6 Apr 2022 | 1 min Read
Vinita Pangeni
Author | 549 Articles
स्तनपान बच्चों के लिए सबसे फायदेमंद होता है। नवजात शिशु को ब्रेस्ट मिल्क से ही उसकी ग्रोथ के लिए जरूरी सभी पोषक तत्व मिलते हैं। ऐसे में इस दौरान नई मांओं को अपने खान-पान पर खास ध्यान देना पड़ता है। डाइट सही नहीं होगी, तो शिशु की ग्रोथ में भी रुकावट पैदा हो सकती है। इसी वजह से आगे हम ब्रेस्ट फीडिंग के दौरान मैटरनल डाइट चार्ट कैसी होनी चाहिए, इसपर चर्चा कर रहे हैं।
प्रेग्नेंसी से पहले और बाद में एक अच्छी मैटरनल डाइट (Breastfeeding Mother Diet Chart in Hindi) को फॉलो करना जरूरी है। स्तनपान कराने वाली मां (breast feeding mother) के लिए मैटरनल डाइट कितनी जरूरी है, यह आगे समझिए।
ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली मां के लिए हम आगे एक डाइट चार्ट ( Lactating Mother Diet Chart in Hindi)का नमूना पेश करने जा रहे हैं। यह डाइट चार्ट (Lactating Mother Diet Chart) हेल्दी होने के साथ ही महिला के स्तन में दूध की आपूर्ति का भी पूरा ख्याल रखेगा। ध्यान दें कि यह एक सैम्पल चार्ट है। अपने स्वास्थ्य के हिसाब से डाइट चार्ट बनवाने के लिए डायटिशियन से संपर्क करना जरूरी है।
खाने का समय | आहार में शामिल करने वाले खाद्य पदार्थ |
सुबह उठते ही (6 से 7:30 के बीच) | एक कप गर्म पानी और रातभर भीगे हुए पांच से छह बादाम के साथ एक अखरोट |
नाश्ता (सुबह 8:30 से 9:30 के बीच) | शाकाहारी महिलाएं एक कटोरी दलिया / सब्जी-रोटी / एक कप ओट्स में से किसी एक का सेवन कर सकती हैं। इसके साथ एक गिलास दूध या एक कटोरी दही भी खाएं। एगेटेरियन सुबह के नाश्ते में एक अंडे से बना ऑमलेट शामिल कर सकते हैं। इनके अलावा, नाश्ते में इडली, डोसा, वेजिटेबल पोंगल, सब्जी के साथ पनीर चीला इनमें से भी किसी एक को शामिल कर सकते हैं। |
मिड मॉर्निंग स्नैक्स (सुबह 11 बजे) | अपनी पसंद से कोई भी दो फल का सेवन करें जैसे कि सेब, अनार, केला आदि। मिक्स फ्रूट सलाद भी खा सकते हैं या फिर गाढ़ी लस्सी या छाछ का सेवन भी किया जा सकता है। |
लंच (1 से 2 बजे के बीच) | दो रोटी, आधी कटोरी चावल, एक कटोरी सब्जी और एक कटोरी दाल के साथ दो चम्मच घी। इनके साथ में एक कटोरी रायता, एक प्लेट सलाद भी लें।मांसाहारी महिलाएं एक चिकन का पीस या फिर मछली की करी का सेवन कर सकती हैं। |
शाम का नाश्ता (4 से 5 बजे के बीच) | एक गिलास दूध, एक बेसन का चीला या फिर एक उबला हुआ अंडा।इसके अलावा, ड्राई फ्रूट शेक, ओट्स कटनेट्स, ढोकला, भूने हुए मखाना खा सकते हैं। |
रात का खाना ( 7 से 8 बजे के बीच) | दो से तीन रोटी, एक कटोरी हरी सब्जी, एक कटोरी दाल, एक प्लेट सलाद,1 कप दही |
सोने से पहले (9 बजे के करीब) | एक कप दूध में घी और थोड़ी-सी हल्दी डालकर पिएं |
नोट : इस डाइट चार्ट (lactating mother diet chart) में आप अपनी जरूरत और डॉक्टर के निर्देशों के हिसाब से बदलाव कर सकते हैं। साथ ही किसी खाद्य पदार्थ से एलर्जी हो, तो उसकी जगह अन्य पौष्टिक विकल्प को आहार में शामिल करें।
10 सालों से मैटरनल डाइट और चाइल्ड न्यूट्रिशन संबंधित पेशे से जुड़ी डॉक्टर पूजा ने ब्रेस्ट फीडिंग माँ के लिए कुछ जरूरी टिप्स दिए हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं –
हां, पशु उत्पाद का सेवन न करने वाली महिलाओं में विटामिन-बी12 कम होता है। जब उनके शरीर में कम विटामिन बी 12 होगा, तो बच्चे को भी कम मात्रा में ही ये पोषक तत्व मिलेगा। ऐसे में बच्चे को विटामिन बी12 की कमी होने का खतरा रहता है, जिससे बच्चे को मस्तिष्क संबंधी क्षति पहुंच सकती है।
इसके अलावा, दूध पिलाने वाली मां का भोजन (feeding mother diet chart) पूरी तरह शाकाहारी होगा, तो महिलाओं में आयरन की भी कमी हो सकती है। इसी वजह से इन महिलाओं को विटामिन बी-12 और आयरन के सप्लीमेंट लेने की सलाह दी जाती है।
हालांकि, डॉक्टर की सलाह के बिना कोई सप्लीमेंट नहीं लेना चाहिए। डॉक्टर को बताएं कि आप शाकाहारी डाइट फॉलो करती है। उसके बाद डॉक्टर जरूरी सप्लीमेंट लेने की सलाह दे सकते हैं।
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