18 Feb 2022 | 1 min Read
Vinita Pangeni
Author | 549 Articles
हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका शिशु बिना किसी परेशानी के ही बड़ा हो। लेकिन शिशुओं के बड़े होने का सफर इतना आसान नहीं होता है। इस दौरान उन्हें कई समस्याओं से गुजरना पड़ता है। इनमें से एक आंखों में सूजन होना भी है। अक्सर कई शिशुओं में यह परेशानी देखी जाती है, जिस कारण पेरेंट्स परेशान हो जाते हैं। उनकी इस परेशानी को दूर करने में यह लेख सहायक साबित हो सकता है। यहां हम आंखों में सूजन का कारण और आंखों की सूजन का इलाज बता रहे हैं।
शिशुओं की आंखों में सूजन के कारण को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है। इसमें सबसे पहले एक आंख में सूजन होने का कारण और फिर दोनों आंखों में सूजन के कारणों को समझना जरूरी है। आइए, सबसे पहले जानते हैं एक आंख में सूजन होने के कारण।
कीड़े का काटना – शिशु की आंख को चीटी या मच्छर काट ले, तो उस भाग में सूजन हो जाती है। इसलिए, एक आंख में सूजन होने का एक कारण कीड़े का काटना भी माना जा सकता है।
ब्लॉक्ड टीयर डक्ट्स (Blocked Tear Ducts) – ब्लॉक्ड टीयर डक्ट्स को डैरयॉयस्टाइटिस भी कहते हैं। यह एक तरह का बैक्टीरियल संक्रमण है, जो आंख के कोने में नाक की तरफ आंसू की थैली में होता है। इस बैक्टीरियल संक्रमण के कारण भी एक आंख में सूजन हो सकती है।
साइनसाइटिस (Sinusitis) – बच्चों के एक आंख में सूजन आने का कारण साइनसाइटिस को भी जिम्मेदार माना जाता है। यह नाक की हड्डी के बढ़ने से होने वाली समस्या है, जिसका असर आंखों में भी दिखाई देता है। इससे प्रभावित बच्चों की आंखों में सूजन हो सकती है।
एलर्जिक रिएक्शन – शिशु की त्वचा बहुत संवेदनशील होती है। खासकर, आंखों के आसपास की त्वचा। जब यह स्किन किसी अलग चीज के संपर्क में आती है, तो एलर्जिक रिएक्शन होने लगता है। इसके चलते शिशु की आंख में सूजन हो सकती है। यह एलर्जी जानवरों के बाल या धूल के कण से हो सकती है।
आंखों को रगड़ना – यदि किसी बच्चे के एक आंख में सूजन है, तो इसका कारण आंख मलना हो सकता है। दरअसल, आंख को रगड़ने पर उस भाग की त्वचा सूज जाती है, जिससे आंख में सूजन दिखाई देती है। आम तौर पर शिशुओं की आंखों में कचरा चले जाने पर वह बार-बार आंखों को रगड़ने लगते हैं।
इनके अलावा दोनों आंखों में सूजन होने के भी कई कारण हैं। शिशुओं की दोनों आंखों में सूजन होने के कारण में ये शामिल हैं –
नेफ्रोटिक सिंड्रोम – यह किडनी की फिल्टरिंग से संबंधित समस्या है। इस समस्या के होने पर रक्त वाहिकाओं और ऊतकों में एल्ब्यूमिन नामक प्रोटीन का स्तर बढ़ने लगता है, जिससे आंखों के आस-पास सूजन हो सकती है।
कंजंक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) – यह आंखों से जुड़ी समस्या है, जिसमें आंखें संक्रमित हो जाती हैं। इसे आंख आना और पिंक आई भी कहते हैं। इस समस्या के होने पर बच्चों के दोनों आंखों में सूजन हो जाती है।
आंखों में चोट लगना – दोनों आंखों में सूजन होने का एक कारण चोट लगना भी है। यदि शिशुओं के आंखों में हल्की-सी भी चोट लग जाए, तो उस भाग में सूजन हो जाती है।
अगर किसी शिशु की आंखों में सूजन हो गई है, तो वे इस समस्या को बढ़ने से रोकने के लिए कुछ इलाज को अपना सकते हैं। इसके लिए इन इलाज की प्रक्रिया को प्रभावी माना जाता है।
बीमारी का उपचार – सबसे पहले पता लगाना होगा कि शिशुओं की आंखों में सूजन होने का क्या कारण है। दरअसल कुछ समस्याएं जैसे नेफ्रोटिक सिंड्रोम और साइनसाइटिस आदि के कारण आंखों में सूजन हो सकती है। ऐसे में आंखों के सूजन को कम करने के लिए इन समस्याओं का इलाज करना जरूरी है।
एंटीहिस्टामाइन ड्रॉप – यदि शिशु की आंखों में सूजन होने का मुख्य कारण एलर्जी है, तो इसके लिए एंटीहिस्टामाइन आई ड्रॉप्स का उपयोग करने की सलाह डॉक्टर दे सकते हैं। एंटीहिस्टामाइन ड्रॉप, एलर्जी के असर को कम करता है। इसके लिए डॉक्टर द्वारा निर्धारित आई ड्रॉप्स ही लें।
एंटीवायरल ड्रॉप – आंखों की सूजन के इलाज में एंटीवायरल ड्रॉप का भी उपयोग किया जाता है। इस ड्राप को छोटे बच्चों के लिए सुरक्षित माना जाता है। यह ड्रॉप हर्पीज या जोस्टर वायरस से होने वाले संक्रमण को ठीक कर सकता है। इससे सूजन कम हो सकती है।
एंटीबायोटिक आई ड्रॉप – कई बार आंखों में सूजन होने का कारण बैक्टीरिया होते हैं। ऐसी स्थिति में एंटीबायोटिक आई ड्रॉप का उपयोग करने की सलाह दी जाती है। एंटीबायोटिक आई ड्रॉप से बैक्टीरिया की समस्या और उससे होने वाली सूजन से राहत मिलती है। हालांकि, इस ड्राप को एक साल से छोटे बच्चों के लिए इस्तेमाल न करने की सलाह दी जाती है।
नोट – इस लेख में बताए गए इलाज को डॉक्टर की सलाह पर ही अपनाएं।
शिशुओं की आंखों में सूजन होने पर इसे ठीक करने के लिए घरेलू देखभाल करना जरूरी होता है। इस समस्या को कम करने के लिए माता-पिता इन तरीकों को अपना सकते हैं।
आंखें सभी की शरीर का बेहद नाजुक अंग होता है। जब बात शिशु की आती है, तब मामला और गंभीर हो जाता है। इसलिए, शिशु के आंखों की देखभाल करना जरूरी है। यूं तो आंखों में सूजन होना आम है, लेकिन यह परेशानी बढ़ने से पहले ही डॉक्टर से जरूर संपर्क कर लें। अगर सूजन ज्यादा गंभीर नहीं है, तो डरने की आवश्यकता नहीं है। बस शिशु की आंखों को हमेशा साफ रखें।
A
Suggestions offered by doctors on BabyChakra are of advisory nature i.e., for educational and informational purposes only. Content posted on, created for, or compiled by BabyChakra is not intended or designed to replace your doctor's independent judgment about any symptom, condition, or the appropriateness or risks of a procedure or treatment for a given person.