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रवीन्द्रनाथ टैगोर की 5 किताबें जो बच्चों को जरूर पढ़नी चाहिए

रवीन्द्रनाथ टैगोर की 5 किताबें जो बच्चों को जरूर पढ़नी चाहिए

4 May 2022 | 1 min Read

Ankita Mishra

Author | 409 Articles

रवीन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) एक ऐसा नाम है, जिसके सुनते ही देश की शान अपने-आप ही बढ़ जाती है। यह वही नाम है, जिन्होंने देश का राष्ट्रगान लिखा था। इतना ही नहीं, महान कवि रवींद्रनाथ टैगोर ने भारत के साथ ही तीन अलग-अलग देशों के लिए भी राष्ट्रगान लिखा था। 

रवींद्रनाथ टैगोर का जीवन परिचय हर बच्चे के लिए जानना जरूरी है। यही वजह है कि बेबीचक्रा के इस लेख में हम लेकर आएं हैं, बच्चों के लिए रवीन्द्रनाथ टैगोर की किताबें। रवीन्द्रनाथ टैगोर की किताबें मात्र पढ़ने से ही बच्चे रवींद्रनाथ टैगोर का जीवन परिचय ज्ञात कर सकते हैं और उनके जीवन की सीख को भी समझ सकते हैं। 

बच्चों के लिए रवीन्द्रनाथ टैगोर की किताबें व कविताएं

बच्चों के लिए रवीन्द्रनाथ टैगोर की किताबें कई हैं, इनमें जहां कुछ उपन्यास व कविताएं हैं, तो वहीं कुछ कहानियां और रवीन्द्रनाथ ठाकुर की कृतियाँ भी शामिल हैं। रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा लिखित प्रसिद्ध पुस्तक हर हाल में बच्चों को जीवन की एक नेक सीख देती हैं। 

1. बच्चों के लिए रवीन्द्रनाथ टैगोर की किताबें – द पोस्टमास्टर (The Postmaster)

रवीन्द्रनाथ टैगोर की पुस्तक पोस्टमास्ट
रवीन्द्रनाथ टैगोर की पुस्तक पोस्टमास्ट / चित्र स्रोतः गूगल

रवीन्द्रनाथ टैगोर की किताबें मुख्य रूप से बंगाल के हाल को बयां करती हैं। उसी कड़ी में पोस्टमास्टर कहानी भी शामिल हैं। यह एक लघु कथा है, लेकिन मन को भावुक करने वाले पात्रों और उनके जीवन से भरी हुई है। यह कहानी एक युवा पोस्टमास्टर की है, जो रतन नाम की लड़की से प्रेम करता है, लेकिन काम के चलते उसे अपने शहर गांव से दूर कोलकाता जाकर रहना पड़ता है। 

इस लघु प्रेम व पारिवारिक कहानी को पढ़कर बच्चों के मन में मुख्य किरदार के लिए सहानुभूति का अनुभव हो सकता है। साथ ही, रिश्तों को किस तरह से निभाया जाता है, इसी भी सीख इस कहानी के जरिए बच्चों को मिल सकती है।

2. बच्चों के लिए रवीन्द्रनाथ टैगोर की किताबें – गीतांजलि (Gitanjali)

रवीन्द्रनाथ टैगोर की पुस्तक गीतांजलि
रवीन्द्रनाथ टैगोर की पुस्तक गीतांजलि / चित्र स्रोतः गूगल

कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर की श्रेष्ठ रचनाएं में शामिल सबसे ज्यादा प्रशंसित और पठित पुस्तकों में ‘गीतांजलि’ एक है। ‘गीतांजलि’ को ‘गीत’ और ‘अंजली’ दो शब्दों से मिलाकर बनाया गया है। इसी तरह इस पुस्तक में कविताएं लिखी गई हैं, जिसे “गीतों का उपहार” या “भेंट” भी कहा जाता है।

इसमें लिखी गई सभी कविताएं प्रकृति, ईश्वर के प्रति मन में प्रेम व निष्ठा के साथ ही, मानवतावादी की भावना से भरी हुई हैं। इस कविता के भाव इतने शुद्ध हैं कि इसे लिखने के लिए रवीन्द्रनाथ टैगोर को यूरोप में नोबेल पुरस्कार से भी नवाजा गया था।

अगर चाहते हैं कि बच्चा मन में देश व जनता के लिए निर्मल स्वभाव का बनें व उसका हृदय पानी की तरह स्वच्छ रहे, तो उसे गीतांजलि (rabindranath tagore poeme) पढ़ने के लिए जरूर दें।

