12 Apr 2022 | 1 min Read
Tinystep
Author | 2578 Articles
गर्भावस्था में महिलाओं को कुछ रोग हो सकते हैं जैसे की हाई बी.पी, थकान, कमर या पीठ दर्द इत्यादि, हाथ-पैरों में सूजन, चक्कर आना, उल्टी, खून की कमी या फिर कोई संक्रमण। इन तमाम परिस्थितियों में महिला अगर स्वाभाविक रूप से तबियत में बदलाव नहीं महसूस करती है तो उसे डॉक्टर से मिलना होगा और उनकी बताई दवाइयां लेनी होंगी। हम आपको इससे जुड़ी ज़रूरी जानकारी देना चाहते हैं।
क्या दवाई लेने से बचा जा सकता है?
यह पूर्ण रूप से आपकी बीमारी पर निर्भर करता है। अगर आपकी समस्या बिना दवाई के सुधर नहीं रही है तो आपको निश्चिन्त तौर पर डॉक्टर की बताई दवाइयां लेनी पड़ेंगी। साथ ही ध्यान रहे की उन्हें डॉक्टर की बताई विधि के अनुसार ही सेवन करें।
गर्भावस्था में एंटीबायोटिक दवा लेना क्या सुरक्षित होता है?
आप एंटीबायोटिक दवा की चिंता न करें। एक दवाई मार्केट में जनता को देने से पहले उसकी पूर्ण जाँच की जाती है ताकि वह व्यक्ति को नुक्सान न पहुँचाये।
आपके डॉक्टर को पहले किसी अलेर्जी या दवाई लेने के हादसे के बारे में बता दें ताकि भविष्य में आपको दोबारा वही दवा लेने से कोई रोग न हो।
जिनको दवा नहीं खानी, उनके लिए स्वस्थ्य विकल्प
1. आप खान पान पर ध्यान दें।
2. नियम से व्यायाम और योग करें।
3. तनाव से दूर रहें।
4. अगर कोई बात आपको तंग कर रही है तो आप उसके बारे में अपने भरोसेमंद दोस्त से बात करें।
5. समय मिले तो आपको जिन चीज़ों में रूचि है उन्हें करें और अपना मन बहलायें।
दवा लेने से पहले किन बातों का ध्यान रखें?
दवा लेने से पहले उसकी पैकिंग डेट देखना सबसे ज़रूरी है क्योंकि दवाई कुछ महीनों बाद पुराणी होने के कारण हानिकारक बन सकती हैं।
उनमें रोग का खात्मा करने की शक्ति कम हो जाती है। इसलिए इसमें लापरवाही न करें।
दवा का सही नाम पढ़कर ही खरीदें। कभी कभार दुकानदार से गल्ती हो सकती है। इसलिए आप देखकर ही दवा खरीदें।
दवा लेने जायें तो जिस बीमारी के लिए दवा दी गयी है वही बीमारी के लिए दवा लें। चक्कर रोकने के लिए दवा लेनी है तो उसकी जगह पेट दर्द की दवा न लें।
दवा लेने जायें तो उसका बिल लेना न भूलें।
हमने जो भी जानकारी दी है, उसके साथ-साथ डॉक्टरी परामर्श करवाना न भूलें।
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