बच्चों की हैंडराइटिंग सुधारने के 5 तरीके

बच्चों की हैंडराइटिंग सुधारने के 5 तरीके

23 Feb 2022 | 1 min Read

Vinita Pangeni

Author | 549 Articles

एग्जाम में एक्स्ट्रा मार्क्स लाने हों या किसी को इम्प्रेस करना हो, हैंडराइटिंग बड़ी ही काम आती है। लेकिन इस डिजिटल जमाने में बच्चों की लिखने की आदत कम होती जा रही है और कई जगह तो बच्चे स्कूल के सारे काम लैपटॉप से ही करते हैं। इसी वजह से पेन और पेंसिल से पेपर में लिखना बच्चों को काफी मुश्किल लगता है। ऊपर से अच्छी हैंडराइटिंग होना, तो और भी कठिन। ऐसे में पेरेंट्स अगर अपने बच्चे की हैंडराइटिंग सुधारना चाहते हैं, तो इस लेख में हैंडराइटिंग अच्छी करने के कुछ आसान तरीके बताए गए हैं। इनपर ध्यान देकर आप बच्चे की लिखावट में सुधार ला सकते हैं।

अच्छी हैंडराइटिंग के फायदे

हर कोई चाहता है कि उसकी अच्छी हैंडराइटिंग हो। लेकिन क्या आपको पता है कि अच्छी हैंडराइटिंग के कई फायदे भी हैं। चलिए, आगे जानते हैं अच्छी हैंडराइटिंग के फायदे।

  • रिसर्च के अनुसार, अच्छी हैंडराइटिंस से दिमाग चीजें सही से याद कर पाता है। दरअसल, जब बच्चा अच्छा लिखता है, तो वो बाद में उन वाक्यों को आसानी से और अच्छे से पढ़ पाता है। साथ ही अच्छी लिखावट उसके दिमाग में अच्छे से बैठ जाती है, जिसकी मदद से उसे चीजें अच्छे से याद रहती हैं और उसका दिमाग तेजी से काम करता है।
  • एग्जाम में हैंडराइटिंग के एक्सट्रा मार्क्स मिलते हैं।
  • आत्मविश्वास बढ़ता है।
  • लोग हैंडराइटिंग देखकर तारीफ करते हैं, जिससे खुशी मिलती है।
  • अच्छी हैंडराइटिंग होने पर नोट्स को दोबारा पढ़ने हो, तो उसमें भी मन लगता है और लिखा हुआ सबकुछ अच्छे से समझ आता है।

बच्चों की हैंडराइटिंग से जुड़ी समस्याएं / खराब हैंडराइटिंग के कारण

बच्चों को लिखते समय कुछ गलतियां करते हैं, जिस वजह से उनकी लिखावट खराब हो जाती है। इसे हैंडराइटिंग खराब होने का कारण भी कहा जा सकता है।

  • अक्षरों का छोटा-बड़ा होना
  • शब्दों का ऊपर नीचे लिखना
  • शब्दों के बीच की दूरी एक जैसी न होना
  • लिखे हुए शब्दों को बार-बार काटना
  • वाक्य एक सीधी लाइन में न लिखना
  • शब्दों के ऊपर दोबारा लिखना
  • अक्षरों का टेढ़ा-मेढ़ा होना
  • शब्दों को ज्यादा चिपका कर लिखना
  • अक्षरों को उल्टा लिखना
  • न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर जैसे डिसग्राफिया (Dysgraphia)

kids handwriting

बच्चों की हैंडराइटिंग सुधारने के 5 तरीके

बच्चों की खराब लिखावट को अच्छा बनाने के लिए पैरेंट्स कई जतन करते हैं। अच्छी हैंडराइटिंग के लिए इन तरीकों को अपनाया जा सकता है।

1. बार-बार लिखने की प्रेक्टिस करवाएं

बच्चों की हैंडराइटिंग को सुधारने के लिए बार-बार लिखने की प्रैक्टिस करवाना अच्छा माना जाता है। बच्चे जितना लिखेंगे, उतना ही वो अपने अक्षरों और शब्दों को सही तरीके से लिख पाएंगे। साथ ही पेरैंट्स बच्चे को उसकी गलती बताकर उसे सुधारने के तरीके बता सकते हैं। इसी वजह से तो पहले स्कूल में भी छोटे बच्चों को एक ही पैराग्राफ कई बार लिखने के लिए कहा जाता था। भले ही डिजिटल दौर में इसका चलन कम हो गया हो, लेकिन हैंडराइटिंग सुधारने का यह एक कारगर तरीका माना जाता है।

