bacchon mein asthma

bacchon mein asthma

20 Apr 2022 | 1 min Read

Tinystep

Author | 2574 Articles

अस्थमा एक विशेष प्रकार का रोग है जिसमें इंसान को साँस लेने में दिक्कत आती है। अगर अस्थमा का इलाज बच्चों में न किया जाये तो परिणामस्वरूप उनमें कमज़ोरी आने लगती है, वे खेल-कूद में जल्दी थक जाते हैं,आसानी से खाँसी-ज़ुखाम की चपेट में आ जाते हैं। कभी-कभी उन्हें छाती में दर्द की शिकायत भी होती है। रात को खाँसी भी आती है। इस पोस्ट के माध्यम से हम अपने पाठकों तक अस्थमा सम्बन्धित जानकारी पहुंचाना चाहेंगे।

अस्थमा के कारण

अस्थमा के कई कारण हो सकते हैं। और ऐसा अक्सर देखा गया है की बच्चों में एक से ज़्यादा कारणों से अस्थमा की शिकायत हो सकती है। यह प्रदूषण तथा ठण्ड से और अधिक बढ़ जाता है। शरीर में ऑक्सीजन की कमी से भी साँस लेने में तकलीफ हो जाती है। बच्चों पर भारी सामान उठाने से, सीढ़ियाँ चढ़ने से, अत्यधिक दौड़-भाग करने से, साँस न ले पाने में तकलीफ हो जाती है।

अस्थमा के मुख्य लक्षण

बच्चों में लगातार खाँसी, साँस लेते समय सीने में दर्द, छाती में दबाव, हाँफना, साँस फूलना को अस्थमा के मुख्य लक्षण माना जाता है। विज्ञान की भाषा में साँस फूलने को ब्रोंकाइटिस कहते हैं जिसे चिकित्सक अस्थमा से जोड़ते हैं।

अस्थमा का इलाज

चूँकि अस्थमा के एक से ज़्यादा कारण होते हैं इसलिए इसका इलाज उन सभी कारणों को सुधारने से ही मुमकिन हो पाता है। चिकित्सक आपके बच्चे का परीक्षण करेगा। इसके लिए वे बच्चे को कितनी बार खांसी आती है या किसी विशेष चीज़ से एलर्जी है यह बात स्पष्ट रूप से जानना चाहेंगे। घर के सदस्यों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जायेगा। बच्चों को किन चीज़ो से साँस लेने में मुश्किल पैदा होती है इसकी पूछताछ की जायेगी। इन सभी सवालों के जवाब मिलने पर चिकित्सक आपके बचे क लिए श्रेष्ठ पद्धति लिख पायेंगे। नवजात शिशु को अधिक देखभाल की ज़रूरत होती है क्योंकि उनको और भी कई चीज़ों से साँस लेने में दिक्कत पहुँच सकती है। बच्चों और शिशुओं में मुख्य रूप से ठण्ड और प्रदूषण के कारण साँस लेने में दिक्कत आती है। सो आप अपने बच्चे को ठण्ड व गंदगी से दूर रखें। अगर बच्चा 5 वर्ष से अधिक है तो उसका x-रे टेस्ट किया जायेगा। पलमोनरी फंक्शन टेस्ट भी आवश्यकता अनुसार किया जा सकता है।

अस्थमा से बचाव

इसके लिए आप जागरूक रहें। प्रदूषण, भारी सामान उठाने व ठण्ड से बचाव करें। चिकित्सक द्वारा बताई दवाइयां सही समय पर लें। इनहेलर को सही तरह से सही वक्त पर लें। सही व पौष्टिक भोजन प्रणाली इस्तेमाल करें।

क्या अस्थमा उम्र भर रहेगा ?

कुछ माँ-बाप को डर रहता है की उनका बच्चा उम्र-भर अस्थमा से ग्रसित रहेगा। चिंता न करें। सही खान-पान, देखभाल और बचाव से आपका बच्चा बड़ा होने तक अस्थमा से निजात पा सकेगा।

क्या अस्थमा का स्थायी इलाज है ?

जी नही।अस्थमा को पूर्ण रूप से मिटाया नहीं जा सकता परन्तु देखभाल और रहन-सहन से उसे नियंत्रण में रखा जा सकता है।

क्या अस्थमा से ग्रसित बच्चे व्यायाम कर सकते हैं ?

जी हाँ। जब बच्चे का अस्थमा काबू हो जाता है तब उन्हें व्यायाम करवाया जा सकता है।

बच्चों को स्कूल में कैसे बचायें ?

इसके लिए आप बच्चे के शिक्षक से बात करें। उन्हें अपने बच्चे के स्वास्थ्य के बारे में बतायें। स्कूल के मैनेजमेंट से सलाह-मशवरा लेकर आप बच्चे को इनहेलर साथ ले जाने की अनुमिति दिलवा सकते हैं।

इन सबके अलावा आप खुद खुश रहें तथा बच्चे को भी खुश रहने के लिए प्रेरित करें। क्योंकि तनाव-मुक्त रहने से आपकी ज़िन्दगी की गुणवत्ता तथा रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ जाती है। 

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