22 Apr 2022 | 1 min Read
Tinystep
Author | 2574 Articles
फलों में विटामिन, मिनरल्स, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट के साथ कई और तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं। माओं की यह परेशानी है कि अधिकतर बच्चे फल खाना पसंद नहीं करते। आपकी इस परेशानी को काम करने के लिए हम आपको कुछ सरल युक्तियाँ बतातें है जिससे आप अपने बच्चे के दैनिक आहार में फल को शामिल कर सकतीं है |
कुछ भी कच्चे फल की खूबियों को नहीं हरा सकता। यह सुनिश्चित करने का सबसे अच्छा तरीका है कि एक कटोरी में फल रखें जिसे आपका बच्चा उसे देख सके। अगर वो भोजन बाद के अंतराल में भूख महसूस करेगा, तो वो एक फल लेकर खा सकता है |बच्चे को लुभाने के लिए अलग अलग तरह के फल रखें जैसे आकर्षक रंग बिरंगी प्लेट में जिसमे बच्चो के फेवरिट कार्टून करैक्टर हों उसमे तरह तरह के फल रखें जैसे एक नारंगी, एक केला , एक सेब, एक नाशपाती इत्यादि। यह बच्चे को आकर्षक लगता है और बरबस उनका हाथ फलो में चुनाव करने को बढ़ता है| लीजिये अब आप पाएंगी कि आपका बच्चा उनमे से एक फल खा रहा है !
कभी-कभी प्रस्तुति करने का तरीका भी उनका मन लुभाता है | आइसक्रीम स्कूप की सहायता से विभिन्न रंगीन फलों की छोटी गेंदें बनाएं और इन गेंदों को एक कटोरी में भरें और उन्हें अपने छोटे बच्चों को नाश्ते के समय दें। फल जैसे पपीता, आम, तरबूज, आपके बच्चे को पसंद आएंगे।
नाश्ता एक फल खाने का सही समय होता है| जब 8 घंटे के लंबे समय के बाद, शरीर कुछ पोषण को अवशोषित करने के लिए आगे बढ़ रहा है तो फलों के पोषण से बेहतर पोषण और क्या हो सकता है? यह नियम बनाएं कि नाश्ते के दौरान, प्रत्येक प्लेट में फल या फल का एक टुकड़ा होना चाहिए जो आपके नाश्ते में भी शामिल होना चाहिए | नाश्ता के मेनू में फल शामिल करें जिसमे ओट्स, दालिया या रेडी टू ईट सीरियल, पकाया हुआ फल (सेब, स्ट्रॉबेरी, केला, चेरी, नीली बेरी) जोड़ा जा सकता है| आप एक पैनकेक बना सकती हैं और इसमें कटा हुआ फल डाल कर उसे रोल कर सकती हैं। बच्चे इस अलग अलग तरह के फलों के रोज़ाना बदलाव को सुबह के वक़्त पसंद करेंगे।
नाश्ते के समय या शाम के लिए दही / दूध / सोया मिल्क और नट्स के साथ अलग-अलग फलों की स्मूदीज़ को बनाया जा सकता है। केले, स्ट्रॉबेरी, नीली बेरी, कीवी, आड़ू, आम या किसी भी फल जिसे आपके बच्चे पसंद करते हैं,उन्हीं मनपसंद फलो का शेक बनाकर उन्हें तारो ताज़ा कर दें |
फलों को भी हमारे रोज़ के खाने का हिस्सा बनाया जा सकता है। आप इन्हें अपने बच्चे के पिज्जा टोपिंग या पास्ता में वेजिज के साथ डाल सकती हैं | आप अनानास, चेरी, कीवी, आड़ू, पपीता जैसे फल का भी उपयोग कर सकती हैं। इन फलों या किसी फल को सैंडविच या काठी रोल में भी डाल कर बच्चों को दिया जा सकता है|
