9 May 2022 | 0 min Read
Tinystep
Author | 2574 Articles
जब भी हमें खांसी ज़ुकाम हो जाए , तो कितनी तकलीफ़ और परेशानी होती है, सभी को मालूम है | अगर यह परेशानी छोटे बच्चों को हो जाए , तो अंदाज़ा लगा सकते है उन्हें कितनी तकलीफ़ होती होगी ? बंद नाक , खांसी , कफ , साँस लेने में कठिनाई – ये सारी समस्याएँ बच्चों को एकदम चिड़चिड़ा कर देते है | सर्दी , खांसी ,ज़ुकाम तो आम बात होती है और बच्चों में इन्हें रोकने के लिए हम ज़्यादा कुछ नही कर सकते है | अपने आसपास स्वच्छता बरकरार रखें तो इन्हें कुछ हद तक रोका जा सकता है | सदियों से हमारे देश में माँएं कई सारे घरेलु उपचारों को आज़माते हुए आयी हैं | इनसे बच्चों को कुछ हद तक उन लक्षणों से राहत मिल सकेगी | ऐसे ही कुछ लाभदायक घरेलु उपचारों के बारे में हम नीचे चर्चा करेंगे
6 महीने से ज़्यादा उम्र के बच्चों में ज़ुकाम आ जाए , तो उन्हें थोड़ी थोड़ी देर में पानी पिलाते रहना बहुत आवश्यक होता है | छोटे अंतरालों में गरम पानी , सूप आदि पिलाते रहना उनके लिए लाभदायक होगा
एक पैन लेकर उसमें अजवाईन और लहसुन को सूखा भुना लें | भुने हुए मिश्रण को एक मसलिन कपड़े में बाँधकर बच्चे के छाती पर हल्के से रगड़ा करें | अगर बच्चा ६ महीने से कम उम्र का हो , तो उसके कॉट पर मसलिन कपड़े में बँधी पाउच को बाँध दे | इससे बच्चा सांस लेते वक़्त पॉउच से निकली वाष्प को भी अंदर लेकर कुछ हद तक राहत पाएगा |
बलगम से बंद नाक को थोड़ी राहत देने के लिए नम हवा लाभदायक होगी | अगर बड़ा बच्चा है तो उसे वेपोराइज़र से निकले भाप को सांस के साथ अंदर लेने दे सकते है | ६ महीने से कम उम्र के बच्चों के लिए उसके कमरे में एक ह्यूमिडिफाइअर इनस्टॉल कर दें | अगर ये मुश्किल लगता है तो अपने बाथरूम को पहले से ही भाप से भर दें | उसमें आप हलके गरम पानी से बच्चे को स्नान करायेंगे तो उसे थोड़ी राहत मिलेगी |
बच्चे के पैरों को वेपर रब से मालिश करके उनपर मोज़े डाल लीजिए | इस उपचार को ६ से ८ महीने उम्र के बाद के बच्चों पर आज़माए तो उन्हें बेहतर महसूस होगा |
बच्चे के पैरों को वेपर रब से मालिश करके उनपर मोज़े डाल लीजिए | इस उपचार को ६ से ८ महीने उम्र के बाद के बच्चों पर आज़माए तो उन्हें बेहतर महसूस होगा |
यह उपचार ६ महीने से कम उम्र के बच्चों पर न आज़माये | बच्चे के तकिये के नीचे एक और तकिया लगाकर उसके सर को थोड़ा ऊपर रखने की कोशिश करें | आप इसी तरीके को गद्दे के ऊपर एक और तकिया लगाकर भी बच्चे का सर ऊँचा करने की कोशिश कर सकते है |
हल्दी का पेस्ट बनाकर बच्चे के सर पर लेप लगाए | खांसी दूर करने के लिए थोड़ी सी हल्दी को गरम दूध में मिलाकर बच्चे को पीने के लिए दे , इससे भी थोड़ी राहत मिलेगी |
खांसी में शहद का प्रयोग बेहद लाभदायक पाया गया है | एक साल से बड़े बच्चों पर ही इसका उपयोग करें | शहद को थोड़े गरम पानी में मिलाकर दिन में लगातार कई बार दे सकते है | एक टी चम्मच शहद को एक चौथाई चम्मच पीसी दालचीनी के साथ मिलाकर दिन में दो बार बच्चे को खिलाने से वह बेहतर महसूस करने लगेगा
खांसी में थोड़े से गरम नारियल तेल में कुछ कपूर चूर कर डालकर बच्चे के छाती पर इससे हल्का सा रगड़ें | बच्चे के त्वचा पर इसका बुरा असर न पड़े , इसके लिए सिर्फ थोड़े से कपूर का सावधानी से इस्तेमाल करें |
भिंडी को गरम पानी में उबाल कर रखें | उसे ठंडा होने दे और दिन में अनेक बार थोड़ी – थोड़ी मात्रा में बच्चे को खिलाए | इस उपचार को ६ महीने के उम्र से बड़े बच्चों पर ही आज़माये |
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