13 Apr 2022 | 1 min Read
Tinystep
Author | 2574 Articles
हृदय रोग मृत्यु का कारण है। कोरोनेरी आर्टिरी रोग, हार्ट अटैक,अर्थिमिया,एनजाइना और धड़कन रुकना इन स्थितियों से सभी परिचित हैं। लेकिन अक्सर पुरुषों को हृदय रोग से जोड़कर देखा जाता है पर यह लगभग सभी महिलाओं को प्रभावित करता है।
वास्तविक का सामना करें: महिलाएं भी खतरे में होती है।
अगर आप सोचते हैं की हृदय रोग पुरूषों की समस्या है,तो दोबारा सोचिए।
हृदय रोग महिलाओं में मृत्यु का बढ़ता कारण है – संयुक्त राज्य अमेरिका में 4 में से 1 महिला हृदय रोग के मर जाती है, यह महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए बढ़ता हुआ मृत्यु का कारण है। हालांकि महिलाओं में कोरोनेरी हृदय रोग पुरुषों की तुलना में दस वर्ष देर से विकसित होता है।
उच्च रक्तचाप महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए जोखिम भरा है – उच्च रक्तचाप, आपके हृदय को सामान्य से अधिक कार्य कराता है और फैटी बिल्ड अप या हृदय की धड़कन रुकना और किडनी या आंखें खराब हो सकती है। 30% महिलाएं उच्च रक्तचाप की शिकार हैं। प्री-मिनोपौज वाली महिलाओं को अपने उम्र के पुरुष की तुलना में यह समस्या कम होती है लेकिन मिनोपौज के बाद यह संख्या बदल सकती है। गर्भावस्था, ज्यादा वजन और मिनोपौज आपकी समस्या को बढ़ा सकते हैं।
कुछ कार्डियोवस्कुलर समस्याओं के प्रति महिलाएं अधिक संवेदनशील होती है – हृदय रोग में सभी प्रकार की कार्डियोवस्कुलर समस्याएं आती है जैसे कोरोनेरी हृदय रोग,कोनजेनिटल हृदय रोग, हृदय वाल्वे रोग, कार्डियो मायोपैथी, स्ट्रोक,एनजीना और दिल का दौरा। महिलाओं में कोरोनेरी माइक्रोवस्कुलर रोग और ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम के बढ़ने की संभावना होती है।
निश्चित चिकित्सीय स्थिति और जीवनशैली की आदतों से अन्य महिलाओं की तुलना में आपको अधिक खतरा हो सकता है। यह है कुछ कारक जिन्हें नियंत्रित या बचा जा सकता है।
मधुमेह – टाइप-2 डाइबिटीज हृदय रोग की संभावना से अधिक जुड़ा होता है। (CAD-coronary artery disease) का जोखिम मधुमेह से प्रभावित महिलाओं में सामान्य महिलाओं की तुलना में ज्यादा पाया गया है।
हाइपरटेंशन–उच्चरक्त चाप से आपका हृदय बढ़ता है और सामान्य से कम प्रभावमयी तरीके से पम्प करता है और अंत में अगर उपचार ना किया जाए तो दिल की धड़कन रूक सकती है। इससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक की संभावना भी बढ़ती है। दुर्भाग्यवश महिलाएं प्राकृतिक रूप से उच्च रक्तचाप के प्रति संवेदनशील होती है।
डायलिसिपिडाइमिया – असामान्य कोलस्ट्रॉल का स्तर ( HDL- high density lipoprotein),(LDL- low density lipoprotein), दोनों ही कार्डियोवस्कुलर रोग और जोखिम के कारण होते हैं। यह महिलाओं में बहुत सामान्य है लेकिन इसे समय पर नियंत्रित किया जा सकता है।
मोटापा – अधिक वज़न के कारण हृदय रोग का जोखिम बढ़ता है। अगर आपका वजन अधिक है तो आपको हाइपरटेंशन का जोखिम भी होता है।
धूम्रपान – महिलाओं को पुरुषों की तुलना में धूम्रपान से ज्यादा नुकसान होता है।
कम शारीरिक गतिविधि – हो सकता है आपको ऐसा लगे की आप जीवन में बहुत सक्रिय हैं, लेकिन आपका शरीर गतिविधि नहीं कर रहा है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं को कम गतिविधि से ज्यादा खतरा होता है और यह हृदय रोग का प्रमुख कारण भी है।
आमतौर पर थकान
नींद में गड़बड़ी
सांस लेने में दिक्कत
अपच की समस्या
उच्च पल्स और हार्ट रेट
बेचैनी
हाथों में कमजोरी
स्मृति में समस्या
पेट में दिक्कत
देखने में समस्या
हाथ का कांपना
रात में श्वास लेने में दिक्कत
महिलाओं में दर्द किस प्रकार एक लक्षण होता है
हृदय रोग का लक्षण सिर्फ सीने के दर्द के रूप में ही नहीं होता है। महिलाएं आमतौर पर जबड़े, गर्दन, पेट,कमर और गले में भी हार्ट अटैक से पहले दर्द महसूस करती है। सीने में दर्द और असहजता कई महिलाएं महसूस नहीं करती है। इसके अलावा वह कसाव, पीड़ा और दबाव महसूस करती है।
स्क्रीनिंग और रख-रखाव, सुरक्षा जरूरी है।
हृदय रोग से बचने का सबसे बेहतर तरीका है उसके कारकों को नियंत्रित करना और जांच कराते रहना।
बेसिक हार्ट फंक्शन टेस्ट
डाइबिटीज की जांच
ब्लड प्रेशर की जांच
(HDL), triglyceride levels test
सबसे पहले इन लक्षणों को नियंत्रित करें और अपनी वर्तमान स्थिति को जांचें। यह परिक्षण आपके हृदय रोग के जोख़िम के स्तर को जांचने में मदद करेंगे।
A
Suggestions offered by doctors on BabyChakra are of advisory nature i.e., for educational and informational purposes only. Content posted on, created for, or compiled by BabyChakra is not intended or designed to replace your doctor's independent judgment about any symptom, condition, or the appropriateness or risks of a procedure or treatment for a given person.