18 Apr 2022 | 1 min Read
Tinystep
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बच्चे अपने दिन का अधिक समय सोते हुए बिताते हैं- इस बात से कोई अनजान नहीं है की बच्चे का विकास उनके सोते समय होता है, वो जितना अधिक सोयेंगे उतना ही अच्छा उनका विकास होगा| शारीरिक विकास के साथ उनकी याद्दाश्त का विकास भी उसी समय होता है, यहाँ तक की बच्चे जब नींद में हों उस समय उन्हें जो बातें बोली जाती हैं या सिखाई जाती हैं उन्हें याद रहती हैं|
बच्चे की तरह सोना- जब बड़ों को ये कहा जाता है की वो ‘बच्चे की तरह सो रहे हैं’ उसका मतलब होता है शान्ति से सोना और जब बड़े शान्ति से सोयेंगे उन्हें बातों को याद रखने में मदद मिलेगी और वो अपना आगे का काम अच्छे से कर पाएंगे|
कुछ सिखाने के बाद बच्चे को सुलाना- अगर बच्चे को कुछ नयी चीज़ सिखाई जाए और वो फ़ौरन उसे सीखकर झपकी ले लें तो उन्हें वो बात याद रहेगी जो की उन बच्चों के लिए मुश्किल होगा जिन्हें नयी चीज़ सिखाकर नहीं सुलाया जाता|
मिथ- ये मिथ है की बच्चों को जागकर कुछ सिखाया जाए तो उन्हें ज़ादा याद रहता है बल्कि सही ये है की बच्चे जब नींद में होते हैं तो वो अच्छे से सीख पाते हैं और उन्हें याद भी रहता है| ये भी गलत है की बच्चों को दिन के समय 30 मिनट से कम सुलाने से उनकी याद्दाश्त का विकास होता है बल्कि सही ये है की बच्चे अगर 30 मिनट या उससे अधिक सोएं तो उनका विकास होता है|
माओं के लिए यह जानना बहुत ज़रूरी है – आप ज़रूर इसे शेयर करके एक माँ को अपनी तरफ से शिक्षित करें –
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