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क्या मेनोपॉज के दौरान या बाद में प्रेग्नेंट होना संभव है?

क्या मेनोपॉज के दौरान या बाद में प्रेग्नेंट होना संभव है?

22 Feb 2022 | 1 min Read

Mousumi Dutta

Author | 387 Articles

शायद आपको पता होगा कि मेनोपॉज को रजोनिवृत्ति कहते हैं। यह वह स्थिति है जब महिलाएं प्रेग्नेंट होने की क्षमता को खो देती हैं। लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि यह कोई बीमारी है। यह तो शरीर की सामान्य गतिविधि होती है जो उम्र के साथ आती है। इसलिए बिना स्ट्रेस लिए समझदारी के साथ इस अवस्था को संभालना चाहिए।

मेनोपॉज या रजोनिवृत्ति क्या होता है?

असल में रजोनिवृत्ति पीरियड्स का वह जो चक्र होता है, जो धीरे-धीरे बाधित होने लगता है। साथ ही प्राकृतिक रूप से गर्भवती या प्रेग्नेंट होने की क्षमता खत्म होने लगती है। क्योंकि फिमेल सेक्स हॉर्मोन का फंक्शन धीरे-धीरे उम्र के साथ कमजोर होने लगता है। 

अंडाशय से अंडा निष्कासित होना बंद हो जाता है, इससे पीरियड्स भी नहीं होता है। महिलाओं में इन सब कारणों से गर्भधारण की क्षमता भी नगण्य हो जाती है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि अचानक आपको मेनोपॉज हो जाएगा। ये प्रक्रिया धीरे-धीरे होती है और जब पूरी तरह मेनोपॉज का समय आता है तब पीरियड्स होना बिल्कुल बंद हो जाता है। इसलिए जब तक पीरियड्स बंद न हो, तब तक मेनोपॉज के बाद प्रेग्नेंट होने की संभावना बनी रहती है।

मेनोपॉज क्यों होता है?

शायद आपके मन में यह चल रहा होगा कि आखिर क्यों मेनोपॉज होता है। असल में महिलाओं में पीरियड्स के आखिरी तारीख के लगभग चार साल पहले से मेनोपॉज के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। यहाँ तक कि कुछ महिलाओं में मेनोपॉज होने के एक साल पहले से ही इसके लक्षण नजर आ लगते हैं। लेकिन इन लक्षणों का दिखना महिलाओं की शारीरिक अवस्था पर निर्भर करता है। 

रजोनिवृत्ति होने के कई साल पहले से शरीर में एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन का निकलना धीरे-धीरे कम होने लगता है। ये हार्मोन मासिक धर्म होने और प्रेग्नेंट होने की प्रक्रिया को करने में मदद करते हैं। इसके कमी से पीरियड्स होना बंद हो जाता है और मां बनने की क्षमता भी धीरे-धीरे कम होने लगती है।

मेनोपॉज का सही उम्र क्या होता है?

वैसे तो महिलाओं में मेनोपॉज की उम्र आम तौर पर 45-50 के बीच होती है। लेकिन, विशेष शारीरिक अवस्थाओं यानि कि सर्जरी या कैंसर होने पर समय से पहले अगर अंडाशय और गर्भाशय को निकालना पड़ा तो समय से पहले मेनोपॉज की अवस्था हो सकती है।

असल में मेनोपॉज की दो अवस्थाएं होती हैं, पेरिमेनोपॉज और पोस्टमेनोपॉज। पेरिमेनोपॉज यानि मेनोपॉज के पहले की अवस्था है, जब पहले पीरियड्स का अनियमित होना शुरू होता है और मेनोपॉज में पीरियड्स होना बिल्कुल बंद हो जाता है। और पोस्टमेनोपॉज की अवस्था मेनोपॉज के बाद ही आती है। पेरिमेनोपॉज 40 की उम्र के मध्य से आम तौर पर शुरू हो जाता है। लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में महिलाओं में ये अवस्था आती ही नहीं बल्कि वह सीधे मेनोपॉज में चली जाती है। 
                                                                                                             menopause symptoms

