12 Aug 2022 | 1 min Read
Vinita Pangeni
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बच्चों को सभी पोषक तत्वों से युक्त खाना खिलाना किसी संघर्ष से कम नहीं। खासकर तब जब बच्चा खाने में बहुत कम चीजें पसंद करता हो। भले ही बच्चा खाने में नखरे दिखाए, लेकिन माता-पिता यह बिल्कुल नहीं चाहते कि पोषण की कमी के चलते उनका बच्चा कद-काठी या वजन के मामले में दूसरों से पीछे रहे। इसलिए, माता-पिता के मन में होता है कि क्या ऐसी परिस्थिति में बच्चों को प्रोटीन पाउडर देना सुरक्षित रहेगा या नहीं (Protein Powder for Kids)। आइए, इस विषय के बारे में आगे जानें।
बच्चों के लिए प्रोटीन पाउडर सुरक्षित है या नहीं, सवाल का जवाब पूरी तरह बच्चे की स्थिति पर निर्भर करता है।
अगर बच्चे के शरीर में प्रोटीन की कमी है, तो बाल रोग विशेषज्ञ बच्चों को प्रोटीन देने के लिए कह सकते हैं।
हालांकि, बच्चा सही से विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ खा रहा है, तो उसमें प्रोटीन की कमी होना असामान्य है। हां, अगर बच्चा किसी ऐसी चिकित्सकीय स्थिति से गुजर रहा है, जिसमें शरीर प्रोटीन नहीं ले पाता, तो डॉक्टर की सलाह पर बच्चा प्रोटीन पाउडर ले सकता है।
अगर बिना आवश्यकता या डॉक्टर की सलाह लिए बिना बच्चे को प्रोटीन पाउडर दिया जाए, तो शरीर में ज्यादा प्रोटीन होने से बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है। अधिक प्रोटीन लेने से बच्चे में आगे चलकर मोटापे की शिकायत भी हो सकती है।
अपनी मर्जी से बच्चे को प्रोटीन सप्लीमेंट कभी नहीं देना चाहिए। हां, अगर बच्चे में चयापचय संबंधी दिक्कत है, तो डॉक्टर की सलाह पर बच्चे को प्रोटीन पाउडर दे सकते हैं। इसके अलावा, बच्चा के शाकाहारी व वीगन (vegan) होने के कारण उसे पर्याप्त प्रोटीन नहीं मिल पा रहा है, तो भी विशेषज्ञ बच्चे को प्रोटीन देने के लिए कह सकते हैं।
एनसीबीआई में पब्लिश एक शोध में लिखा है कि डाइटरी रेफरेंस इनटेक्स (Dietary Reference Intakes) के मुताबिक बच्चे के ग्रोथ और विकास के लिए क्लासिक नाइट्रोजन संतुलन तकनीक के आधार पर, 4-13 वर्ष और 14-18 वर्ष के बच्चों को क्रमशः 0.95 और 0.85 g·kg प्रतिदिन लेने की आवश्यकता होती है।
उम्र | प्रोटीन |
1 से 3 साल की उम्र | 22 ग्राम |
4 से 6 साल की उम्र | 30 ग्राम |
10 से 12 साल की उम्र (लड़का) और 10-12 साल की उम्र (लड़की) – वजन के अनुसार | 54 ग्राम (लड़का) और 57 (लड़की) |
किशोरी – 16 से 18 साल की उम्र | 63 ग्राम |
किशोर – 16 to 18 साल की उम्र | 78 ग्राम |
स्रोत – Indian Dietary Guidelines
अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (AAP) के अनुसार, यदि 8 वर्ष की आयु तक का बच्चा प्रतिदिन गाय के दूध की अनुशंसित (Recommended) मात्रा पी रहा है, तो उसे अधिकांश जरूरी प्रोटीन मिल जाता है। दरअसल, गाय के दूध के प्रत्येक औंस (28.3495 ग्राम) में एक ग्राम प्रोटीन होता है।
अगर बच्चा गाय का दूध नहीं पीता है, तो उसे सोया मिल्क भी दे सकते हैं। इसमें भी समान स्तर का प्रोटीन होता है। प्लांट बेस्ड मिल्क में प्रोटीन की मात्रा कम होती है।
कम्यूनिटी और न्यूट्रिशन एक्सपर्ट, डॉक्टर पूजा मराठे बताती हैं कि प्रोटीन पाउडर का सेवन ज्यादा करने से बहुत तरह की समस्याएं हो सकती हैं, जैसे बार-बार मलत्याग हो सकता है, मुँहासे, मतली, प्यास, सूजन, भूख कम लगना, थकान और सिरदर्द जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। व्हे प्रोटीन का सेवन प्लाज्मा यूरिया की मात्रा, मूत्र में कैल्शियम के उत्सर्जन और बार-बार पेशाब होने की समस्या किडनी के फंक्शन में बाधा उत्पन्न कर उसको अनहेल्दी बना सकती है। यह गुर्दे पर अधिक भार डालता है और गुर्दे की पथरी का कारण बन सकता है। यहाँ तक प्रोटीन पाउडर का इनटेक ज्यादा होने से डिहाइड्रेशन की समस्या भी हो सकती है।
बच्चे को आप मनमर्जी से प्रोटीन सप्लीमेंट या प्रोटीन पाउडर दे रहे हैं, तो इसके असंख्य दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
बच्चों के लिए प्रोटीन पाउडर जरूरी है या नहीं, यह तो आप समझ ही गए होंगे। आप सिर्फ प्रोटीन नहीं, बल्कि कोई भी पाउडर व सप्लीमेंट बच्चे को बिना डॉक्टर की सलाह के न दें। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि कई प्रोटीन पाउडर और शेक FDA द्वारा रेगुलेट नहीं होते हैं। मतलब वो प्रोटीन पाउडर की सामग्री को स्पष्ट रूप से लेबल करने की आवश्यकता नहीं है।
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