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क्या डिलीवरी के बाद वजायना में बदलाव से सेक्स व मैरिज लाइफ पर असर पड़ता है?

क्या डिलीवरी के बाद वजायना में बदलाव से सेक्स व मैरिज लाइफ पर असर पड़ता है?

3 Mar 2022 | 1 min Read

Vinita Pangeni

Author | 549 Articles

मां बनना भले ही वरदान हो, लेकिन यह आसान नहीं है। प्रसव के दौरान जिस दर्द से महिला को गुजरना पड़ता है उसे सिर्फ एक मां ही समझ सकती है। सिर्फ दर्द नहीं, बल्कि गर्भावस्था में शरीर में होने वाले बदलाव और प्रसव की प्रक्रिया के चलते महिला के पूरे शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। इन बदलावों में वजायना में बदलाव भी आते हैं।

पहली बार मां बनने वाली महिलाएं प्रसव के बाद यो‍नि में बदलाव से अनजान होती हैं, इसलिए योनि में हुए परिवर्तन से डर जाती हैं। मगर घबराने के बजाय डिलीवरी के बाद यो‍नि में आने वाले बदलाव के बारे में जानना और इस दौरान योनि की देखभाल करने के तरीकों पर गौर करना चाहिए। इसी मकसद से हम यह लेख लेकर आए हैं।

डिलीवरी के बाद यो‍नि में बदलाव । Post Delivery Changes in the Female Vagina in Hindi

वुमन वजायना (women vagina) में डिलीवरी के बाद बदलाव होना आम बात है। कई बार इन बदलावों से वाकिफ न होने के कारण महिलाएं डर जाती हैं। लेकिन घबराने की कोई बात नहीं है। समय के बाद योनि रिकवर करती है। आगे जानते हैं डिलीवरी के बाद यो‍नि में आने वाले बदलाव क्या हैं।

  1. वजायना का फैलना – प्रेग्नेंसी के बाद वजायना का साइज पहले के मुकाबले बढ़ जाता है। इसकी वजह गर्भस्थ शिशु का आकार माना जाता है। इस दौरान मांसपेशियां इतनी स्ट्रेच हो जाती हैं कि वजायना भी फैलने लगता है। 

    डॉक्टर्स के अनुसार, प्रसव के बाद योनि फैली हुई, ढीली और ज्यादा मुलायम महसूस होती है। इस बारे में डॉक्टर्स का कहना है कि यह खुलापन और फैलाव कुछ समय के बाद कम होने लगता है। हालांकि, कई बार योनि प्रसव से पहले वाले आकार में नहीं आ पाती है। लेकिन, इससे किसी तरह की समस्या उत्पन्न नहीं होती है। 
  1. योनि में सूखापन  – बच्चे के जन्म के बाद योनि का सूखा महसूस होना भी सामान्य है। यह गर्भावस्था के बाद शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर कम होने की वजह से होता है। बताया जाता है कि स्तनपान कराने वाली माँ में यह परेशानी अधिक नजर आती है।

    दरअसल, स्तनपान न कराने वाली माँ की तुलना में इनके शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन कम रहता है। इसी वजह से स्तनपान बंद करने और पीरियड्स के शुरू होने के बाद एस्ट्रोजन का लेवल भी पहले जैसा हो जाता है। इस तरह योनि के सूखेपन में भी सुधार नजर आ सकता है।
 मां और शिशु / चित्र स्रोत : अनस्प्लैश

  1. योनि में सूजन और दर्द – प्रेग्नेंसी के बाद योनि में सूजन भी महसूस हो सकती है। यह प्रसव के दौरान त्वचा के छिलने और नवजात के निकलने की प्रक्रिया के कारण हो सकता है। डिलीवरी के कुछ समय तक सूजन और दर्द रहना सामान्य माना जाता है। इसके अलावा, टांकों का दर्द भी महसूस होता है। बताया जाता है कि 6 से 12 हफ्ते तक इस परेशानी से राहत मिल सकती है।
  2. सेक्स के दौरान दर्द होना – प्रसव के बाद सेक्स के दौरान दर्द होना भी योनि में होने वाले आम बदलावों में से एक है। इसी वजह से इसमें जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि सेक्स के दौरान दर्द होना किसी भी पार्टनर को अच्छा नहीं लगेगा। कई बार योनि के सूखेपन के कारण यह दर्द हो सकता है। ऐसे में किसी लुब्रिकेंट या ऑर्गेनिक ऑयल का इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर प्रसव के कुछ महीने बाद भी सेक्स के दौरान दर्द हो, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
तेल/चित्र स्रोत : अनस्प्लैश
  1. वजायनल इंफेक्शन – प्रेग्नेंसी के बाद योनि में इंफेक्शन होना भी आम बात है। प्रसव के दौरान गुजरने वाले ट्रॉमा के कारण गुप्तांगों में, पेट की दीवार और अन्य हिस्सों में बैक्टीरिया प्रवेश कर जाते हैं। नतीजन प्रसव के बाद योनि में इंफेक्शन हो सकता है। ऐसा अधिकतर सिजेरियन डिलीवरी में होता है। वजायनल इंफेक्शन की वजह से प्रसूता को बुखार का अनुभव हो सकता है।

प्रसव के बाद योनि की देखभाल के तरीके। Postpartum Vaginal Care in Hindi

डिलीवरी के बाद योनि में होने वाले बदलाव के बारे में आप जान गए हैं। इन बदलावों के कारण प्रसव के बाद खुद की देखभाल के साथ ही योनि की देखभाल करना भी जरूरी हो जाता है। इसके लिए इन तरीकों को अपनाया जा सकता है।

  • सूजन और दर्द को कम करने के लिए योनि के आसपास के हिस्से की बर्फ से सिकाई की जा सकती है।
  • योनि में आने वाले ढीलेपन के लिए पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज कर सकते हैं।
  • गर्म पानी से योनि के आसपास के हिस्से की सिकाई करके दर्द को कुछ कम किया जा सकता है।
  • योनि का सूखापन कम करने के लिए प्राकृतिक तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • टब में गुनगुना पानी डालकर उसमें करीब पांच-दस मिनट बैठना यानी सिट्स बाथ लेना भी योनि के दर्द को कम करने में मददगार साबित हो सकता है।

प्रसव के बाद योनि में बदलाव होना किसी तरह की परेशानी नहीं, बल्कि सामान्य बात है। बच्चे के पैदा होते समय योनि में होने वाले तनाव और शरीर में हार्मोन के स्तर में परिवर्तन के चलते इन बदलावों का सामना करना पड़ता है। माना जाता है कि करीब छह महीने में वजायना रिकवर हो जाता है।

अगर लंबे समय तक योनि में दर्द, सूखापन जैसी कोई भी समस्या रहे, तो एक बार डॉक्टर से संपर्क करें। वो डिलीवरी के बाद योनि में आने वाले बदलाव से जुड़ी जानकारी और सही उपचार के बारे में बता सकते हैं। इस दौरान अच्छी पोस्ट डिलीवरी डाइट का सेवन करें।

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