यदि आपका बच्चा ताजे फलों का रस लेने / एक पूरे फल खाने से इनकार करता है, तो आप बर्फ के ट्रे में फलों के रस को जमा सकती हैं। उन बर्फ को बच्चों के पानी में स्वाद के लिए डालें | साथ ही बर्फ को कुचल सकती हैं और उससे एक बर्फ कैंडी बनाकर स्वाद के लिए ताजा निचोड़ा हुआ फलों के रस से उन्हें रंग सकती हैं। मीठे नींबू, नींबू, संतरे या अंगूर की तरह खट्टे फलों का इस्तेमाल अपने बच्चों के स्वादानुसार किया जा सकता है।
अगर आपके बच्चे मीठा पसंद करते हैं तो केक (सेब,, केले, ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी), कस्टर्ड (किसी भी मौसमी फल), टार्टस (कीवी, चेरी, अनानास, सेब, अंगूर), असली फल के बने आइसक्रीम,घर पे बनी कुल्फी (आम, स्ट्रॉबेरी, लीची, अनानास, ब्लूबेरी आदि ) या खीर (सेब, अनानास, सपाटा, पीच, नाशपाती और निश्चित रूप से सूखे फल जैसे दिनांक, अंजीर, किशमिश आदि) बनाकर बच्चो को एक नया और मीठा सरप्राइज दें | हमारा दावा है बच्चे इसे खाकर खुश हो जायेंगे |
यदि आप एक जन्मदिन या डिनर पार्टी की योजना बना रही हैं और आपकी दुविधा यह है कि फलों को पार्टी मेन्यू में कैसे रखा जाए, तो आप उन्हें अन्य फ़ूड आइटम्स के साथ “बार्बेक्यू” में इन्हे में शामिल कर सकतीं है । फलों को बार्बेक्यू” किया जा सकता है जिनमें सेब, नाशपाती, आड़ू, अनानास, पपीता, आम, केला आदि शामिल हैं। स्नैक्स के लिए आप सेब, आम, नीले बेरी, अनानास, आड़ू, स्ट्रॉबेरी जैसे फलों के डिप्स का इस्तेमाल कर सकती हैं।
फल को ना के सिर्फ बच्चा बल्कि परिवार के सारे लोग खाएं । याद रखें कि बच्चे अपने बड़ों से सीखते हैं और आपको अपना रोल मॉडल मानते हैं तो आप भी स्नैक्स के लिए नमकीन और मठरी खाने के बजाये फल खाए| जब आपका बच्चा आपको ऐसा करते देखेगा तो वो भी फल खाने की कोशिश करेगा |
ज्यादातर विशेषज्ञ मानते हैं कि आप अपने बच्चे को पहले दो वर्षों में खाना देने वाला भोजन, जीवन भर के लिए उसकी पहली पसंद बन जातें है तो,कम उम्र से ही उन्हें फलों के लिए अभयस्त करें | | भोजन की खूबियों के साथ अपने बच्चे को फलों के बारे में भी परिचय दें |जब वह ठोस और अर्ध ठोस पर शुरू करें तो पूरे फल जैसे नारंगी लेकर बाहर निकलें जैसे बच्चे के साथ मॉल, पार्क आदि में जायें तो साथ में बिस्कुट या ब्रेड के बजाय फल ले जाएं। इससे बच्चे को भूख लगेगी तो वह फल पर ही निर्भर करेंगे। आप दोपहर के भोजन में अपने दही में फल डालकर खाएं, खाने के बाद एक मिठाई के रूप में आम का एक टुकड़ा खाएं और इसे आदत को जारी रखें जिससे बच्चे इसे भोजन का अनिवार्य अंग माने |
सबसे महत्वपूर्ण बात याद रखें, अपने बच्चे को फलों को खाने और स्वीकार कराने की ज़िम्मेदारी आपकी है | एक आदर्श माँ बनें और खुद अच्छा खाएं ताकि आपका बच्चा भी आपके जीवन शैली को बिना हिचक अपना ले |
A
Suggestions offered by doctors on BabyChakra are of advisory nature i.e., for educational and informational purposes only. Content posted on, created for, or compiled by BabyChakra is not intended or designed to replace your doctor's independent judgment about any symptom, condition, or the appropriateness or risks of a procedure or treatment for a given person.