13 Apr 2022 | 1 min Read
Tinystep
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बच्चो का पोषण हो या कपड़ों का चुनाव हो, हर माँ अपने बच्चे के लिए सबसे बढ़िया और सर्वोत्तम चीज़ें ही हमेशा चाहेंगी | समय बढ़ते ही शारीरिक परिवर्तन एवं व्यवहार में परिवर्तन आना बच्चों में सामान्य सी बात है | इन परिवर्तनों में बच्चों के वज़न कम होना भी शामिल है | पर अधिकतर माँएं इस बात से बिलकुल परेशान हो जातीं है | आराम से काम लें | चिंता करने की कोई बात नहीं है | अपने चिकित्सक को तभी संपर्क करें जब आपको बच्चे के वज़न घटने के कारण उसके स्वास्थ्य पर कोई गंभीर जटिलताएँ के संकेत नज़र आये | वज़न घटने के पीछे कई कारण हो सकते हैं , सरल दैनिक गतिविधियों और आदतें भी कारण हो सकतीं है , इसीलिए आवश्यकता पड़ने पर ही चिकित्सक से सलाह लें |
बच्चों को पेट भर खिलाना आपके लिए चुनौतिपूर्ण साबित होगी | बहुत कम मौके ऐसे होंगे जब आपका बच्चे बिना उधम मचाये आराम से खाना खा जाए | चाहे रोकर या मन की अतिरेक भावनाओं को टालकर , एक माँ ही है जो इन सबके बावजूद बच्चे को खिलाने की साहस रखती है | ऐसे हालातों में वज़न घटना असल में सामान्य सी बात है | ध्यान रखें कि वज़न घटना कोई असाधारण या गंभीर बात नही है | वज़न घटने से बच्चे के रोज़ के दिनचर्या में कोई परिवर्तन नहीं होगा | ये परिस्थिति केवल अस्थायी है और सब्र के साथ इस दौर को संभाले |
क्या आपका बच्चा स्वस्थ , पौष्टिक एवं भरपेट, शानदार खाना खाने के बाद भी वज़न में कम दिखता है ? इसके लिए आप उसके जीन्स को ज़िम्मेदार ठहराए | वैज्ञानिक सबूतों के आधार पर यही सिद्ध किया गया है कि शारीरिक संरचना और शरीर का वज़न मूलत: एक वारिस से दूसरे वारिस में आगे बढ़ने वाली विशेषताओं में से एक है | ये विशेषताएँ माँ -बाप से या परिवार के सदस्यों से प्राप्त होता है | इसकी वजह से हमें वज़न घटने के विषय पर अधिक परेशान होने की ज़रूरत नहीं | इसीलिए आपके सारे तनाव को एक तरफ़ रख दें और बच्चे के बढ़ते चरण का भरपूर आनंद लें क्योंकि ये दौर फिर से लौटकर दोबारा नहीं आने वाले |
कुछ बच्चे हमेशा अपने कदमों पर रहते है | वो आपको हर जगह खेलते कूदते नज़र आएँगे | थकान शब्द उनके शब्दकोश में लिखा ही नहीं है | ऐसे बच्चों में वज़न घटना कोई असाधारण बात नहीं है, बल्कि वज़न बढ़ना असाधारण सी बात है |
बच्चों को केवल पौष्टिक आहार खिलाना काफ़ी नहीं होता | लगातार दो भोजनों के में अंतराल का होना भी उतनी ही महत्वपूर्ण बात है | डॉक्टरों के सिफारिश के अनुसार बच्चों को नियमित अंतराल पर, हर ३ या ४ घंटों में भोजन की छोटी मात्रा खिलाते रहना ज़रूरी है | भोजन के बीच लंबे समय तक अंतराल रहने देना बच्चे के लिए अच्छा नहीं होता | इसी कारण से कई बच्चों में वज़न घटने की समस्या होती है |
कुछ बच्चे उच्चतम मेटाबॉलिक रेट के साथ पैदा होते है, जिससे डाइजेशन और अवशोषण कार्य उनमें तेज़ी से और बेहतर गति से होता है | वे मेवे जैसे खाद्य पदार्थों को अधिक पसंद करके , दिन में केवल न्यूनतम खेल कूद करते हुए भी दुबले पतले नज़र आते है | वास्तव में , ऐसी माँएं अपनी बच्चों को सही खिलाकर भी वज़न में अधिक सुधार नहीं देख पातीं | ऐसे बच्चों को देखकर दूसरे बच्चों में कभी कभी ईर्ष्या उत्पन्न हो जाती है |
पानी अच्छे स्वास्थ्य के लिए कितना लाभदायक है, ये हम सभी जानते है | अगर आपका बच्चा पर्याप्त मात्रा में पानी पी रहा है , तो वो एक स्वस्थ अभ्यास है ,फिर भी ध्यान रहें कि इस प्रक्रिया की अति ना हो | अधिक पानी को पीने से बच्चे का भोजन कम नहीं होना चाहिए | बच्चे को इतना अधिक पानी ना पिलाइये कि उन्हें अपना भोजन ही छोड़ना पड़ जाए |
ये स्थिति बिलकुल सहज है और अन्य पूरक आहारों के साथ बच्चे के वज़न को बढ़ाया जा सकता है |
हमारे आहार का चुनाव सीधे हमारे शरीर के स्वास्थ्य पर असर डालता है | बच्चों के लिए ज़्यादा फाइबर युक्त आहार देने से हमें बिलकुल बचना चाहिए | ऐसे आहार बच्चों के पेट में परिपूर्णता की भावना देते है | इसकी वजह से बच्चा कम मात्रा में आहार सेवन करता है और नतीजा उसके वज़न नहीं बढ़ पाता | इससे बेहतर यही है कि हम अपने बच्चों को संतुलित पोषण युक्त स्वादिष्ट आहार खिलाए |
बच्चे कभी आहार देखकर दूर भागते है तो कभी खाने से बिलकुल ही मना कर देते हैं | अपर्याप्त भोजन के कारण भी वज़न घटना सहज बात होता है | पर समय के साथ स्थिति सामान्य बन हो जाती है |
आंत के कीड़े बच्चों के अंदर उनके पोषक तत्वों की समुचित अवशोषण के साथ हस्तक्षेप करते है | इसीलिए स्वस्थ आहार सेवन के बावजूद भी ऐसे बच्चे अपने शारीरिक वज़न को ज़्यादा नहीं कर पाते | इस तरह के इन्फेक्शन के इलाज के लिए अपने बच्चे के चिकित्सक से अवश्य परामर्श करें |
पौष्टिक आहार सेवन जैसे ताज़े फल, सब्ज़ियाँ , दूध,पानी, अनाज आदी से बच्चों का भोजन संतुलित एवं पूरक बन जाता है| इससे बच्चे को आहार में ज़रूरी पोषक तत्व मिल ही जाता है साथ ही खाना अधिक बेहतर बन जाता है |
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