2. पेन या पेंसिल को सही से पकड़ना सिखाएं

पेन या पेंसिल को ठीक तरीके से न पकड़ना भी खराब हैंडराइटिंग का एक कारण बन सकता है। ऐसे में माता-पिता को ध्यान देना होगा कि बच्चे कहीं पेंसिल व पेन को ज्यादा कसकर तो नहीं पकड़ रहे हैं। इस तरह से कलम पकड़ने से हैंडराइटिंग खराब हो जाती है। साथ ही पेन-पेंसिल को ज्यादा ढीला पकड़ना भी सही नहीं है।

उन्हें बताएं कि अंगूठा, मध्यमा (Middle) और तर्जनी (Index) उंगली से ही पेंसिल और पेन को पकड़ा जाता है। अगर लगे कि बच्चा सही से पेन-पेंसिल नहीं पकड़ रहा है, तो उसे अपने हाथों से पेन-पेंसिल पकड़कर सही तरीका बताएं। ऐसा तबतक करते रहें, जबतक बच्चा सही से पेंसिल न पकड़ने लग जाए।

3. अक्षर और शब्दों की पहचान कराएं

अज्ञानता और कॉन्सेप्ट ठीक से क्लियर न हो पाना भी खराब लिखावट की वजह है। इसलिए पेरेंट्स को अक्षर और शब्दों की पहचान बच्चे को अच्छे से करानी चाहिए। यह दिक्कत अंग्रेजी और हिंदी दोनों में आती है। बच्चे ‘b’ और ‘d’ और ‘घ’ और ‘ध’ जैसे कई शब्दों में अंतर नहीं समझ पाते। फिर इनसे बनने वाले सारे शब्दों को गलत तरीके से लिखते हैं। साथ ही इन्हें ठीक तरीके से पढ़ भी नहीं पाते। इस वजह से हैंडराइटिंग भी बिगड़ती है और वाक्य संरचना भी खराब हो जाती है।

kids handwriting

4. शरीर की पोजिशन और टेबल की ऊंचाई सही रखें

अच्छी हैंडराइटिंग के लिए शरीर के बैठने का पॉश्चर और टेबल-कुर्सी की ऊंचाई भी काफी मायने रखती है। दरअसल, जब बच्चा आड़ा-तिरछा होकर बैठता है, तो उसकी राइटिंग बिगड़ जाती है। अगर टेबल की या कुर्सी की ऊंचाई अधिक हो, तो भी यह दिक्कत होती है। ध्यान रखें कि बच्चे की कोहनी कुर्सी पर बैठने के बाद टेबल पर आसानी से आ जाए। जब वो कोहनी को टेबल पर ठीक से रखकर लिखते हैं, तो उनकी हैंडराइटिंग में काफी सुधार नजर आता है।

5. राइटिंग प्रैक्टिस बुक

हैंडराइटिंग सुधारने के लिए बाजार में कई बुक मौजूद हैं। अल्फाबेट और कर्सिव राइटिंग बुक से तो हर कोई वाकिफ होगा। कर्सिव राइटिंग बुक से तो बच्चे कर्सिव लिखना भी सिखते हैं और लिखावट में भी अच्छा सुधार होता है। साथ ही टू लाइन और थ्री लाइन वाली नोटबुक भी जरूरी है। अगर बच्चा कोरे पन्ने वाली नोट बुक में सही से नहीं लिख पाता है, तो उसे टू लाइन नोटबुक में हिंदी की और थ्री लाइन नोटबुक में इंग्लिश की प्रैक्टिस करवाएं। इससे उसकी राइटिंग सुधरती है।

हैंडराइटिंग सुधारने के तरीके बड़े ही आसान हैं। जरूरत है, तो इन्हें अच्छे से आजमाने की और बच्चों में लिखते रहने की आदत डालने की। कई बार हैंडराइटिंग खराब होने का कारण दिमाग संबंधी और व्यवहार संबंधी विकार भी होते हैं। अगर बार-बार कोशिश करने के बाद भी बच्चे की हैंडराइटिंग में सुधार न हो पाए, तो विशेषज्ञ से संपर्क करें। उसे किसी भी तरह की समस्या होगी, तो वो उसका पता लगाकर सही ट्रीटमेंट करेंगे। नतीजन हैंडराइटिंग भी सुधरने लगेगी।

#childeducation

A

gallery
send-btn

Related Topics for you

Suggestions offered by doctors on BabyChakra are of advisory nature i.e., for educational and informational purposes only. Content posted on, created for, or compiled by BabyChakra is not intended or designed to replace your doctor's independent judgment about any symptom, condition, or the appropriateness or risks of a procedure or treatment for a given person.