5 Apr 2022 | 1 min Read
Tinystep
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रिसर्च से पता चलता है कि जिन बच्चों को विभिन्न प्रकार के मसालों और जायकों के साथ भोजन दिया जाता है, वो बच्चे भविष्य में वो खाने को लेकर कम नोंक झोंक करते हैं | इसलिए, यदि आप अपने बच्चे को जायके पेश करना चाहती हैं तो इसके तरीके आपको भारत से बेहतर और कही नहीं मिलेंगे | 100 से अधिक मसालों का देश भारत, के व्यंजन स्वादिष्ट और स्वस्थ होतें हैं |
यहां उत्तर भारत के 5 व्यंजन बतायें गए हैं जिन्हें आप 6 महीने की उम्र के बाद अपने बच्चे को दे सकती हैं या उस समय जब वो ठोस आहार शुरू कर चुके हैं |
आपके बच्चे को उसकी पहली सब्जी के रूप में गाजर देना अच्छा रहेगा क्योंकि ये सब्जी बच्चों को निगलने के लिए बहुत आसान है | इसके अलावा, अधिकांश बच्चे गाजर को पसंद करते हैं क्योंकि वे मीठी सब्जियों में से एक हैं और बच्चों को मीठे खाद्य पदार्थ के रूप में काफी पसंद होते हैं | गाजर बहुत पौष्टिक भी होते हैं, क्योंकि वे विटामिन-ए से भरपूर होते हैं, जो आपके बच्चे की आंखों के विकास में मदद करता है। हालांकि, यह सुनिश्चित कर लें कि 6 महीने की उम्र के बाद अपने बच्चे को गाजर जरूर खिलायें क्योंकि गाजर में नाइट्रेट्स और रसायन होते हैं जो छोटे शिशुओं में एक प्रकार का एनीमिया पैदा कर सकता है। इसके अलावा गाजर फाइबर, आयरन, कैल्शियम और विटामिन-सी में भी समृद्ध है।
अपने बच्चे के लिए गाजर का उपयोग करके एक स्वस्थ और स्वादिष्ट नाश्ते बनाने का तरीका यहाँ जानें |
बच्चों को मेथी खिलाना पहले खतरनाक माना जाता था, लेकिन अब यह पाया गया है कि यह वास्तव में पूरी तरह से सुरक्षित और बहुत ही पौष्टिक है। हालांकि, आप अपने बच्चे को कितना खिला रहे हैं ,उसपर निगरानी रखनी चाहिए क्योंकि इसके कुछ साइड इफेक्ट भी होते हैं। खिचड़ी भारत का एक सरल भोजन माना जाता है और यह वास्तव में सबसे स्वादिष्ट व्यंजनों में से एक है। यह पोषक तत्वों के साथ समृद्ध होता है और यह पचाने में भी आसान होता है| इसलिये शिशुओं को ये खिलाना एकदम सही है। हालांकि इस खिचड़ी को खिलाने से पहले यह सुनिश्चित करें कि आपके बच्चे की वर्ष 11 महीने से अधिक हो।
अपने बच्चे के लिए स्वादिष्ट खिचड़ी बनाने का तरीका यहां जानें |
मूंग दाल प्रोटीन से भरपुर है और बहुत पौष्टिक भी |यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है। मूँग दाल सूप आपके बच्चे के लिए सही और सबसे सरल सूप है क्योंकि यह शरीर को पोषण देता है और यहां तक कि सर्दी, खाँसी, निर्जलीकरण और फ्लू से उबरने में मदद भी करता है। यह विशेष रूप से दाल प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स का अच्छा स्रोत है। यह लिवर की सुरक्षा करता है और पचाने में भी आसान होता है। यह आपके बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली को सबल बनाने में भी मदद करता है, जिसका अर्थ है कि यह आपके बच्चे को ठंड और अन्य सामान्य बीमारियों से लड़ने में मदद करता है | इस दाल के साथ किसी भी भोजन को खिलाने से पहले सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा 6 महीने से अधिक हो।
अपने बच्चे के लिए पौष्टिक मूंग दाल का सूप बनाने के बारे में यहाँ जानें।
ये कहावत “दिन में एक सेब खाना डॉक्टर को दूर रखता है” बिलकुल सही है |
सेब, शिशुओं के लिए बहुत स्वस्थ होते हैं क्योंकि वे पेट की समस्याओं का इलाज करने में मदद करते हैं और कब्ज, दस्त आदि से राहत देते हैं। यह खाँसी कम करने में सहायक है | यह दाँत के विकास और दाँत में हो रहे विकारो को रोकने में भी मदद करता है | यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि कोई भी फल खिलाने के लिए आपका बच्चा 6 महीने से ज्यादा हो | इसके अलावा, याद रखें कि अपने बच्चे को सेब की बीज ना दें क्योंकि ये उनके लिए अच्छी नहीं होता | रागी बहुत पौष्टिक है और कई स्वास्थ्य लाभों के साथ आती है। अपने बच्चे को एक पौष्टिक भोजन देने का सबसे अच्छा तरीका दोनों को मिलाकर हलवा बनाना है |
यहाँ जानें कि कैसे एक स्वस्थ और स्वादिष्ट एप्पल रागी हलवा को पकाना है।
आलू को अपने बच्चे के आहार में शामिल किया जाना चाहिए क्योंकि यह पचाने में आसान होता है और यह आपके बच्चे को फुर्तीला होने की शक्ति भी देता है | यह कई विटामिन और मिनरल्स का स्रोत है और लीवर की भी रक्षा करता है। अपने बच्चे को आलू देकर, यह सुनिश्चित करें कि आलू साफ और पूरी तरह गला हुआ हो | इसके अलावा, अपने बच्चे को केवल थोड़ी मात्रा में उबला हुआ आलू खिलाएं। आलू को अपने बच्चे के 7 या 8 महीने की उम्र के बाद उन्हें देना उचित है | चावल आपके बच्चे के लिए बहुत पौष्टिक है, इसलिए उन्हें आलू और चावल का मिक्स खिलाने से उन्हें दैनिक पोषक तत्व प्राप्त होंगे | इसे पचाना बहुत आसान है और आपके बच्चे को इसका स्वाद बहुत पसंद आएगा |
यहाँ जानें कि कैसे आलू और चावल को पकाना है |
अपने बच्चोँ को इन उत्तर भारतीय वयंजनो से एक नया स्वाद चखायें हमारा दावा कि उनको यह नया स्वाद जरूर पसंद आएगा |
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