5 Apr 2022 | 1 min Read
Tinystep
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हर शिशु जब पैदा लेता है तो उसके कुछ दिन बाद ही शिशु का नामकरण होता है और उसे आशीर्वाद देने के लिए पूरा परिवार एकजुट होता है। यह सभी के लिए एक ख़ास मौका होता है परन्तु, क्या आपने कभी सोचा है की शिशु का नामकरण क्यों होता है ? कहीं आप यह तो नहीं सोच रहे की शिशु को पुकारने के लिए एक नाम चाहिए होता है और क्या। यह तो ठीक है, पर यह कार्य तो ऐसे भी हो सकता है। शिशु के नामकरण के पीछे भी कई कारण है जो आज इस पोस्ट के ज़रिये हम आपको बता रहे हैं।
नामकरण के कारण –
1. नामकरण के समय पूजा कराइ जाती है जिससे शिशु की आयु, प्रतिभा व् तेज में वृद्धि होती है।
2. बड़े-बुजुर्गों के आशीर्वाद से शिशु के व्यवहार में भी वृद्धि होती है जिससे वो आगे चलकर भविष्य में अपना एक अलग स्थान व् अस्तित्व बनाता है।
3. ‘नाम’ जो किसी को पहचान दिलाता है, जो सारी ज़िन्दगी एक इंसान के लिए उसका अस्तित्व बन जाता है। इसलिए यह ज़रूरी है की नए शिशु का नाम सही तरीके से रखा जाए और उसे अच्छा नाम दिया जाए क्यूंकि नाम का असर कहीं न कहीं इंसान के व्यवहार पर भी पड़ता है और कहीं न कहीं नाम के हिसाब से भी एक इंसान को गुण प्राप्त होते हैं। इसलिए नामकरण के वक़्त शिशु का अच्छा व् उचित नाम रखा जाता है जिससे उसके अच्छे नाम का असर पूरे जीवनभर उसपर पड़े और उसके अंदर अच्छे गुण आये। इसलिए अपने शिशु का नाम रखने से पहले अच्छी तरह सोच लें क्यूंकि कहीं ना कहीं शिशु के नाम का प्रभाव भी उसपर पड़ता है।
यह थे कुछ महत्वपूर्ण कारण जिस वजह से एक शिशु का नामकरण होता है।
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