janiye aapke shishu ka chehra vyaktitva aakar kaisa hoga

janiye aapke shishu ka chehra vyaktitva aakar kaisa hoga

19 Apr 2022 | 1 min Read

Tinystep

Author | 2574 Articles


जेनेटिक कैसे काम करता है?

जब आप अपने बच्चे के आने का इंतज़ार कर रहे होते हैं तब आप यह ज़रूर सोचते है  कि वह किस तरह दिखेगा? क्या वह अपने पिता की तरह लम्बा होगा? या आपकी तरह उसके बाल होंगे? या फिर वो अपने दादी की तरह भी हो सकता है!

विशेषज्ञों ने बताया है कि इंसानों के 46 क्रोमोज़ोम(chromosome) में टोटल 60000 से 100000 जेन्स (genes) होते हैं। एक शिशु का 23 क्रोमोज़ोम माँ से और 23 क्रोमोजोम पिता से आता है। इसके एक जोड़े से 64 खरब शिशु बन सकतें हैं? अब आप समझ गए होंगें की यह अनुमान लगाना कितना मुश्किल है कि शिशु किसकी तरह दिखेगा। पर फिर भी हम इससे जुडी ज़रूरी जानकारी आपको दें सकतें हैं।

यह निष्कर्ष आया है कि शिशु किसी एक से सारे गुण नहीं लेते। कुछ लक्षण जैसे लम्बाई, वज़न,व्यक्तित्व आदि, वातावरण पर भी निर्भर करते हैं।

आँखों का रंग! 

यदि सिर्फ एक जीन (gene) का जोड़ा आँखों के रंग के चयन का जिम्मेदार होता तो आँखों के ज़्यादा से ज़्यादा 3 ही रंग होते – काला,भूरा, और शायद हरा। पर इंसानी आँखों के काफी सारे रंग सामने आये हैं। तो यह एक जोड़ा तय नहीं करता।

आँखों का रंग मेलालीन(मेलालीन) की मात्रा से तय होता है। गहरे रंग की आँखों में ज़्यादरतर मेलालीन की मात्रा ज़्यादा पायी गयी है। नीली आँखों में यह मात्रा बहुत कम और हरे, हेज़ल आदि रंगों की आँखों में अलग अलग मेलालीन की मात्रा पायी जाती है। यह उसपे निर्भर करता है कि शिशु ने कौनसा और कितना मेलालीन वाला जीन (gene) माता पिता से लिया है।

तो काली या बुरी आँखों वाले दंपति के शिशु के आँखों का रंग नीला हो सकता है।

चेहरा और शरीर

कुछ लक्षण जैसे डिंपल, चेहरे का आकार, एएब्रो आदि के जिन(gene) हावी माने जाते हैं। ये अक्सर शिशु में भी आ जाते हैं। इसके अलावा कुछ लक्षण जैसे हांथो का आकार, उँगलियाँ, पंजे, बाल आदि भी शिशु में माँ पिता से मिलते जुलते पाएं जाते हैं।

फिंगरप्रिंट के पैटर्न यह बतातें हैं कि यह सदियों से चला आ रहा है। यहाँ तक दांतों का आकर भी एक हावी लक्षण है।

यदि आपको पता करना है कि आपके शिशु का चेहरा कैसा होगा तो आप अपने परिवार के पूर्वजो की तस्वीर निकालें और देखें की वह क्या लक्षण है जो हर पीढ़ी में आ रहे है। जैसे – गोल चेहरा, या बाल आदि। यह हावी लक्षण माने जाते हैं और इनका आपके शिशु में आने का चांस बहुत ज़्यादा है।

लम्बाई और वज़न

अनुमान के लिए अक्सर यह फार्मूला काम करता है शिशु की हाइट का –

माँ और पिता की हाइट का औसत(average) लें। यदि आप लड़के की उम्मीद कर रहे हैं तो उसमें 2 इंच बढ़ा दें। और यदि आपको लड़की होने की उम्मीद है तो आप उसमे 2 इंच घटा दें। तो यदि आपकी हैहट 5 फ़ीट 2 इंच है और आपके पति की 5 फ़ीट 8 इंच, तो इनका औसत 5 फ़ीट 6 इंच होगा। ऐसे में आपके बेटे की हाइट 5 फ़ीट 8 इंच होनी चाहिए और आपकी बेटी की 5 फ़ीट 4 इंच। याद रहे, यह बस एक अनुमान है। कई जगह बच्चों की हाइट माता पिता दोनों से ऊँची होती है।

दूसरी चीज़ें जो शिशु की लम्बाई पर असर डालती है वह है खान-पान और पोषण। यदि शिशु की हाइट 5 फ़ीट 6 इंच होनी है, परन्तु उसे पर्याप्तः पोषण नहीं मिल पता, तो उसकी हाइट उससे कम ही रह जाएगी। विशेषज्ञों ने बताया है की संपूर्ण पोषण से, अनुमानित हाइट से ज़्यादा भी पाया जा सकता है।

शिशु के वज़न के बारें में बताना नामुमकिन है। यदि शिशु के माता पिता दोनों ही मोटापे के शिकार हैं तो शिशु का भी अधिक वज़न होने का बहुत चांस होता है।

बालों का रंग

वैसे तो गहरे रंग के बाल के जीन(gene) हल्के रंगों पर हावी होते हैं। पर यदि आपके और आपके पति के बालों का रंग अलग अलग है तो शिशु के बालों का रंग इनका मिश्रण हो सकता है।

यहाँ एक काफी दिलचस्प बात है, ज़रूरी नहीं है की शिशु के बालों का रंग माता पिता पर ही निर्भर हो। यह पूर्वजों पर भी निर्भर करता है। यदि आपके पूर्वजों में से किसी के बालों का रंग सुन्हेरा हुआ करता था, हो सकता है आपको इसकी खबर नहीं, तब भी शिशु के बालों का रंग सुनेहरा हो सकता है।

लक्षण चाहे जो भी हों, लम्बा, पतला, गोरा आदि, आपका शिशु हमेशा आपका अभिमान रहेग। इस जानकारी को ज़रूर शेयर करें।

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