18 Apr 2022 | 1 min Read
Tinystep
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विवाह के बाद पति पत्नी यह तय करते हैं की कब उन्हें बच्चा चाहिए। कई बार दम्पति दो बच्चे के बाद बच्चा नहीं पैदा करना चाहते हैं। परन्तु उनके बीच शारीरिक समबन्ध कायम रह सकते हैं। लेकिन इस बीच अनचाहे गर्भ से बचने के लिए उन्हें गर्भ-निरोधक की ज़रूरत पड़ सकती है। महिलाएं चाहें तो हॉर्मोन वाली दवाइयां या गुप्त स्थानों पर वीर्य के शुक्राणूओं का खात्मा करने वाली क्रीम लगा सकती हैं। पुरुषों के पास कंडोम का विकल्प रहता है जिसे वे जब चाहे यौन सम्बन्ध के पूर्व लगा सकते हैं। परन्तु यह सभी विकल्प अस्थायी होते हैं। इसलिए अगर आप स्थायी इलाज चाहते हैं तब आप कॉपर-टी का प्रयोग कर सकती हैं।
इस अंक में हम आपको कॉपर-टी से जुड़ी जानकारी देंगे जैसे की वह क्या होती है , कैसे इस्तेमाल होती है, कैसे काम करती है और अन्य गर्भ-निरोध के मुकाबले यह बेहतर क्यों है ?
कॉपर टी कबसे प्रयोग की जा रही है?
कॉपर-टी लगभग 50 सालों से प्रयोग की जा रही है। यह प्रेगनेंसी रोकने में 99% प्रभावशाली होती है।
कॉपर टी क्या होती है?
कॉपर टी एक सरल गर्भनिरोध है जिसे गर्भाशय में डाला जाता है। इसे कॉपर टी इसलिए कहते हैं क्योंकि इसका शेप अंग्रेज़ी शब्द “T” की तरह होता है और यह ताम्बे (कॉपर) की बनी होती है। ताम्बे का बना, पतला सा ट्यूब होता है जिसकी बाहरी सतह प्लास्टिक से लिपटी होती है। इससे एक लम्बा धागा जुड़ा रहता है जिसकी मदद से कॉपर टी को योनि मार्ग द्वारा गर्भाशय में लगाया जाता है ।
कॉपर टी काम कैसे करती है?
कॉपर टी ताम्बे की बने होने के कारण गर्भ निरोधक का काम करती है। ताम्बा पुरुष वीर्य को ख़त्म करने में प्रभावशाली होता है। वह पुरुष वीर्य के शुक्राणुओं का प्रोटीन बिगाड़ देते हैं जिस कारण शुक्राणुओं में मादा अंडे को fertilise करने की क्षमता ख़त्म हो जाती है।
ताम्बा गर्भाशय का केमिकल बनाव परिवर्तित करने लगता है। इस कारण पुरुष शुक्राणु महिला के गर्भाशय तक आते-आते बेअसर हो जाते हैं।
ताम्बे के कारण sperms महिला के गर्भाशय तक तैरने की शक्ति भी खोने लगते हैं क्योंकि ताम्बा पुरुष वीर्य के शुक्राणु के लिए प्राणघातक होता है। अगर किसी तरह से शुक्राणु मादा अंडे तक पहुँच कर शिशु को जन्म देने का प्रयास भी करता है तो भी ताम्बे वाला वातावरण शुक्राणु को ज़्यादा देर जीवित नहीं रहने देता।
कॉपर टी के लाभ:
कॉपर टी में ज़्यादा खर्चा नहीं होता। यह सस्ती, टिकाऊ और असरदायक होती है। यह लम्बे समय तक असर दिखाती है। कहने का मतलब की यह 5 से 10 साल तक के लिए काम आती हैं। ज़्यादा समय तक टिकने के कारण यह प्रभावशाली होती है।
कॉपर टी का एक और विशेष लाभ है की वह आपको आपातकालीन गर्भावस्था और यौन संक्रमण से बचती है
अगर आपने सेक्स के बाद गर्भ निरोध नहीं लिया है तब अगर आपने 5 दिन के अंदर कॉपर टी लगवा ली तो सम्भावनायें हैं की आपको अनचाहे गर्भ धारण से बचाव मिले।
ताम्बा संक्रमण से बचाता है इसलिए कॉपर टी लगवाने से आपके गर्भाशय में रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ जाती है।
कॉपर टी की देखभाल
इसके लिए आपको हर महीने यह जांचना होगा की इसे अंदर डालने के लिए जो धागा प्रयोग किया गया था वह अपनी जगह पर है की नहीं। यह धागा महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी की मदद से कॉपर टी गर्भाशय में डाली और निकाली जाती है।
कॉपर टी कैसे डाली जाती है?
कॉपर टी को महिला स्वयं नहीं डाल सकती। इसके लिए आपको डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता पड़ती है। डॉक्टर आपके गुप्त अंग को साफ़ करेंगे और विसंक्रमित करेंगे। इसके बाद वह नर्स की सहायता से आपके शरीर में कॉपर टी डाल देंगी। यह प्रक्रिया आम तौर पर स्त्री डॉक्टर ही डालेंगी।
कॉपर टी लगवाने के लिए अपने पति से सलाह-मश्वरा कर लें। अगर आपको दिक्कत है तो आप डॉक्टर के पास वापस जा कर कॉपर टी निकलवा भी सकती हैं।
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