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शिशुओं के पेशाब से बदबू आना : कारण, लक्षण और घरेलू इलाज

शिशुओं के पेशाब से बदबू आना : कारण, लक्षण और घरेलू इलाज

18 Feb 2022 | 1 min Read

Vinita Pangeni

Author | 549 Articles

शिशु को हल्की छींक भी आ जाए, तो माता-पिता बेचैन हो जाते हैं। ऐसा होना स्वभाविक भी है, क्योंकि बच्चे मां-बाप के कलेजा का टुकड़ा जो होते हैं। बड़े होने के दौर में शिशुओं को होने वाली परेशानियों में से एक पेशाब से बदबू आना भी है। यह किसी गंभीर समस्या का कारण है या नहीं, इस बात को पेरेंट्स समझ नहीं पाते। ऐसे में जो माता-पिता शिशु के पेशाब में बदबू आने से परेशान हैं, उनके लिए हम यह लेख लेकर आए हैं। यहां शिशुओं के यूरिन से बदबू आने के कारण, लक्षण के साथ ही पेशाब से बदबू आने का इलाज भी बताया गया है।

शिशु के पेशाब से बदबू आने का कारण

शिशुओं के पेशाब से बदबू आने का कारण, समझकर समय रहते जरूरी कदम उठाने में मदद मिलती है। चलिए, तो जानते हैं कि छोटे बच्चे के पेशाब से बदबू आने के कारण क्या हैं।

1. डिहाइड्रेशन – शिशुओं के पेशाब से बदबू आने का कारण डिहाइड्रेशन यानी पानी की कमी हो सकती है। मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, ​शिशुओं को तरल पदार्थ जैसे दूध और पानी आदि कम मात्रा में मिलने पर शरीर में पानी की कमी हो जाती है। इसके चलते उनके पेशाब से अमोनिया जैसी बदबू आने लगती है।

2. शतावरी – अगर बच्चे को ठोस आहार देना शुरू कर दिया है, तो खाद्य पदार्थ के कारण भी पेशाब से बदबू आ सकती है। बताया जाता है कि छह माह से अधिक उम्र के बच्चों को आहार में शतावरी देने से पेशाब से गंध आ सकती है।

3. अस्वच्छता – शिशु के शरीर और खानपान को लेकर स्वच्छता न रखने शरीर से बदबू आती है, जो पेशाब से आने वाली बदबू लग सकती है। इसके अलावा, संक्रमण का जोखिम भी बढ़ जाता है। दरअसल, बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश करके शिशु में यूरिन ट्रैक्ट इन्फेक्शन की समस्या उत्पन्न करते हैं। इस समस्या से प्रभावित शिशु के पेशाब से तेज गंध आ सकती है।

Baby urine smell

4. मेटाबॉलिक डिसऑर्डर – पेशाब से बदबू आने का कारण चयापचय से संबंधी रोग भी है। एक शोध की मानें, तो ट्राइमेथीलेमिनुरिया (Trimethylaminuria – एक तरह की चयापचय संबंधी बीमारी) की स्थिति में पेशाब और पसीने से मछली जैसी बू आती है। भले ही यह दुर्लभ बीमारी है, लेकिन छोटे बच्चे भी इसकी चपेट में आ सकते हैं।

5. मेपल सिरप यूरिन डिजीज – यह यूरिन डिजीज भी आनुवांशिक है। ​इस बीमारी के कारण शरीर में अमिनो एसिड का स्तर असंतुलित हो जाता है। अमिनो एसिड​ का स्तर प्रभावित होने पर पेशाब से मीठी गंध आती है

6. डबॉविट्ज (Dubowitz) सिंड्रोम – यह भी आनुवंशिक विकार है, जो बहुत कम बच्चों को होता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी) में मौजूद एक रिसर्च में दिया है कि इस रोग से प्रभावित शिशुओं के पेशाब से सड़ी हुई बदबू आती है।

7. मधुमेह और लिवर की समस्या – अगर किसी शिशु को मधुमेह की समस्या है, तो उसके पेशाब से मीठी गंध आ सकती है। साथ ही ​लिवर फेलियर से संबंधित समस्या जैसे कि फोएटर हेपेटिकस (Foetor Hepaticus) होने पर पेशाब से अमोनिया जैसी बदबू आ सकती है।

