19 Feb 2022 | 1 min Read
Vinita Pangeni
Author | 549 Articles
प्रसव के बाद महिलाएं अपना पूरा ध्यान शिशु की देखभाल में ही देती हैं। इस समय किसी और चीज के बारे में सोचने की भी फुरसत माता-पिता को नहीं मिलती है। ऐसे में कई महिलाएं प्रसव के कुछ समय बाद ही दूसरी बार गर्भधारण कर लेती हैं। इससे पहले बच्चे की परवरिश से लेकर बजट तक प्रभावित हो जाता है। इसी वजह से इस लेख में हम प्रसव के बाद दोबारा गर्भधारण से बचने के लिए 5 कारगर गर्भनिरोधक तरीके लेकर आए हैं। डिलीवरी के बाद प्रेग्नेंसी रोकने के तरीके विस्तार से जानने के लिए नीचे स्क्रॉल करें।
प्रसव के बाद मासिक धर्म की शुरुआत छह सप्ताह से तीन माह के बीच में हो सकती है। मासिक धर्म शुरू होने से पहले के दो हफ्ते फर्टाइल डे कहलाते हैं। इस दौरान अगर महिला शारीरिक संबंध बनाती है, तो वो गर्भधारण कर सकती है। इसी वजह से प्रसव के लगभग तीन हफ्ते बाद गर्भनिरोधक का इस्तेमाल करना शुरू कर देना चाहिए।
डिलीवरी के बाद फिर से गर्भवती होने से बचने के लिए कई गर्भनिरोधक उपायों को अपनाया जा सकता है। इन उपायों में ये शामिल हैं।
कंडोम – गर्भनिरोध का सबसे आसान तरीका महिलाओं व पुरुषों का कंडोम है। ये संबंध वीर्य का योनी में प्रवेश होने का जोखिम दूर करते हैं। इससे गर्भधारण करने से बचा जा सकता है। महिलाओं के कंडोम को 95 प्रतिशत सफल और पुरुषों के कंडोम को 98 प्रतिशत सफल माना गया है। इसका उपयोग डिलीवरी के तुरंत बाद भी कर सकते हैं।
डायाफ्राम व कैप – यौन संबंध स्थापित करते समय डायाफ्राम या कैप का उपयोग करने से भी प्रेग्नेंसी को रोका जा सकता है। यह डायाफ्राम व कैप रबड़ से या फिर सिलिकॉन से बनी होती है। डायाफ्राम नरम व गोलाकार और गुंबद जैसा दिखता है, इसलिए इसे कैप भी कहा जाता है। यह सर्वाइकल (Cervical) पर अच्छी तरह बैठ जाता है, जिसकी मदद से गर्भवती होने का जोखिम कम हो जाता है। यह प्रेग्नेंसी रोकने का तरीका प्रसव के छह हफ्ते बाद ही अपनाना चाहिए। सही तरीके से इस्तेमाल करने पर इसे 92 से 96 प्रतिशत तक प्रभावकारी पाया गया है।
इम्प्लांट – डिलीवरी के बाद गर्भनिरोध का एक उपाय इम्प्लांट कराना भी है। यह एक तरह की छोटी, पतली व लचीली प्लास्टिक की ट्यूब होती है। इससे प्रोजेस्टोजेन (Progestogen) हार्मोन धीरे-धीरे शरीर में जाता है, जो ओवरी को एग रिलीज करने से रोकता है।
इसे प्रसव के बाद तीन साल तक के लिए कारगर माना जाता है और इसकी प्रभावकारिता 99.95 प्रतिशत तक है। इस प्रेग्नेंसी रोकने के तरीके को प्रसव के तुरंत बाद भी अपनाया जा सकता है।
इंट्रायूटेरिन सिस्टम – यह एक अंतर्गर्भाशयी यंत्र ((IUS) है, जिसका आकार अंग्रेजी के “टी” अक्षर की तरह होता है। यह प्लास्टिक का बना होता है, जिसे गर्भाशय के अंदर फिट किया जाता है। इसे इस्तेमाल करने पर पांच सालों तक गर्भधारण करने से बचा जा सकता है।
इस यंत्र को कभी भी निकलवाया जा सकता है। इस यंत्र को शिशु के जन्म के चार महीने बाद ही लगाने की सलाह दी जाती है। इसकी प्रभावकारिता 99 प्रतिशत तक बताई जाती है।
मिनी-पिल – प्रसव के बाद गर्भनिरोधक के लिए मिनी-पिल का उपयोग कर सकते हैं। मिनी पिल को प्रोजेस्टोजन-ओनली-पिल (progestogen-only pill) के नाम से भी जाना जाता है। यह दवाई गर्भधारण को रोकने में मदद कर सकती है। सही तरीके से लेने पर इसे 99 प्रतिशित प्रभावी माना गया है। इसे डिलीवरी के तुरंत बाद भी लेना सुरक्षित बताया जाता है।
प्रसव के बाद गर्भनिरोध के उपाय संभल कर करने चाहिए। इस दौरान कुछ गर्भनिरोधकों के इस्तेमाल से बचने की सलाह दी जाती है। आगे बढ़ते हुए जानिए कि डिलीवरी के बाद किन गर्भनिरोधकों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
वेजाइनल रिंग के उपयोग से बचें या डॉक्टर से चेकअप करवाने के बाद ही इसका इस्तेमाल करें। दरअसल, यह एक लचीली रिंग होती है, जिसे योनि के अंदर स्थापित किया जाता है। लेकिन इससे ब्लड क्लॉट का खतरा रहता है और स्तनपान करा रही माँ को भी इसे उपयोग करने की सलाह नहीं दी जाती है।
प्रसव के बाद गर्भधारण को रोकने के लिए पैच का इस्तेमाल करने से बचें। यह एक तरह का प्लास्टर होता है, जिसे त्वचा पर चिपकाया जाता है। इससे भी ब्लड क्लॉट का जोखिम होता है।
डिलीवरी के बाद गर्भनिरोधक का इस्तेमाल करते समय कुछ सावधानियों को ध्यान में रखना होता है। इससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचने में मदद मिल सकती है। ये सावधानियां कुछ इस तरह हैं।
अगर प्रसव के तुरंत बाद या लंबे समय तक कोई महिला दोबारा मां बनने के लिए तैयार नहीं है, तो वो इन गर्भनिरोधक के तरीकों को अपना सकती है। इससे प्रेग्नेंट होने का जोखिम और टेंशन दोनों कम हो जाएगा। ऐसा करके नई मां अपने पहले शिशु की देखभाल में अपना पूरा वक्त दे सकती है। साथ ही नया बेबी प्लान करना है या नहीं, इस पर भी अच्छे से गौर कर सकती हैं। बस ध्यान रहे कि प्रसव के बाद प्रेग्नेंसी रोकने के तरीके अपनाने से पहले महिला को डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।
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