11 Apr 2022 | 1 min Read
Tinystep
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जैसे ही आपको पता चलता है कि आप माँ बनने वाली हैं, वो ख़ुशी बयान नहीं की जा सकती। आप आसमान में उड़ने लगती हैं और खुशी से फूली नहीं समाती। यकीनन इस दौरान आपके शरीर में कई ऐसे बदलाव आते हैं जिनसे आपकी कम्फर्ट प्रभावित होती है। आपको चक्कर आते हैं, उल्टियां, जी मिचलाना, कब्ज़, हाथ-पैरों की सूजन इत्यादि कई ऐसे परिवर्तन हैं जो महिला को असहज महसूस कराते हैं।
इस लेख गर्भावस्था के अन्य पहलुओं के ऊपर रौशनी डाली गई है।
1. हर महीने के रक्त स्त्राव से अस्थायी राहत मिल जाती है
एक स्वस्थ्य महिला में पीरियड्स होना आवश्यक है वरना उसे माँ बनने के लिए नाकाबिल समझा जाता है। परन्तु ये तो हर स्त्री जानती होगी की पीरियड्स में कितने कष्ट होते हैं, थकान, पीठ दर्द, पेट दर्द, सर दर्द इत्यादि। इन सबसे उसे 9 महीने के लिए आराम मिल जाता है।
2. महिला अपने खानपान पर ध्यान देती है और अच्छा खाना खाती है
जब आपको पता चलता है की शिशु की सेहत आपके खानपान पर निर्भर करती है तो आप सजग रहने लगती हैं व अपने आहार पर ध्यान देने लगती हैं।
3. सेक्स में आनंद आता है
कई महिलाओं को गर्भावस्था में पति के साथ सेक्स करने में अधिक आनंद आता है। उनके पेल्विक स्थान पर अधिक रक्त स्त्राव होने के कारण सेक्स का मज़ा कई गुना बढ़ जाता है क्योंकि बदन अधिक संवेदनशील बन जाता है।
4. कैंसर का खतरा कम हो जाता है
शोधकर्ताओं ने पाया है की सम्पूर्ण 9 महीनों की प्रेगनेंसी, बच्चे को जन्म देना और स्तनपान लम्बे समय तक करवाने से महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर और स्तन कैंसर का खतरा कई गुना घट जाता है।
शिशु के गर्भ में होने से लेकर उसके पैदा होने के बाद तक महिलाओं के शरीर में ज़रूरी हॉर्मोन्स के लेवल गिरते-बढ़ते रहते हैं। जिस से महिला के स्वास्थ्य पर प्राकृतिक बदलाव आते हैं। यह बदलाव उसे मातृत्व और स्त्रीत्व को समझने और अनुभव करने में मदद करते हैं।
5. सूंघने की क्षमता बढ़ जाती है
गर्भवती महिलाओं में बदलते हॉर्मोन लेवल्स के कारण सूंघने की क्षमता में वृद्धी हो जाती है।
6. आत्मविश्वास में बढ़ोत्री
गर्भावस्था में महिलाओं में प्यार, दया और आत्मविश्वास की मात्रा बढ़ जाती है। वे अपने शरीर को अपनाने लग जाती हैं और छोटी-मोटी बातों को लेकर चिंता नहीं करती। उन्हें बदन में खामियां नज़रअंदाज़ करना बखूबी आ जाता है।
गर्भावस्था न केवल महिला को शारीरिक रूप से बदल देता है बल्कि अक्सर वो महिलाओं में सकारात्मक नजरिया लाने में भी कारगर साबित होता है। महिलाओं में धैर्य, स्नेह, सहनशीलता बढ़ने के साथ वे एक बेहतर इंसान बन जाती हैं।
आपने अपनी प्रेगनेंसी में कैसे अनुभव जिए हैं? अगर आपके बच्चे के आने के साथ आपकी ज़िन्दगी में भी खुशनुमा बदलाव आये हैं तो इस पोस्ट को शेयर करें और अपने पति को टैग करें।
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