• Home  /  
  • Learn  /  
  • कैसे करें अपने महंगे कपड़ो की हिफाज़त, रखें नए जैसा सालों साल
कैसे करें अपने महंगे कपड़ो की हिफाज़त, रखें नए जैसा सालों साल

कैसे करें अपने महंगे कपड़ो की हिफाज़त, रखें नए जैसा सालों साल

7 Apr 2022 | 1 min Read

Tinystep

Author | 2574 Articles

कपड़े किसी भी इंसान की पर्सनालिटी का एक आइना होता है।लोग कहीं भी जाएँ उनके कपड़े उनके व्यक्तित्व के बारे में बहुत कुछ कहते हैं, इसलिए लोग आये दिन फैशनेबुल और महंगे कपड़े खरीदते रहते हैं। क्यूंकि आज के इस फैशन के युग में कपड़ो का मेन्टेन रहना बहुत ज़रूरी है, परन्तु कभी-कभी लोग रेगुलर कपड़ों मेन्टेन नहीं कर पाते और सस्ते तो क्या महंगे कपड़े भी बहुत जल्दी ख़राब होने लगते हैं। इसलिए हम नीचे कुछ टिप्स शेयर कर रहे हैं जिससे आप अपने कपड़ो को लम्बे समय तक मेन्टेन कर के रख सकते हैं। इसके लिए आपको ज़्यादा मेहनत करने नहीं है बस रखना होगा कुछ बातों का ध्यान।

१. कपड़ों को रखने का बना लें एक रूटीन – सबसे पहले तो आप अपना, पति का और बच्चों के कपड़ों को रखने की एक रूटीन बना लें। अपने कबर्ड में कपड़े सिस्टेमेटिक तौर पर रखें, हर रोज़ घर में पहनने के कपड़े एक जगह, बाहर पहनकर जाने के कपड़े एक जगह और पार्टी में पहनकर जाने के कपड़े एक जगह। अगर आपके कबर्ड में जगह काम है तो आप चाहे तो कपड़े रखने के पाउच भी ले सकतीं है जिससे आपको कपड़े रखने और ढूंढ़ने में आसानी होगी क्यूंकि कभी-कभी हमारे पास एक रंग के बहुत से कपड़े हो जाने पर उसे ढूंढ़ना मुश्किल हो जाता है और वक़्त भी बहुत निकलता है। इसलिए कपड़े सही ढंग से अर्रेंज कर के रखने से कपड़ों की लाइफ रहती है और वो ज़्यादा दिन तक चलते हैं।

२. सफ़ेद कपड़ों को सावधानी से धोएं – सफ़ेद कपड़ों को मेन्टेन करना सबसे कठिन काम होता है क्यूंकि सफ़ेद कपड़ों के रंग जल्दी ख़राब होते हैं। इसलिए अक्सर अगर लोगों को पसंद भी तो भी लोग सफ़ेद कपड़े लेने से बचते हैंक्यूंकि उसपे बहुत जल्दी दूसरे कपड़ों का रंग चढ़ जाता है। पर अब सफ़ेद कपड़े लेने से घबराये नहीं बस आपको इतना करना है की जब आप कपड़े धोने का प्लान बना रहे हैं तो सफ़ेद कपड़ो को पहले धोएं और बाकि कपड़ो के साथ न धोएं नहीं तो दूसरे कपड़ों के रंग आपके सफ़ेद कपड़े पर लग सकती हैं।

३. ऊनी व् सिल्क के कपड़ों को ड्राई क्लीन करवाएं – ऊनी और सिल्क के कपड़े काफी सॉफ्ट होते हैं इसलिए कोशिश करें की आप उन्हें ड्राई क्लीन ही करवाएं। अगर आप ऊनी कपड़ों को घर में धो भी रहीं हैं तो कोशिश करें की उसे ऊनी कपड़ों के ही डिटर्जेंट में धोएं और उन्हें सपाट सुखाएं क्योंकि अगर आप ऊनी कपड़ों को टांगकर सुखाएँगे तो भींगे होने के कारण उसका सारा वज़न नीचे की ओर आ जाएगा और इस वजह से नेकलाइन के पास इनकी शेप बिगड़ जाने का दर रहेगा।

४. पार्टी वियर का रखें खास ख़याल – पार्टी वियर के कपड़े जैसे – साड़ी, ज़री वाले सलवार-कमीज, पुरुषों के सूट या बच्चों के पार्टी वियर ड्रेसेस को बिलकुल भी घर पर वाश न करें उन्हें हमेशा ही अच्छे लांड्री में दें और एक बात का ज़रूर ध्यान रखें कोई भी कपड़ों को खासकर पार्टी वियर को एक बार पहनने के बाद ही धोनी न दें, आप कम से कम दो तीन बार उन्हें ज़रूर पहने। क्यूंकि कपड़ों को तुरंत धोनी से भी उसकी लाइफ चली जाती है इसलिए अगर आपकी आदत है भी नए कपड़े को एक बार पहनने के बाद ही धो देतीं हैं और बाद में आपको लगता है की कपड़े में खराबी थी तो यह कपड़े की नहीं आपकी गलती है अगर आपको कपड़े की लाइफ चाहिए तो उन्हें ज़्यादा जल्दी न धोएं खासकर बात जब पार्टी वियर की आती है।

५. कोशिश करें हाथ से कपड़ों को धोने की – आज के इस वक़्त में लोग से बचने के लिए कपड़े धोने के लिए वाशिंग मशीन का सहारा लेते हैं पर क्या आपको पता है वाशिंग मशीन कभी-कभी कपड़ों को खराब करने की भी वजह बन जाता है। कोशिश करें की नए कपड़ों को हाथ से ही धोएं क्यूंकि वाशिंग मशीन में काफी रफ़ धुलाई होती है जनो आपके कपड़ो को कमज़ोर भी कर सकता है। इसलिए ज़्यादा कपड़े जमा न करें जिससे आपको वाशिंग मशीन यूज़ करने की ज़रूरत पड़ जाए। बहुत जब ज़रूरत हो जैसे चादर-पर्दे या बच्चों के कपड़े ही वाशिंग मशीन में धोएं।

ध्यान दें – इन सबके अलावा एक और जो ज़रूरी बात है वो यह है की डिटर्जेंट का इस्तेमाल काम करें और सिमित मात्रा में करें। क्यूंकि कभी-कभी लोगों को लगता है की ज़्यादा डिटर्जेंट डालने से कपड़े अच्छे से और ज़्यादा साफ़ होंगे पर ऐसा कुछ भी नहीं है इसलिए काम डिटर्जेंट यूज़ करें पर अच्छा डिटर्जेंट यूज़ करें। 

A

gallery
send-btn

Suggestions offered by doctors on BabyChakra are of advisory nature i.e., for educational and informational purposes only. Content posted on, created for, or compiled by BabyChakra is not intended or designed to replace your doctor's independent judgment about any symptom, condition, or the appropriateness or risks of a procedure or treatment for a given person.