14 Apr 2022 | 1 min Read
Tinystep
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शिशु के जन्म के बाद उसकी और खुद की देखभाल करने के कारण ठीक होने में समय लगता है। इस ब्लॉग में हम आपको कुछ ज़रूरी टिप्स देंगे जिनसे आपको ठीक होने में मदद मिलें।
ठीक होने में कितना समय लगेगा ?
आपको थोड़ा सब्र करना होगा क्योंकि स्वस्थ्य होने में समय लगता है। आप शिशु के जन्म के फ़ौरन बाद उसे लेकर टहल नहीं सकती। आप बिस्तर से उठ सकती हैं और थोड़ा चल सकती हैं। लेकिन ध्यान रहे की एकदम से ही भारी-भरकम काम न करें।
ऐसा इसलिए क्योंकि औपरेशन के बाद दवाइयों का असर खतम होने में समय लगता है। जो एनेस्थीशिया महिला को दी जाती है वह प्रभावशाली होती है। इसलिए जैसे जैसे उसका असर खत्म होता जायेगा वैसे वैसे आपको आपके पैर महसूस होए लगेंगे।
जिन महिलाओं को अधिकतर समय के लिए प्रसव दर्द हुआ था उन्हें वापस से अपनी पहले जैसी ऊर्जा पाने में वक्त लगेगा।
जब महिला के मूत्राशय से पाइप (catheter) निकाल दिया जाता है तब वे बिस्तर से उतर सकती हैं। थोड़ा बहुत हिलने डुलने से आपको रीकवरी में आराम मिलेगी। चलने फिरने से आंतें सिकुड़ती नहीं और पेट भी साफ़ हो जाता है। वरना एक जगह बैठे या लेटे रहने से महिला को कब्ज़ की परेशानी हो जाती है। इसके साथ ही पैर में खून रुकता नहीं है वरना रक्त जमा हो जाता है या फिर महिला को न्यूमोनिया हो जाता है।
डिलीवरी के 6 हफ्ते के बाद आप व्यायाम करना शुरू कर सकती हैं।
शिशु को गोद में उठाना
हम जानते हैं की आप अपने कलेजे के टुकड़े को अपने हाथ में लेने का बहतु मन करता होगा। परन्तु सी-सेक्शन के बाद आपको शिशु को गोद में लेने में ज़रा दिक्कत होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि सर्जरी के दौरान डॉक्टर ने आपको एपिडुरल दिया था। ऐसे में आप अपने पति की या सास की सहायता ले सकती हैं।
शिशु को खड़े होकर गोद में उठाने में दिक्कत होगी परन्तु बैठकर उठाया जा सकता है। इसके साथ ही आप शिशु को स्तनपान भी करा सकती हैं।
दवाई समय पर लें
ऑपेरशन के बाद डॉकटर आपको कुछ ज़रुरी दवाइयां देंगे जिनसे आपका पोस्ट-ऑपेरशन दर्द कम हो। इन्हें लेने में लापरवाही न करें। क्योंकि दवाई मिस करे पर आपको ठीक होने में अधिक समय लगेगा। समय पर दवाई लें वरना वह अपना पूरा असर नहीं दे पायेगी। डॉक्टर जिस समय और खाली/भर पेट खाने को बोले, ठीक उसी प्रकार लें वरना आपको साइड इफेक्ट हो सकता है।
सी-सेक्शन के बाद पेट के आसपास दर्द होना
हर महिला को डिलीवरी के कुछ दिन बाद भी शरीर के निचले हिस्से में दर्द होता है क्योंकि गर्भाशय वापस अपनी पहले जैसे आकर में आ रहा होता है। इसके साथ ही जहाँ चीरा लगाया जाता है उस स्थान पर भी घाव भर रहें होते हैं जिस कारण थोड़ा दर्द होना स्वाभाविक होता है।
सी-सेक्शन के बाद थोड़ा रक्तस्त्राव होना स्वाभाविक है
हालाँकि आपने योनि से बच्चा पैदा नहीं किया परन्तु कुछ खून आपकी योनि से निकलेगा क्योंकि आपके गर्भाशय का अनचाहा अपवित्र खून का बाहर आना ज़रूरी है। जब शरीर की रक्त की ज़रूरत पूरी हो जाती है तो अतिरिक्त रक्त निकल जाता है। घबराएं नहीं यह सामान्य और प्राकृतिक है।
जल्दी ठीक होने के लिए अधिक फाइबर खाएं
कब्ज़ की शिकायत महिलाओं का सबसे बड़ा मुद्दा है। इसलिए आप ऐसे खाने की चीज़ें लें जिनसे मॉल त्याग हो जैसे की पपीता, केला, अमरुद, फलों के जूस और रोटियां, सलाद। प्रोसेस्ड फ़ूड से दूर रहें और जितना हो सके घर का बना ताज़ा और हल्का भोजन खाएं।
अपनी टांक का ध्यान रखें
नहाते समय ध्यान रहे की आप अपनी टांक को ज़रूरत से ज़्यादा न रगड़ें। उस स्थान को कोमल हाथों से छुयें और हो सके तो वहाँ अधिक साबुन/पानी न लगायें। अगर आपको पसीना आता है तो एक रुमाल या वाइप अपने पास रखें जिससे पसीना सोका जा सके। हफ्ते भर में टांक ठीक हो जायेंगे।
ध्यान दें :
अगर आपके चीरे की टांक के आसपास के स्थान पर खुजली हो रही है,त्वचा का रंग हरा/नीला/लाल हो रहा है, आस पास की त्वचा कड़ी हो रही है तो आप डॉक्टर से मिलें और वजह जानें।
घबरायें नहीं। सब सामान्य और प्राकृतिक है। वक्त के साथ सब ठीक हो जायेगा। महिला 2-4 दिन अस्पताल में रहती है और 6 हफ़्तों में फिर से सभी काम कर सकती है। इसके अलावा महिला थोड़ी जल्दी या देर से रीकवर हो सकती हैं क्योंकि हर महिला की अपनी गति होती है।
अपना ख्याल रखना न भूलें, घर में खाना का भरपूर स्टॉक रखें, स्वस्थ्य खाएं पिएं, सम्पूर्ण नींद लें, हलका फुल्का व्यायाम करें और खुश रहने से आप बेहद तरोताज़ा महसूस करेंगी। इस पोस्ट के माध्यम से अन्य महिलाओं को शिक्षित करें।
यह आपकी ज़िन्दगी के बहुत नाज़ुक पलों में से हैं। इसमें बखूबी अपना ख्याल रखें और दूसरे के लिए इसे ज़रूर शेयर करें –
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