22 Feb 2022 | 1 min Read
Vinita Pangeni
Author | 549 Articles
आंखें शरीर बेहद नाजुक हिस्सा हैं। इनमें हल्की धूल भी चली जाए, तो काफी परेशानी होती है। ऐसे में किसी गर्भवती महिला की आंख आ जाए यानी उसे कंजक्टिवाइटिस हो जाए, तो दिक्कत दोगुनी हो जाती है। आखिर प्रेग्नेंसी में आंख आना कितना सामान्य है, यह महिलाएं सोचती रह जाती हैं। परेशान मत होइए गर्भावस्था में आंख आना नॉर्मल है। बस इससे बचने के लिए प्रेग्नेंसी में आंख आने का कारण जानना आवश्यक है। इसलिए इस लेख में कंजक्टिवाइटिस के कारण और आंख आने का घरेलू उपचार कैसे करें, बताया गया है
गर्भावस्था में जरूरी नहीं है कि सभी को एक ही कारण से आंख आए। हर महिलाओं में आंख आने का कारण भिन्न हो सकता है। प्रेग्नेंसी में आंख आने के कारण कुछ इस प्रकार हैं।
वायरस – प्रेग्नेंसी में आंख आने का कारण वायरस हो सकता है। एक रिसर्च पेपर में वायरस को वायरल कंजंक्टिवाइटिस का कारण बताया गया है, जिससे आंख लाल दिखाई देती हैं। साथ ही आंखों से मोटा व चिपचिपा तरल निकलने लगता है और आंखों में दर्द हो सकता है।
बैक्टीरियल इंफेक्शन – बैक्टीरिया के कारण होने वाले कंजंक्टिवाइटिस को बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस के नाम से जाना जाता है। इसमें आंखों में सूजन और मवाद बहने जैसी समस्या नजर आती है। यह समस्या एक आंख या दोनों आंखों में दिखाई दे सकती है।
केमिकल के कारण – प्रेग्नेंसी में आंख आने का एक कारण केमिकल भी हो सकता है। दरअसल, कई बार प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को आई ड्रॉप का इस्तेमाल करना पड़ता है, जिसमें मौजूद केमिकल से आंख आ सकती है। इस तरह के कंजंक्टिवाइटिस को टॉक्सिक कंजंक्टिवाइटिस कहते हैं। इसमें आंखों में सूजन और सूखेपन की समस्या होती है।
एलर्जिक रिएक्शन – प्रेग्नेंसी में आंख आने का कारण एलर्जिक रिएक्शन भी है। आंखों में धूल या कण जाने से एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस हो सकता है। इससे आंखों से आंसू आना और खुजली जैसे लक्षण नजर आते हैं।
प्रभावित व्यक्ति से संपर्क – अगर किसी को आंख आने की समस्या है, तो उसके संपर्क में आने पर आंख आने की समस्या हो सकती है।
प्रेग्नेंसी के समय आंख आने पर घरेलू उपचार से राहत मिल सकती है। आंख आने के घरेलू उपचार कुछ इस तरह से हैं।
1. कोल्ड कंप्रेस – आंख आने के घरेलू उपचार में कोल्ड कंप्रेस यानी ठंडी सिकाई को शामिल किया जा सकता है। यह सिकाई मुख्य रूप से एलर्जी और वायरल से हुए कंजंक्टिवाइटिस को ठीक करने में मदद करती है। इससे मांसपेशियों को आराम मिलता है और सूजन कम हो सकती है।
2. हॉट कंप्रेस – आंख आने की समस्या राहत दिलाने में गुनगुने पानी की सिकाई भी मददगार हो सकती है। इसके लिए गुनगुने पानी में सूती का कपड़ा या कॉटन पैड डालकर भिगो लें और फिर इसे कर निचोड़कर कुछ देर के लिए पलकों के ऊपर रख लें। इससे आंख आने की समस्या में कुछ हद तक सुधार नजर आ सकता है।
3. शहद – कंजंक्टिवाइटिस को लेकर शहद पर हुए शोध के मुताबिक, यह बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस राहत दिला सकता है। दरअसल, इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लामेटरी प्रभाव होते हैं। ये आंख आने का कारण बनाने वाले बैक्टीरिया से छुटकारा दिलाकर सूजन को कम कर सकते हैं।
4. फिटकरी – आंख आने के घरेलू उपचार में फिटकरी का नाम भी शामिल है। दरअसल, फिटकरी में एंटी-कंजंक्टिवाइटिस प्रभाव होते हैं। इस प्रभाव के चलते आंख आने की समस्या से राहत मिल सकती है। इसलिए, आंख आने पर फिटकरी युक्त पानी से आंखों को धोना अच्छा माना गया है।
गर्भावस्था के दौरान आंख आने से रोकना आसान है। इसके लिए इन टिप्स को फॉलो कर सकते हैं।
भले ही प्रेग्नेंसी में कंजंक्टिवाइटिस होना कोई गंभीर समस्या नहीं है, लेकिन महिलाओं को अपनी आंखों का पूरा ख्याल रखना चाहिए। आंखों का संक्रमण बढ़ता चला गया, तो आंखों से जुड़ी अन्य दिक्कतों का भी सामना करना पड़ सकता है। गर्भावस्था में कंजंक्टिवाइटिस से बचाव करने के टिप्स हमने ऊपर साझा किए हैं। उनपर गौर करके और साफ-सफाई का ध्यान रखकर आंख आने की परेशानी से बचा जा सकता है। बस तो खुद का ख्याल रखें और प्रेग्नेंसी के वक्त को खुशी के साथ बिताएं। हैप्पी प्रेग्नेंसी!
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