21 Apr 2022 | 1 min Read
Tinystep
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गर्भावस्था में तनाव होना आम बात है। आपके शरीर में विभिन्न बदलाव आते हैं । 15% महिलाएं गंभीर रूप से तनाव ग्रसित हो जाती हैं । इससे उनकी कोख में पनपने वाले शिशु पर बुरा असर पड़ता है । मानसिक या शारीरिक तनाव आपकी रोज़मर्रा की ज़िन्दगी को प्रभावित करता है । इससे छोटे छोटे काम-काज भी प्रभावित होते हैं । कई बार मानसिक तनाव की शिकार महिलाओं को डॉक्टर , या नर्स से मदद नहीं मिल पाती है । गौर की बात तो यह है की आपका शरीर आपको संकेत देगा की उसके साथ सब ठीक नहीं है ।
इसलिए आपके लिए ये जानना उपयोगी रहेगा की तनाव के कुछ आम और मुख्य लक्षण क्या हैं ?
अगर आप चिंता ग्रस्त हैं तो आप इन प्रमुख लक्षणों को महसूस कर सकेंगी । आप बहुत नर्वस महसूस करेंगी । निराशा व नकारात्मक सोच, काम में मन न लगना और ज़िन्दगी को एन्जॉय न कर पाना । आपको लगेगा मानो आप पर दुनिया भर का काम सौंप दिया गया है । आपको लगेगा मानो आपकी मुश्किलें बढ़ रही हैं, कभी ख़त्म ही नहीं होंगी । ऐसे ख्याल आएंगे मानो आप ज़रूरत से ज़्यादा सोच रही हैं और आपकी उम्मीद अनुसार फल नहीं मिल रहे।
आप को महसूस होगा की चाहें कुछ भी कर लें आपको ख़ुशी नहीं मिल पा रही है । मानसिक दुःख जिसे अवसाद भी कह सकते हैं, किसी से बात करने से दूर हो सकता है । मनोवैज्ञानिक की ज़रूरत नहीं पड़ेगी अगर आपके अपने आपसे बात करें और आपका ध्यान रखें । तनाव में गर्भवती महिलाएं छोटी सी बात पर भी आँसू बहा देती हैं । इसे नियंत्रण में रखने के लिए आप अपना ध्यान किसी काम में लगाएं रखें ।
गर्भावस्था में महिलाओं को पीड़ाजनक दर्द होता है । शरीर के किसी भी हिस्से में जैसे की पैर, झांघों, सर, पीठ, कमर या फिर आँखों में दर्द हो सकता है । अगर दर्द ज़्यादा देर या दिनों तक चले तो डॉक्टरी सलाह ज़रूर लें ।
उचित खानपान , दवाइयों, योग और व्यायाम के बावजूद अगर आपके शरीर में शुगर लेवल्स बढ़ जाते हैं तो इसे आप तनाव सम्बंधित मान सकते हैं।
अगर आप नींद के बीचों बीच जबड़े के दर्द से जाग जाती हैं तो ये तनाव का लक्षण हो सकता है । दाँत पीसना भी एक प्रकार का तनाव लक्षण है ।
गर्भावस्था में आपकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम हो ही जाती है और आप को ठण्ड लग सकती है जिसमे आप को खाँसी, ज़ुखाम और छींक आने लगती है । परन्तु तनाव के कारण आप को अत्यधिक संक्रमण हो सकते हैं । ये कमज़ोर कोख वाली माँओं के लिए खतरनाक साबित हो सकता है ।
तनाव के कारण महिलाओं को प्रीटर्म लबोर कॉन्ट्रैक्शंस होने लगते हैं । इस कारण महिलाओं के शिशु कमज़ोर और अविकसित रह जाते हैं ।
इसके अतिरिक्त सेक्स में रूचि भी नहीं लगती, भूख मिट जाती है, बात-चीत में ख़ास रूचि नहीं रहती । अपने बारे में किसी भरोसेमंद इंसान से बात करें । आपकी मदद आपके सिवा और कोई नहीं कर सकता । इसलिए आपको ही अपने इलाज की देखभाल करनी है । दुसरे कामों में मन लगाइये । ध्यान परिवर्तित करने से काफी राहत मिलती है । हम उम्मीद करते हैं की हमारे सभी रीडर्स स्वस्थ्य मस्त रहें ।
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