12 Apr 2022 | 1 min Read
Tinystep
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जब गर्मी बहुत बढ़ जाती है तो एयरकंडीशनर से दूर रहना मुश्किल होता है। एडरकंडीशनर आजकल हम लोगों की लाइफलाइन है, खासतौर पर जब बिन मौसम के पतझड़ का महीना इतना गर्म होता है और गर्मियां बहुत ही ज्यादा गर्म होती है। दुर्भाग्यवश एयरकंडीशनर के कुछ दुष्प्रभाव और नुकसान होते हैं जिसके बारे में आप नहीं जानते होंगे।
एयरकंडीशनर कमरे में रहने से डिहाइड्रेशन – डिहाइड्रेशन की संभावना उन कमरों में अधिक होती है जहां एडरकंडीशनर होता है। आमतौर पर आप एडरकंडीशनर कमरे में रहकर डिहाइड्रेट हो जाएंगे, अगर एडरकंडीशनर ने कमरे की ह्यूमडेटी सोख ली और आपको हाइड्रेट रहने का ध्यान नहीं रहा तो।यह तब भी हो सकता है जब आपने सैटिंग कम पर की हो और आपको पानी पीने के लिए बहुत ठंड महसूस हो रही हो।
सरदर्द – यह एयरकंडीशनर का एक अन्य दुष्प्रभाव है, खासतौर पर तब जब इन्हें सही से ना रखा जाए तो इसके कारण कमरे की हवा की गुणवत्ता खराब होती है और इसी कारण माइग्रेन और सरदर्द की समस्या उत्पन्न होती है। एयरकंडीशनर वाले कमरे या बिल्डिंग में ज्यादा देर रहने से आपको डिहाइड्रेशन हो सकता है जिससे सरदर्द बढ़ता है। डिहाइड्रेशन से माइग्रेन भी होता है।
सांस लेने में दिक्कत – अपर रेस्पिरेटरी लक्षण जो नाक,आंख और गले में होते हैं वह एयरकंडीशनर में रहने वाले लोगों में उन लोगों की तुलना में ज्यादा दिखाई देते है,जो एयरकंडीशनर में नहीं रहते हैं। इससे नाक में अवरोध,गला सुखना आदि शामिल हैं। एक शोध में पाया गया है की एडरकंडीशनर बिल्डिंग में रहने वाले 25% लोग (rhinitis) का अनुभव करते हैं जबकि हवादार कमरे में रहने वाले केवल पांच प्रतिशत लोग इसका अनुभव करते हैं। 35% लोग जो एडरकंडीशनर कमरों में रहते हैं वह नाक में अवरोध महसूस करते हैं जबकि हवादार जगह पर रहने वाले नौ प्रतिशत लोग इसका अनुभव करते हैं।
आलस्य– आपका एयरकंडीशनर जो आपके आफिस में और घर में लगा है वह आपको ठंडा रखने और फुर्तीला बनाने के लिए तैयार किया गया है लेकिन इसका प्रभाव उल्टा होता है। शोध में पाया गया है जो लोग एयरकंडीशनर कमरे में रहते हैं उन्हें आलस्य की ज्यादा समस्या होती है,जी हां एयरकंडीशनर से आप आलस्य महसूस कर सकते हैं। एक शोध में पाया गया है की अगर आप एयरकंडीशनर कमरे में काम करते हैं तो हवादार कमरे में काम करने की तुलना में आप तीन गुना ज्यादा आलस्य महसूस करेंगे।
रूखी सूखी त्वचा – गर्मियों में धूप लगने के साथ ही बहुत अधिक एयरकंडीशनर में रहने से त्वचा रूखी हो सकती है और उसमें खुजली हो सकती है। शोध ने इस लक्षण को एक नाम दिया है जिसे सिक बिल्डिंग सिंड्रोम कहा जाता है। हालांकि दूसरे लक्षण एडरकंडीशनर से दूर जाने पर समाप्त हो जाएंगे लेकिन रुखी त्वचा से छुटकारा पाना आसान नहीं है इसे थोड़े दिन का समय लग सकता है।
अस्थमा और एलर्जी पर दुष्प्रभाव – इससे आपका अस्थमा और एलर्जी और बुरी हो सकती है। एडरकंडीशनर में रहना कुछ लोगों के लिए अच्छा हो सकता है जो प्रदूषण के प्रति असंवेदनशील होते हैं और ऐसे भी लोग हैं जो एयरकंडीशनर में तकलीफ महसूस कर सकते हैं। अगर आपका एयरकंडीशनर सही प्रकार से साफ नहीं है तो आप माइक्रोबस की चपेट मे भी आ सकते हैं।
आँख में परेशानी – आंखों के सूखा होने से आपको जलन और खुजली हो सकती है। कभी-कभार यह और भी बुरा हो सकता है और आपको धुंधला दिखाई दे सकता है। हालांकि एयरकंडीशनर से आंखें सुखती नहीं है लेकिन इससे आपको कोई मदद भी नहीं मिलती है। लेकिन जिन्हें इसकी समस्या होती है वह दिक्कत ज्यादा देर एयरकंडीशनर में रहने से और बुरी हो जाती है।
संक्रमित रोग – एयरकंडीशनर आपकी नासिका को सूखाता है जिससे म्यूकस में तकलीफ होती है और वह सूखता है और म्यूकस के संरक्षण के बिना आप वाइरस से संक्रमित हो सकते हैं। साथ ही नोटोरियस माइक्रोब्स जैसे की बैक्टिरिया (legionnaire) रोग उत्पन्न करते हैं,यह उस नकली पानी से हो सकता है जो एयरकंडीशनर का सिस्टम सप्लाई करता है।
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