावस्था में बार-बार पेशाब आना, कारण, इलाज व बचाव के टिप्स

16 Feb 2022 | 1 min Read

Vinita Pangeni

Author | 549 Articles

 

प्रेग्नेंसी के दिनों में महिलाओं को कई परेशानियों से गुजरना पड़ता है। इन परेशानियों में बार-बार पेशाब आना भी शामिल है। बार-बार पेशाब आने से महिलाओं को हर वक्त बाथरूम के नजदीक रहना पड़ता है। इससे उनका पूरा रूटीन प्रभावित हो जाता है। बार-बार पेशाब आने से महिलाओं को लगने लगता है कि वे किसी बीमारी का शिकार हो गई हैं। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है।

रिसर्च बताते हैं कि पेशाब ज्यादा आना प्रेग्नेंसी के कई सारे लक्षणों में से एक है। इसी वजह से गर्भावस्था में बार-बार पेशाब आना सामान्य भी माना जाता है। चलिए, इस लेख के माध्यम से ज्यादा पेशाब आने के अन्य कारण और इसके बचाव के टिप्स जानते हैं।

प्रेग्नेंसी में बार-बार पेशाब आना कब से शुरू होता है?

गर्भावस्था में बार-बार पेशाब आने की परेशानी का सामना महिला पहली तिमाही से करना शुरू कर देती है। अधिकतर रात के समय महिलाओं को यह समस्या होती है और बार-बार पेशाब करने के लिए बाथरूम जाना पड़ता है।

गर्भावस्था में बार-बार पेशाब आने के कारण

Frequent Urination in Pregnancy

हर गर्भवती में बार-बार पेशाब आने के कारण अलग-अलग हो सकते हैं। इसके लिए ये कारण जिम्मेदार माने जाते हैं।

हार्मोनल परिवर्तन – गर्भावस्था के समय बार-बार पेशाब आने का मुख्य कारण हार्मोनल बदलाव हो सकता है। दरअसल, हार्मोनल बदलाव के कारण पूरे शरीर में रक्‍त संचार काफी तेजी से होने लगता है, जिससे किडनी का रक्‍त संचार भी तेज हो जाता है। नतीजन मूत्राशय जल्दी भरने लगता है। जब मूत्राशय पूरी तरह भर जाता है, तब बार-बार पेशाब आने लगता है।

गर्भाशय में दबाव – गर्भाशय के बढ़ने से मूत्राशय वाले भाग पर दबाव पड़ता है, जिससे कि पेशाब को देर तक रोककर रखने की क्षमता कमजोर हो जाती है। तीसरी तीमाही में गर्भस्थ शिशु के धीरे-धीरे विकास होने के कारण गर्भाशय पर पड़ने वाले दबाव से भी बार-बार पेशाब आता है।

साथ ही प्रेग्नेंसी के दौरान किडनी में ज्‍यादा मात्रा में तरल यानी फ्लूइड (Fluid) आता है, जो प्रोसेस होने के बाद मूत्राशय में पहुंचता है। इससे मूत्राशय भर जाता है, जिस कारण बार-बार पेशाब आ सकता है।

यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन – यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन होने पर भी बार-बार पेशाब आ सकता है। इस परेशानी के कारण पेशाब को रोक कर रखने की क्षमता कमजोर हो जाती है, जिसकी वजह से गर्भवती को बार-बार पेशाब जाना पड़ता है।

मधुमेह – प्रेग्नेंसी के समय होने वाले मधुमेह को गर्भावधि मधुमेह या जेस्टेशेनल डायबिटीज कहते हैं। यह परेशानी अधिकतर गर्भवतियों को 24वें हफ्ते में होती है। गर्भावधि मधुमेह से गुजर रही महिलाओं को प्यास ज्यादा लगती है और बार-बार यूरिन करने के लिए जाना पड़ता है।