3. बच्चों के लिए रवीन्द्रनाथ टैगोर की किताबें – राजा \ द किंग ऑफ द डॉर्क चेंबर (Raja \ The King Of The Dark Chamber)

रवीन्द्रनाथ टैगोर की पुस्तक
रवीन्द्रनाथ टैगोर की पुस्तक / चित्र स्रोतः गूगल

रवीन्द्रनाथ ठाकुर की कृतियाँ अपने आप में कई सवालों से घिरी रहती हैं और उसी एक और झलक उनकी लिखी कहानी राजा में साफ दिखाई देती है। यह बंगाली में लिखी गई है, जिसका अंग्रेजी अनुवाद द किंग ऑफ द डॉर्क चेंबर के नाम से पढ़ा जा सकता है। यह कहानी एक ऐसे राजा है कि जिसे अकेले व अंधेरे में रहना पसंद होता है। यहां तक की उसकी रानी ने भी उसका चेहरा कभी नहीं देखा होता है। 

राजा रानी व बाकी सभी लोगों से सिर्फ अंधेरे कमरे के अंदर से ही बात करता था। वहीं, उसकी रानी राजा को देखने के लिए बेताब रहती है। कहानी अंत में हमें एक सीख भी देती है कि व्यक्ति को हमेशा बाहरी सुंदरता के बजाय आंतरिक सुंदरता को देखना चाहिए।

4. बच्चों के लिए रवीन्द्रनाथ टैगोर की किताबें – बउ-ठाकुरानीर हाट \ ठकुराइन बहू का बाजार (Thakurani Bahu Ka Bazar)

कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर की श्रेष्ठ रचनाएं बउ-ठाकुरानीर हाट को भी प्रस्तुत करती हैं। यह बंगाली में लिखी हई है, जिसे हिंदी में ठकुराइन बहू का बाजार (Thakurani Bahu Ka Bazar) के नाम से पढ़ा जा सकता है। इस नोवेल का मुख्य किरदार ठकुराइन बहु किस तरह का चरित्र समाज के लिए पेश करती हैें, इसके बारे में पढ़ा जा सकता है और उससे सीख ली जा सकती है। 

दिनभर सिर से पैर तक काम में उलझी हुई ठकुराइन बहु किस तरह से परिवार के साथ ही पड़ोसियों से भी मेल-जोल का निश्चल व्यवहार बनाए रखती हैं, इसके बारे में बड़ी ही खुबसूरती से इस उपान्यास में बताया गया है। 

5.  बच्चों के लिए रवीन्द्रनाथ टैगोर की किताबें – काबुलीवाला (Kabuliwala)

रवीन्द्रनाथ टैगोर की पुस्तक काबुलीवाला
रवीन्द्रनाथ टैगोर की पुस्तक काबुलीवाला / चित्र स्रोतः गूगल

“काबुलीवाला” रवीन्द्रनाथ टौगोर की लिखी गई एक छोटी कहानी है। इसमें कुल चार पात्रों का जिक्र है, जिसकी शुरुआत पांच साल की नासमझ और मासूम मिनि से होती है। मिनि और उसके पिता जहां रहते थे, वहां एक काबुलीवाला आया करता था, जो अपने बड़े से थैले में चादरों के साथ मिनि के लिए हर बार किशमिश भी लाता था। 

काबुलीवाला का मिनि के लिए निश्चल प्रेम पढ़कर हर किसी का दिल पसीज सकता है। यह कहानी एक ऐसे पिता की मेहनत को दर्शाती है, जो घर का खर्च चलाने के लिए किसी दूर देश में जाकर अंजान लोगों के बीच रहता है और हर किसी न किसी बच्चे की मासूमियत में अपने बच्चे की परछाई को खोज लेता है। 

रवींद्रनाथ टैगोर का जीवन परिचय अक्सर हम छोटी कक्षाओं में ही पढ़ लेते हैं, लेकिन जैसे-जैसे समय बीत रहा है, वैसे-वैसे अब रवीन्द्रनाथ ठाकुर की कृतियाँ भी गुमनाम होने लगी हैं। रवीन्द्रनाथ टैगोर की किताबें (Best Novels Of Rabindranath Tagore) विभिन्न विद्यालयों के अकादमी क्षेत्र व ई-बुक पर आसानी से उपलब्ध हैं। उम्मीद है रवीन्द्रनाथ टैगौर की लिखी कहानी आप भी पढ़ेंगे और अपने बच्चों को भी पढ़ने के लिए देंगे।

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