6 Apr 2022 | 1 min Read
Tinystep
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ढीले स्तनों को कहें ना!
बेहद खूबसूरत और हमेशा जवान दिखने वाली “मटीरियल गर्ल” और हिट देने वाली मैडोना, अपनी मौजूदगी से मंच की रौनक बढ़ा देती है। हालांकि जब 59 वर्षीय महिला मंच पर अपने स्तनों को प्रदर्शित करती है, तो यह विश्व-भर की महिलाओं की दयनीय वास्तविक को दर्शाता है, जो उम्र के साथ सुडोल स्तनों को को देती है। ढीले स्तन,जो एक वैश्विक चिंता है,इसे अधिकतर नजरअंदाज किया जाता है। फिर भी यह एक दुखद वास्तविकता है,जो हर महिला को उसके स्त्रीत्व के दौर में अवश्य प्रभावित करती है।
हर महिला को सुडौल और आकर्षक स्तन पाने का अधिकार है।
यह बहुत गलत व्याख्या और व्यापक रूप से बहस का मुद्दा है,लेकिन अब तक किसी सही निष्कर्ष तक नहीं पहुंचा है।
गुरूत्वाकर्षण सभी महिलाओं का सबसे बड़ा दुश्मन है। शरीर का कोई भी हिस्सा गुरूत्वाकर्षण से इतना प्रभावित नहीं होता है, जितना की स्तन। हर महिला को नीचे की ओर झुकते स्तनों का सामना करना पड़ता है।
स्तनों के लिगामेंट्स उम्र के साथ खिंचने लगते हैं और अपना लचीलापन खो देते हैं। स्तनों में सूजन और गांठ भी होती है, मीनोपौज के दौरान इन बदलावों पर ध्यान दिया जा सकता है।
जी हां, धूम्रपान के विरोध में कहीं जाने वाली बातों पर आपको यकीन करना चाहिए। इलेस्टिन फाइबर त्वचा की लोचशीलता को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होते हैं।कार्सनोजेन उन लोचशील तंतुओं को तोड़ता है।
सूर्य की पराबैंगनी विकिरणों से भी नुकसान पहुँचता है।
आप अपने वज़न को जाचते रहते हैं। है ना? जी हां यह भी ढीले स्तनों को प्रभावित करता है।
हालांकि ढीले स्तनों का कारण बेहद स्वाभाविक और आसान है, अधिकतर महिलाएं उसके प्रति जागरूक नहीं है। साथ ही ढीले स्तनों से जुड़े कुछ मिथक भी है। यह मिथक भ्रम को बढ़ावा देते हैं और महिलाओं की मानसिकता को जकड़ते है, जिसके कारण बड़ी समस्याओं को नजरंदाज किया जाता है। सबसे बड़ा मिथक है की स्तनपान कराने से स्तन ढीले होते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है आपके स्तन शिशु को स्तनपान कराना बेहद पसंद करते हैं। स्तन शिशु को स्तनपान कराने के लिए ही बने हैं, इसलिए यह सामान्य बात है। अमेरिका में 132 महिलाओं ,जो ब्रेस्ट अपलिफ्टमेंट के लिए आई थी,उनपर किए गए शोध के अनुसार आधी से अधिक महिलाओं ने नौ महीने तक शिशुओं को स्तनपान कराया था। किसी भी शौध से स्तनपान और ढीले स्तनों के वास्तविक संबंध का पता नहीं लग पाया है। हालांकि गर्भावस्था के दौरान दुग्ध ग्रंथियों का विस्तार और संकुचन, ढीले स्तनों को बढा सकता है। हालांकि यह ढीले स्तनों का कोई बड़ा कारण नहीं है।
व्यायाम – जी हां, सबसे पहले व्यायाम द्वारा। व्यायाम करें लेकिन उछाल का भी ध्यान रखें। वजन प्रशिक्षण और शरीर के ऊपरी हिस्से का व्यायाम जैसे पुश-अप्स मांशपेशियों को मजबूती देते हैं और स्तनों को सहारा। लेकिन इस दौरान सपोर्टिव ब्रा पहनना ना भूलें क्योंकि उछाल के कारण स्तन और ढीले हो सकते हैं। साथ ही व्यायाम से आपका वजन नियंत्रित रहेगा और आपका शरीर उचित प्रकार से काम करेगा,आपका साहस बढ़ेगा और शरीर भी सुडौल होगा।
इन सब कही गई बातों के बावजूद,यह याद रखना जरूरी है की पुरूषों को आकर्षित करना, अपने स्तनों को सुडौल बनाने का कारण नहीं होना चाहिए। स्तन शिशुओं को स्तनपान कराने के लिए बने हैं ना की पुरूषों को। हालांकि ढीले स्तन बहुत बड़ी समस्या है, अपने शरीर को ना अपनाने की क्षमता इसका कारण नहीं होनी चाहिए। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि सामाजिक रूप से आपके स्तन कितने अस्वीकार्य है। इसे अस्वीकार करने से आपको कोई मदद नहीं मिलेगी बल्कि आपका साहस कम होगा। अच्छे स्तनों की ख़्वाहिश अपने लिए कीजिए की आप उससे बेहतर महसूस करेंगी।
हालांकि समाज और पुरूषों को महिला की मदद करनी चाहिए,ढीले स्तनों की समस्या से बाहर निकलने में। लेकिन इससे भी पहले हमें सामाजिक स्तर पर इस समस्या के बारे में जागरूकता फैलानी चाहिए और इस मुद्दे पर बात करनी चाहिए। बाजाए की किसी को उनके स्तनों पर असहज महसूस कराने के, हमें इस मुद्दे पर चर्चा को प्रोत्साहित करना चाहिए। याद रखें यह ढीले स्तनों की बात है। आखिरकार सुडौल स्तन कोई नुक़सान नहीं पहुंचाते हैं।
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