मेनोपॉज के लक्षण

मेनोपॉज क्या है, मेनोपॉज का सही उम्र क्या होता है यह सब जानने के बाद यह जानना जरूरी होता है कि इसके क्या लक्षण होते हैं। आम तौर पर मेनोपॉज के लक्षण  पेरिमेनोपॉज की अवस्था के दौरान ही महसूस होने लगते हैं। इस अवस्था में कुछ महिलाओं को परेशानी होती है तो कुछ को नहीं। हमने पहले भी जैसा कहा है कि मेनोपॉज अचानक नहीं होता है, धीरे-धीरे समय के साथ होता है। इसलिए शुरू के लक्षण कुछ इस प्रकार के होते हैं-

  • हॉट फ्लश यानि बहुत ज्यादा गर्मी महसूस होना
  • इर्रेगुलर पीरियड्स की परेशानी शुरू होना
  • नींद नहीं आना
  • रात को नींद में गर्मी लगना
  • स्ट्रेस
  • थकान 
  • सिरदर्द
  • मूड का बदलना
  • डिप्रेशन
  • कंसन्ट्रेशन में प्रॉब्लम
  • चिड़चिड़ापन

इसके अलावा मेनोपॉज के बाद सेक्स हार्मोन लो होने जाने बाद कुछ लक्षण महसूस होने लगते है, वे हैं-

  • यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होने का खतरा
  • बार-बार पेशाब होना या करने की इच्छा होना
  • ड्राई वैजाइना
  • सेक्स की इच्छा में कमी
  • ऑर्गैज़्म तक पहुँचने में परेशानी होना 
  • हड्डियों का कमजोर होना
  • स्किन सेंसिटिव हो जाना
  • बैड कोलेस्ट्रॉल का खतरा होना
  • दिल की बीमारी होने का खतरा होना 

मेनोपॉज का डायग्नोसिस डॉक्टर कैसे करते हैं?

आम तौर पर पीरियड्स बंद होना शुरू होने पर मेनोपॉज का पता चलता है। लेकिन समय से पहले मेनोपॉज के लक्षण महसूस होने लगे या पीरियड्स बंद होना शुरू हो जाय तो कारणों का पता लगाने के लिए डॉक्टर कुछ ब्लड टेस्ट करने की सलाह देते हैं-

  • लीवर फंक्शन टेस्ट्स
  • किडनी फंक्शन टेस्ट्स
  • टेस्टास्टेरान, प्रोजेस्टेरोन, प्रोलैक्टीन, एस्ट्राडायल और कोरियोनिक
  • थॉयरायड फंक्शन टेस्ट
  • ब्लड लिपिड प्रोफाइल
  • लीवर फंक्शन टेस्ट्स
  • गोनाडोट्रोपीन (एचसीजी) टेस्ट आदि।

                                                                                                       menopause complications

क्या मेनोपॉज के दौरान या बाद में प्रेग्नेंट होना संभव है?

हमने पहले ही बताया है कि मेनोपॉज में दो अवस्थाएं आती है, पेरिमेनोपॉज और पोस्टमेनोपॉज। पेरिमेनोपॉज में अंडो की संख्या में कमी आ जाती है। उम्र के साथ-साथ जैसे अंडे पुराने होने लगते हैं, उनकी क्रोमोसोमल असामान्यता की संभावना बढ़ने लगती है। जिसके कारण कंसीव होने की संभावना भी कम होने लगती है। 

लेकिन पेरिमेनोपॉज में मेनोपॉज के लक्षण नजर आने पर भी ओवुलेशन की प्रक्रिया चलती रहती है। इसलिए एक अंडा भी रिलीज और फर्टिलाइज हो जाए तो, मेनोपॉज के दौरान प्रेग्नेंट होना संभव होता है। 

क्या मेनोपॉज के दौरान प्रेग्नेंट होने पर शिशु को किसी प्रकार का खतरा रहता है?

हाँ, मेनोपॉज के दौरान प्रेग्नेंट होने पर माँ और शिशु दोनों को खतरा रहता है। इसलिए डॉक्टर के निगरानी में हमेशा रहना चाहिए-

  • गर्भपात होने का खतरा
  • समय से पहले बच्चा होना
  • एक्टोपिक प्रेगनेंसी
  • प्लेसेंटा प्रीविया
  • सिजेरियन डिलीवरी
  • जन्म के समय बच्चे का वजन कम होना आदि

आशा करते हैं कि अब तक के विश्लेषण से आप समझ ही गए होंगे कि मेनोपॉज के दौरान या बाद में प्रेग्नेंट होना किन हालातों में संभव है और प्रेग्नेंट होने पर माँ और शिशु को किस प्रकार का खतरा हो सकता है।

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