गर्भावस्था में बार-बार पेशाब आने का इलाज

Frequent urination in pregnancy

प्रेग्नेंसी में बार-बार पेशाब आना एक आम समस्या है, जिसके लिए किसी तरह के मेडिकल ट्रीटमेंट की आवश्यकता नहीं होती है। हां, अगर मधुमेह का यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन की वजह से बार-बार पेशाब आने की समस्या हुई है, तो डॉक्टर इनका इलाज करके बार-बार पेशाब आने की परेशानी को दूर सकता है। साथ ही प्रेग्नेंसी में बार-बार पेशाब आने का इलाज करने के लिए कुछ सामान्य तरीकों को भी अपनाया जाता है। ये उपाय कुछ इस प्रकार हैं:

किगल एक्सरसाइज – प्रेग्नेंसी में पेशाब आने की समस्या को कम करने के लिए किगल एक्सरसाइज कर सकते हैं। दरअसल, ऐसा माना जाता है कि इस व्यायाम को करने से पेल्विक भाग की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इससे पेशाब को कुछ वक्त के लिए रोक कर रखा जा सकता है।

क्रेनबेरी जूस – पेशाब आने के घरेलू उपाय के तौर पर क्रेनबेरी के जूस का सेवन कर सकते हैं। एक रिसर्च के मुताबिक, क्रेनबेरी का जूस पीने से यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन को ठीक किया जा सकता है। इस समस्या के ठीक होने पर भी बार-बार पेशाब आने की समस्या कम हो सकती है। हालांकि, क्रेनबेरी का जूस तरल पदार्थ होता है, इसलिए कुछ मामले में पेशाब आने का कारण भी बन सकता है।

दही – अगर प्रेग्नेंसी के समय यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन के कारण बार-बार पेशाब आ रहा है, तो इस समस्या को कम करने के लिए दही का सेवन कर सकते हैं। दही में प्रोबायोटिक्स यानी अच्छे बैक्टीरिया होते हैं, जो संक्रमण से राहत दिलाने में सहायता कर सकते हैं। इससे बार-बार पेशाब आने की समस्या भी कम हो सकती है।

नींबू पानी – प्रेग्नेंसी के समय नींबू पानी पीने से भी बार-बार पेशाब आना कम हो सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन की मानें, तो नींबू के रस में एंटीमाइक्रोबियल गुण होता है। एंटीमाइक्रोबियल गुण संक्रमण का कारण बनाने वाले बैक्टीरिया को नष्ट कर सकता है। इससे यूरिन इन्फेक्शन को ठीक करने में भी मदद मिलती है, जिससे बार-बार पेशाब आने का जोखिम को है।

गर्भावस्था में बार-बार पेशाब आने से बचाव के टिप्स

प्रेग्नेंसी में पेशाब की समस्या से बचने के लिए कुछ टिप्स सहायक हो सकते हैं। इन टिप्स को अपनाकर बार-बार पेशाब आने की शिकायत को कम किया जा सकता है।

  • बार-बार पेशाब आने से बचाव के लिए पेशाब करते समय पूरे मूत्राशय को खाली करें।
  • पेशाब करके आने के तुरंत बाद पानी पीने से बचें। अगर प्यास लगी है, तो पहले पानी पी लें। फिर पेशाब करने के लिए जाएं।
  • कैफीन युक्त पेय पदार्थ को लेने से बचें।
  • रात में सोने से 1 घंटा पहले तक ही पानी पिएं उसके बाद नहीं ।
  • इस समय अल्कोहल और अल्कोहल युक्त पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • प्रेग्नेंसी में ड्यूरेटिक (Diuretic) यानी मूत्रवर्धक प्रभाव वाली दवाई लेने से भी बचें।

प्रेग्नेंसी के समय बार-बार पेशाब आना सामान्य हो सकता है, लेकिन कुछ मामलों में यह शारीरिक समस्या का लक्षण भी हो सकता है। ऐसे में अगर बहुत ज्यादा पेशाब आता है, तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। साथ ही पेशाब आना कम करने के लिए ऊपर बताए गए उपायों को भी अपनाया जा सकता है। बस अगर किसी सामग्री से एलर्जी हो, तो उसे लेने से बचें। ध्यान दें कि प्रेग्नेंसी में कोई भी नया खाद्य पदार्थ आहार में शामिल करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है।

 

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