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बच्चों को सर्दी-जुकाम से मिनटों में राहत देगा नीलगिरी तेल

बच्चों को सर्दी-जुकाम से मिनटों में राहत देगा नीलगिरी तेल

1 Jul 2022 | 1 min Read

Vinita Pangeni

Author | 549 Articles

बच्चों को सर्दी-जुकाम लगा रहता है। इससे नाक का बहना, नाक का जमना, छींक आना, छाती जमना, छाती में अकड़न, जैसी तमाम परेशानियां बच्चों को होती हैं। ऐसे में माता-पिता बच्चे को राहत देने के लिए हर मुमकिन कोशिश करते हैं। आजकल नीलगिरी तेल का इस्तेमाल भी माता-पिता करने लगे हैं। यह एसेंशियल ऑयल है, तो गुणों की खान है। लेकिन, कैसे नीलगिरी तेल का इस्तेमाल कैसे करें, यह समझना जरूरी है। 

चलिए, आगे सबसे पहले जानते हैं कि नीलगिरी का तेल बच्चों के लिए सुरक्षित है या नहीं।

क्या नीलगिरी का तेल बच्चों के लिए सुरक्षित होगा?

हर माँ-बाप के मन में किसी भी नए नुस्खे के बारे में सुनकर यही ख्याल आता है कि मेरे छोटे बच्चे के लिए यह सुरक्षित होगा या नहीं। नीलगिरी तेल को लेकर यह सवाल आना भी लाजमी है। कम मात्रा और सही तरीके से इस्तेमाल करने से यह सर्दी से बच्चे को राहत दे सकता है। लेकिन, दो साल से कम उम्र के बच्चे के लिए सीधे नीलगिरी तेल का इस्तेमाल न करें।

कुछ स्थितियों में यह तेल असुरक्षित होता है, जिसके बारे में हम लेख के अंत में बात करेंगे। पहले जानते हैं कि नीलगिरी का सही उपयोग करने पर यह कैसे सर्दी-जुकाम से राहत दिलाता है।

नीलगिरी का तेल सर्दी-जुकाम पर कैसे काम करता है?

नीलगिरी का तेल 1,8-सिनेओल कंपाउंड से भरपूर होता है। यह इस तेल का मुख्य घटक है। इस कंपाउंड में एंटीमाइक्रोबियल प्रभाव पाया जाता है, जो वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करता है। इसी वजह से सर्दी-जुकाम में नीलगिरी तेल को पारंपरिक उपाय के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। दरअसल, सर्दी होने का कारण वायरस ही होते हैं। बाजार में नीलगिरी तेल युक्त वेपर पैच भी मौजूद हैं, जो पूरी तरह बच्चों के लिए सुरक्षित हैं। यह बंद नाक से मिनटों में राहत दिला सकते हैं। 

नीलगिरी तेल से जुड़ी सावधानियां

नीलगिरी तेल का उपयोग सावधानी से करने पर बच्चों को फायदा हो सकता है। इसलिए आपको नीलगिरी तेल से जुड़ी सावधानियों के बारे में पता होना चाहिए।

  • कभी भी बच्चे की नाक पर सीधे या नाक के पास यह तेल न ले जाएं।
  • बच्चे के चेहरे के आसपास भी नीलगिरी तेल नहीं लगना चाहिए
  • इसे अगर छाती पर लगाना हो, तो किसी अन्य तेल के साथ मिलाकर लगाएं। इस दौरान नीलगिरी तेल की मात्रा दूसरे तेल से आधी से भी कम होनी चाहिए। मतलब पांच बूंद नारियल तेल में एक बूंद नीलगिरी का तेल मिला सकते हैं। 
  • बाजार में तीन चार तरह के नीलगिरी के तेल मिलते हैं। आप यूकलिप्टस ग्लोब्युलस (Eucalyptus globulus) तेल का उपयोग 2 साल से कम उम्र के बच्चों पर न करें।
  • यूकलिप्टस रेडियोटा (Eucalyptus radiata) तेल का उपयोग एक साल की उम्र से बड़े बच्चों पर किया जा सकता है, लेकिन डॉक्टर की सलाह के बाद ही ऐसा करें। 
  • तेल के प्रकार समझने में दिक्कत हो तो आप एक्सपर्ट्स द्वारा नीलगिरी तेल से बने वेपर पैच का इस्तेमाल करें। यह बंद नाक से तुरंत आराम दिलाते हैं।

बच्चे की सर्दी-जुकाम के लिए नीलगिरी तेल का उपयोग कैसे करें?

बच्चों के लिए सर्दी-जुकाम के लिए नीलगिरी तेल का उपयोग सावधानी से करना चाहिए। नीलगिरी तेल का उपयोग कैसे करें, यह आगे समझिए।

  • नाक बंद होने पर या सर्दी लगने पर एक बर्तन में पानी उबालें
  • अब उसमें एक बूंद नीलगिरी तेल डालें।
  • फिर इसकी भाप बच्चे को लेने दें।
  • ज्यादा देर तक बच्चे को भाप न दिलाएं।
  • नीलगिरी तेल को एक कॉटन में डालकर उसे एक-दो इंच की दूरी से सुंघा दें।
  • आप एक बूंद नीलगिरी तेल में नारियल तेल मिलाकर उसकी छाती में भी मल सकती हैं। 

क्या सीधे नीलगिरी तेल का इस्तेमाल करने के नुकसान होते हैं?

जी हां, सीधे तौर पर नीलगिरी तेल का इस्तेमाल करने से बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए, इसकी कम मात्रा का उपयोग करने के लिए कहा जाता है। साथ ही नीलगिरी के तेल के नजदीकी संपर्क (close contact) की भी मनाही है।

  • नीलगिरी के तेल में सिनेओल होता है, जो नजदीकी संपर्क से बच्चे में सांस लेने की दिक्कत को पैदा कर सकता है।
  • सीधे नीलगिरी तेल को त्वचा पर लगाने से जलन और एलर्जी हो सकती है।
  • नाक के आसपास नीलगिरी तेल के लगने से सांस लेने में दिक्कत और घरघराहट हो सकती है।
  • नीलगिरी का तेल बच्चे के मुंह के आसपास लग जाए, तो उसे पेट दर्द हो सकता है। कभी बच्चे को पेट दर्द हो, तो आप टमी रोल ऑन पेट में लगाकर उसे राहत दिला सकते हैं। 
  • गलती से नीलगिरी का तेल बच्चे ने निगल लिया, तो उल्टी, दस्त और नर्वस सिस्टम डैमेज हो सकता है।

सर्दी-जुकाम के लिए नीलगिरी का तेल बेशक अच्छा है, लेकिन बच्चों पर इसका इस्तेमाल सावधानी से ही करना चाहिए। एहतियातन आप नीलगिरी तेल युक्त बेबी सेफ प्रोडक्ट जैसे कि वेपर पैच का उपयोग कर सकते हैं। इसमें किसी तरह के टॉक्सीन नहीं हैं और खास बच्चों को ध्यान में रखते हुए इसे बनाया गया है।

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