8. दांत निकलना – एनसीबीआई की वेबसाइट में उपलब्ध एक रिसर्च पेपर में जिक्र मिलता है कि शिशु के पेशाब से बदबूदार गंध आने का कारण उनका दांत आना भी है। यह दांत निकलते समय नजर आने वाला एक लक्षण है।

शिशु के पेशाब में बदबू के लक्षण

शिशु के पेशाब से बदबू आने से पहले ही उनमें कुछ लक्षण नजर आ सकते हैं। पेशाब से बदबू आने का लक्षण कुछ इस प्रकार है :

  • पेशाब के रंग में परिवर्तन होना जैसे- पीला, भूरा या लाल रंग का यूरिन आना
  • पेशाब का झागदार दिखाई देना
  • मुंह का सूखना
  • बुखार आना
  • पेट के निचले भाग में दर्द होना

 newborn urine smell

शिशु के पेशाब से बदबू आने का इलाज

शिशु के पेशाब से बदबू आने पर उसे ठीक करने के लिए डॉक्टर कुछ इलाज कराने की सलाह दे सकते हैं। पेशाब से बदबू आने का इलाज विशेषज्ञ कुछ इस तरह से कर सकते हैं।

बीमारी का इलाज – छोटे बच्चों के पेशाब से बदबू रोकने के लिए उसके पीछे जिम्मेदार बीमारी का इलाज किया जाता है। जैसे कि मधुमेह, लिवर और चयापचय रोग का सही उपचार करना। ऐसा करने से पेशाब से बदबू आना बंद या कम हो सकता है।

रिहाइड्रेशन थेरेपी – शिशु के पेशाब से बदबू आने का इलाज करने में रिहाइड्रेशन थेरेपी मदद कर सकती है। दरअसल, ओरल रिहाइड्रेशन सोल्यूशन (Oral Rehydration Solutions) पानी की कमी को दूर किया जाता है। इसके लिए नसों के माध्यम (IV) से तरल पदार्थ दिया जाता है, जो शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स और पानी की मात्रा बढ़ाते हैं।

एंटीबायोटिक्स दवाएं – पेशाब से बदबू आने का इलाज एंटीबायोटिक्स दवाई से भी किया जा सकता है। वैज्ञानिक अध्ययन के मुताबिक, शिशुओं में मूत्र पथ संक्रमण के कारण पेशाब से तेज गंध आती है। इस संक्रमण की समस्या को कम करने के लिए एंटीबायोटिक्स दवाई मददगार हो सकती हैं। एंटीबायोटिक्स दवाइयां छोटे बच्चों के लिए सुरक्षित भी मानाी जाती है।

दवाओं और खानपान में बदलाव – यदि मां या शिशु को विटामिन्स या अन्य दवाई दी जा रही है, तो उसकी खुराक या दवाई में डॉक्टर बदलाव करने की सलाह दे सकते हैं। दरअसल, विटामिन को भी पेशाब से दुर्गंध आने का कारण माना जाता है। इसके अलावा, शतावरी खाने से भी बचने के लिए डॉक्टर कह सकते हैं।

शिशु के पेशाब में बदबू आने से बचाव

अगर कुछ बातों को ध्यान में रखा जाए, तो शिशुओं के पेशाब से बदबू आने से बचाव किया जा सकता है। इसके लिए नीचे बताए जा रहे तरीकों को प्रभावी माना जाता है।

  • शिशु का नियमित चेकअप कराते रहें।
  • उन्हें उचित मात्रा में समय-समय पर स्तनपान कराएं।
  • 6 माह के बाद दूध के अलावा दिन में कुछ मात्रा में पानी भी पिलाएं।
  • स्तनपान कराने वाली महिलाओं को शतावरी का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • डायपर गिला होने पर तुरंत बदलें। इससे संक्रमण का जोखिम दूर रहेगा।
  • शिशु के शरीर की स्वच्छता को बनाए रखें।

शिशु के पेशाब से बदबू आना कोई गंभीर समस्या नहीं होती है, लेकिन कुछ मामलों में यह गंभीर समस्या का लक्षण हो सकता है। ऐसे में अगर लंबे समय तक शिशु के पेशाब से दुर्गंध आती है, तो समय व्यर्थ किए बिना तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। साथ ही डॉक्टर द्वारा बताए गए इलाज और देखभाल के तरीके को जरूर अपनाएं।

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