4 Apr 2022 | 1 min Read
Tinystep
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शायद उन महिलाओं के लिए यह एक सबसे विवादास्पद प्रश्न है जो पैरेंटिंग और नवजात शिशु की देखरेख जैसी दौर से गुजर रही होती हैं।
यह विवादास्पद है क्योंकि इसका कोई निर्धारित तथ्य नहीं है और ना ही कोई ठोस जवाब है जिसे हम सच मान सकें। इस विषय पर चिकित्सा और पैरेंटिंग विभाग के बीच हमेशा से ही विवाद रहा है, और दोनों के दृष्टिकोण की अपनी विश्वसनीय अच्छाईयाँ हैं, और अगर इस दृष्टिकोण का अलग अलग आकलन किया जाए तो हम इस नतीजे पर पहुंच सकते हैं कि हम जो सोचते हैं वही इस प्रश्न का सही जवाब है।
चिकित्सा विभाग के कुछ सेक्शन का मानना है कि पहले के 6 से 8 सप्ताह में बच्चे को बाहर ले जाना मूर्खतापूर्ण कार्य है, क्योंकि इससे बच्चे की सेहत पर असर पड़ सकता है। यह बात बिल्कुल सही है कि बच्चों का इम्यून सिस्टम काफी कमजोर होता है, और इस वजह से उनका किसी बीमारी के चपेट में जल्दी आ जाने की संभावना काफी अधिक होती है (वयस्कों से अधिक)। बीमारी के चपेट में आने की अत्यधिक संभावना को मद्देनजर रखते हुए यह आवश्यक है कि हम बच्चे को उसके जीवन के पहले दो महीने में बाहर ना ले जाएँ। ज्यादा खतरा बाहर जाने से नहीं बल्कि बाहर उन लोगों के संपर्क में आने से है जिनकी बीमारियाँ बच्चों तक फैल सकती हैं, अतः बाहर जाते वक्त इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे को बाहर ले जाने का यह उचित वक्त है या नहीं?
कुछ बातें जो बच्चे को बाहर ले जाते वक्त ध्यान में रखनी चाहिए|
1) यह सुनिश्चित करें कि बच्चा अधिक गर्मी या धूप में ना रहे:
इसके कई और भी नुकसान हैं, क्योंकि अधिक वक्त तक धूप और गर्मी के संपर्क में रहने से आगे चलकर आपके बच्चे में स्किन कैंसर के खतरे बढ़ जाता है। अतः अगर अधिक गर्मी हो तो अपने बच्चे को बाहर ना ले जाएँ। उनकी त्वचा काफी कोमल और संवेदनशील होती है और धूप में रहने की वजह से जल जाती हैं। जो गर्मी हमारे लिए थोड़ी अधिक गर्मी होती है वह बच्चों के लिए काफी अधिक होती है।
2) गर्म या ठंडे मौसम में उन्हें बाहर ना ले जाएँ |
ऊपर लिखे कारणों की वजह से, गर्म मौसम में बच्चों को बाहर नहीं ले जाने में ही समझदारी है, और इन्हीं कारणों से बच्चों को ठंडे मौसम में भी बाहर नहीं ले जाना चाहिए क्योंकि उनकी संवेदनशील त्वचा के लिए यह नुकसानदेह होता है। कम तापमान में बच्चों को सर्दी लग सकती है, हालाँकि सर्दी उतनी नुकसानदेह प्रतीत नहीं होती, पर बच्चे के इम्यून सिस्टम को नुकसान पहुँचा सकती हैं।
3) जब बात बच्चे की आती है तो इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे को सही अनुपात में कपड़ा पहनाया गया हो।
अधिक कपड़े पहनाने की वजह से अधिक पसीना आ सकता है, और उच्च शारीरिक तापमान, जो कि न सिर्फ बच्चे के लिए नुकसानदेह है ,बल्कि उन्हें चिड़चिड़ा भी बना देता है।दूसरी तरफ बच्चो के कपडे उतारना या कम कपडे में रखना बाहर के मौसम की वजह से नुकसानदेह साबित हो सकता है | अगर ठंड है तो बच्चे को सर्दी लग सकती है, और अगर गर्मी है तो बच्चे की त्वचा जल सकती है।
अगर यह फ्लू का मौसम है, या कोई बीमारी तेजी से फैल रही हो, तो बेहतर है बच्चा घर पर ही रहे।यह सामान्य है कि बच्चे की कमज़ोर इम्यून सिस्टम को देखते हुए हम आपको उसे घर में ही रखने की सलाह देंगें |
घर से बाहर निकलते वक्त सारी संभावनाओं को ध्यान में रखना चाहिए। मौसम में कभी भी परिवर्तन हो सकता है और इसे ध्यान में रखते हुए जरूरी है कि आप अपने साथ एक कंबल रखें ताकि आपके बच्चे को तेज हवाओं या कड़ी धूप से बचाया जा सके।
बाहर की ताजी हवा लेने में बिल्कुल भी बुराई नहीं है, पर उपर्युक्त बातों का ध्यान रखें और अपने बच्चे के साथ सुहाने पलों का आनन्द लें।
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