20 Apr 2022 | 1 min Read
Tinystep
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आपके बच्चे का विकास आपकी कोख में हो जाता है । परन्तु उसका मानसिक और स्वाभाविक विकास उसके आस पास के वातावरण पर निर्भर करता है । आपको बचपन से ही बच्चे की देखभाल करनी चाहिए ताकि आगे चलकर वो कुशाग्र बुद्धि बने । कोशिश करें की खानपान के अलावा आप उसके व्यायाम , खेलकूद, सोने-जागने, नृत्य-संगीत और पढाई पर भी पूरा ध्यान दें ।
हम आपके लिए कुछ सुझाव देना चाहेंगे जिनका नियमित पालन आपको यकीनन बेहतर परिणाम देगा ।
बच्चे को भाषा सम्बंधित ज्ञान उसकी माँ की कोख से मिलना शुरू हो जाता है । तीसरी तिमाही तक बच्चे को शब्द तथा आवाज़ें याद होने लगती हैं । ये आसान और मुफ्त है और हम उम्मीद करते हैं की इससे आप को कोई मुश्किल भी नही होगी ।
शिशु जब आपकी कोख में पल रहा होता है तब से ही आपके हाल-चाल, स्वास्थय और विचारों का उसपर असर होता है । आप जितना खुशहाल और तंदरुस्त रहेंगी उतना ही बच्चे के लिए अच्छा है । इसलिए आप रोज़ाना व्यायाम और योग करें । इससे आपके बच्चे के शरीर में न्यूरॉन्स नामक सेल्स की वृद्धि होगी और उनके शरीर में रक्त स्त्राव भी नियमित रूप से होगा । शरीर में होर्मोनेस की मात्रा बढ़ेगी और वो प्लासेंटा को पार कर शिशु तक पहुंचेंगे । आप भी चुस्त मह्सूस करेंगी, साथ ही साथ शरीर की थकान कम होगी । व्यायाम आपके शरीर से आलस्य मिटाता है ।
विटामिन डी आपका बेस्ट फ्रेंड होता है । आप धूप में 20 मिनट बैठ कर अपने शिशु और खुद के लिए लाभदायी काम कर रही हैं । गर्भावस्था में बढ़ते शिशु की बढ़ती माँगे पूरी करने में अक्सर माँ का शरीर कमज़ोर हो जाता है और उसमे विटामिन-डी की कमी आ जाती है जिससे हड्डियॉ कमज़ोर हो जाती हैं । कुछ महिलाओं के बच्चे ऑटिस्म का शिकार हो जाते हैं । इसलिए धूप सेंकना न भूलें । इससे विटामिन-डी की कमी पूरी होगी ।
गर्भावस्था के 20 वें हफ्ते से शिशु आभास करना शुरू कर देता है । आपका अपने पेट पर हाथ फेरना, बच्चे को छूने की कोशिश करना, उसे शांत करने की कोशिश करना उसके दिमाग तक संकेत पहुंचाता है । शोधों में ये पाया गया है की कोख में पल रहा शिशु अपने माँ तथा बाप के छूने में अंतर पहचान लेता है । इसलिए आप बादाम के तेल से अपने पेट के आसपास मालिश करें। आप चाहें तो ओलिव ऑइल का प्रयोग भी कर सकती हैं ।
अगली बार अगर कोई आप का उपहास बनाये की आप खुद से बातें कर रही हैं तो आप उन पर ध्यान ना दें क्योंकि ये आपकी ज़िन्दगी है । आप जैसे चाहें वैसे जी सकती हैं । गर्भवती महिला जब अपने कोख में पल रहे बच्चे से बात कर रही होती है तो शिशु उस संकेत को समझने लगता है । विज्ञान ने यह बात खोज निकाली है की बच्चे 16वें हफ़्तों से सुनने के काबिल हो जाते हैं और 27वे हफ्ते से उनके मस्तिष्क से कान की कोशिकाएं विक्सित हो जाती हैं ।
अगर आप चाहती हैं की आपके शिशु का मानसिक और भावनात्मक विकास हो तो आपको डिनर टाइम पर तरह तरह के भोजन के साथ एक्सपेरिमेंट करना चाहिए । बच्चों की जीभ की स्वाद कोशिकाएं गर्भधारण के 12 हफ़्तों में विक्सित हो जाती हैं ।
25वे हफ्ते में शिशु 2 लीटर एमनीओटिक तरल पदार्थ को सोखने लगता है । एक शोध में पाया गया था की जो माँयें गर्भावस्था में गाजर का जूस पीती थी उनके बच्चों को पैदा होने के बाद गाजर खाना पसंद था ।
अजन्मे बच्चे माँ की कोख में रह कर भी गाना सुन सकते हैं । संगीत बच्चों के शरीर में होर्मोनेस उत्पन्न करता है जिस से ख़ुशी और सुकून का अनुभव होता है । जन्म पश्चात बच्चे के दिमाग में संगीत से जुड़ी खुशनुमा यादें ताज़ा हो जाती हैं । संगीत को धीमे स्वर में सुने क्योंकि अत्यधिक तेज़ और शोर से बच्चे को हानि पहुँच सकती है ।
बच्चों के लिए नर्सरी पोयम पढ़ने में कोई हर्ज़ नहीं । इससे जन्म के बाद बच्चा स्कूल में पोयम जल्दी सीख पायेगा क्योंकि वह कोख में अपनी माँ से अनजाने में ही उसके ससुर और ताल पकड़ता था ।
बच्चे के जन्म के बाद उन्हें नर्सरी पोयम सुनाएं और देखिये कैसे झट-पट शिशु शांत हो जाता है ।
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