20 Feb 2022 | 1 min Read
Ankita Mishra
Author | 279 Articles
इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि कोविड-19 से बचाव के लिए मास्क का उपयोग कितना लाभकारी है। पर यहां पर सवाल यह है कि क्या नवजात शिशुओं को मास्क पहनाना भी सुरक्षित हो सकता है? अगर हां, तो भी पेरेंट्स के मन में ये सवाल जरूर आता है कि उन्हें किस उम्र में अपने नवजात शिशुओं को मास्क पहनाना चाहिए? इसी से जुड़ी उलझन को दूर करने के लिए पढ़ें यह लेख। यहां शिशु को मास्क पहनाना सुरक्षित है या नहीं इसके बारे में विस्तार से बताया गया है।
जी हां, पेरेंट्स अपने नवजात शिशुओं को मास्क पहना सकते हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन यानी WHO और यूनिसेफ (UNICEF) ने इस संबंध में गाइडलाइन भी जारी किया है, जिसके अनुसार, कोविड-19 से बचाव के लिए शिशु को मास्क पहनाया जा सकता है। वयस्क लोगों की ही तरह नवजात शिशुओं को मास्क पहनाना भी कारगर साबित हो सकता है।
सीडीसी इसकी पुष्टी करता है कि कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने में फेस मास्क का इस्तेमाल करना सबसे अधिक प्रभावकारी हो सकता है। यही वजह है कि कोविड-19 से बचाव के लिए मास्क का इस्तेमाल करना बच्चों के लिए एक सेफ्टी शील्ड की तरह काम कर सकता है। इसलिए, अगर कोरोना वायरस के संक्रमण को अपने शिशु की सुरक्षा करनी है, तो नवजात शिशुओं को मास्क पहनाना अनिवार्य माना जा सकता है।
नवजात शिशुओं को मास्क पहनाना कई वजह से फायदेमंद माना गया है। न सिर्फ कोविड-19 से बचाव के लिए मास्क जरूरी हो सकता है, बल्कि अन्य संक्रमण को रोकने में भी नवजात शिशुओं को मास्क पहनाना लाभकारी हो सकता है, जैसेः
कोविड-19 एक वायरस है, जो हवा के जरिए वातावरण में आसानी से फैल सकता है और सतह पर भी जिंदा रह सकता है। वहीं, एयरबोर्न वायरस होने के कारण यह एक संक्रमित व्यक्ति के सांसों के जरिए किसी भी स्वस्थ व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है। ऐसे में मास्क का इस्तेमाल करने से कोरोना वायरस को एक संक्रमित व्यक्ति से अन्य व्यक्तियों में फैलने से रोकने में मदद मिल सकती है।
एयरबोर्न कोरोना वायरस निम्नलिखित जरियों से एक-दूसरे में फैल सकता हैः
सीडीसी यानी सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, दो वर्ष या उससे बड़े आयु के बच्चों में कोविड-19 से बचाव के लिए मास्क का इस्तेमाल किया जा सकता है। वहीं, इस मसले पर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन का कहना है कि 6 वर्ष या उससे अधिक आयु के बच्चों को मास्क पहना जा सकता है।
ऐसे में सुरक्षा की दृष्टि से पेरेंट्स अपने 2 साल के शिशु को मास्क पहना सकते हैं। हालांकि, ध्यान रखें कि शिशु के लिए अच्छी क्वालिटी के मास्क का ही उपयोग करें। अगर बच्चा घर में या स्वस्थ लोगों के करीब है, तो इस दौरान उसे सिंगल मास्क पहना सकते हैं। वहीं, अगर शिशु को लेकर बाहर जा रहे हैं, तो उसके लिए डबल या ट्रिपल लेयर के फेस मास्क का इस्तेमाल किया जा सकता है।
नवजात शिशुओं को मास्क पहनाने समय पेरेंट्स को कुछ जरूरी बातों का ध्यान भी रखना चाहिए, जैसेः
1. सांस की तकलीफ होने पर न पहनाएं मास्कः अगर शिशु की आयु दो वर्ष से कम है या शिशु की सांस की नली सामान्य से पतली यानी संकरी है, तो ऐसी स्थिति में शिशु को फेस मास्क पहनाने से उसे सांस लेने में परेशानी हो सकती है। यह स्थिति बच्चों में दम घुटने का जोखिम बढ़ा सकती है। ऐसे में शिशु के आयु व स्वास्थ्य के अनुसार ही फेस मास्क पहनाना चाहिए।
2. आरामदायक मास्क खरीदेंः अपने छोटे बच्चे के लिए आरामदायक व मुलायम मास्क ही खरीदें। अगर मास्क पहनाने के बाद शिशु का व्यवहार चिड़चिड़ा हो जाता है, तो यह बच्चे के लिए अनकंफर्टेबल मास्क का इशारा हो सकता है। ऐसे में बच्चे के लिए नए फेस मास्क का चुनाव करें।
3. बच्चे में बनाए मास्क पहनने की आदतः जबरदस्ती नवजात को मास्क पहनाने का प्रयास न करें। बच्चा खुद से ही मास्क पहनना शुरू कर दे, इसके लिए पेरेंट्स को खुद भी बच्चे के सामने मास्क पहनकर रहना चाहिए। इससे बच्चा आसानी से फेस मास्क पहनने के लिए तैयार हो सकता है।
4. शुरू में थोड़ी देर के लिए पहनाएं मास्कः कभी भी शिशु को मास्क बहुत लंबे समय तक पहना कर न रखें। एक अंतराल के बाद बच्चे के चेहरे से मास्क को जरूर हटाएं। इससे को सांस लेने में सहजता हो सकती है।
5. सही साइज का मास्क खरीदेंः बच्चे के लिए कोविड-19 से बचाव के लिए मास्क अच्छी फिटिंग वाला होना चाहिए। बच्चे के लिए बहुत बड़ा या छोटा मास्क न खरीदें। बड़ा मास्क पहनाने से बच्चे के सांसों में संक्रमित वायु प्रवेश कर सकती है, वहीं छोटा मास्क पहनाने से बच्चे के कानों में दर्द हो सकता है।
कोविड-19 से बचाव के लिए मास्क हर व्यक्ति के लिए प्रभावकारी माना गया है। वहीं, अध्ययनों के आधार पर इस लेख में हमनें यह भी स्पष्ट किया है कि नवजात शिशुओं को मास्क पहनाना भी प्रभावकारी हो सकता है। शिशु को मास्क पहनाने से न सिर्फ कोरोना वायरस के जोखिम को कम किया जा सकता है, बल्कि बच्चों को मास्क पहनाने से उनमें वायु प्रदूषण से होने वाली अन्य बीमारियों के जोखिम को भी कम किया जा सकता है।