29 Apr 2022 | 1 min Read
Mona Narang
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आज के इस फास्ट-फास्ट यानी तेज रफ्तार वक्त में हर किसी को जल्दबाजी होती है। ऐसे में आजकल के बच्चों को भी स्मार्ट वर्क के लिए प्रेरित किया जाता है। हालांकि, इस स्मार्ट वर्क के चक्कर में कई बार बच्चे अन्य लोगों की मेहनत यानी हार्ड वर्क को समझ नहीं पाते हैं। ऐसे में इस मे डे अपने बच्चों को मेहनत के मीठे फल को समझने में मदद करें और उन्हें कड़ी मेहनत की अहमियत सिखाएं। आज के हमारे इस खास लेख में हम इसी विषय में जानकारी दे रहे हैं।
हमेशा बच्चे उन चीजों को करने में अधिक उत्साहित होते हैं जिनके लिए उनकी प्रशंसा हो। इसलिए अगर बच्चे कुछ करते हैं तो उस कार्य के परिणाम पर ज्यादा जोर देने की बजाय बच्चे के प्रयास पर अधिक फोकस करें। उन्हें समझाएं कि उनके किए गए कार्य का जो भी रिजल्ट हो आपको मंजूर है। आपके लिए अहमियत है उनकी मेहनत की। आपको उनका एफर्ट लगाना दिख रहा है और यही आपके लिए काफी है।
हार्ड वर्क और स्मार्ट वर्क दोनों की ही अपनी अहमियत है। ऐसे में बच्चों को दोनों की अहमियत समझाना आवश्यक है। कई बार बच्चे स्मार्ट वर्क करने को ज्यादा आवश्यक मानते हैं और जो मेहनत करते हैं उन्हें कम आंकने लगते हैं या उनके स्किल्स को कम समझते हैं। ऐसे में यह पेरेंट्स की जिम्मेदारी है कि वे बच्चों को इनमें अंतर और इनकी जरूरत को समझाएं।
बच्चों को मेहनत करने की वैल्यू सिखाने के लिए यह जरुरी है कि उन्हें ऐसे लोगों से मिलाएं जो मेहनत का काम करके अपना गुजारा कर रहे हैं। उन्हें अपने साथ बाजार लेकर जाएं व फल और सब्जियां बेचने वालों को दिखाएं और उन्हें बताए कि वे सर्दी-गर्मी, बरसात हर मौसम में इतनी मेहनत करते हैं।
इसके अलावा, उन्हें ऐसे लोगों की सक्सेस स्टोरी बताएं, जो मेहनत के दम पर आज अच्छे कामयाब हो। सक्सेसफुल लोगों के परिश्रम की कहानी शेयर कर बताएं कि हार्ड वर्क करने से वो भी एक दिन बहुत आगे जाएंगे।
बच्चों को अपने मुश्किल वक्त के बारे में बताएं और आज आप जहां स्टैंड कर रहे हैं वो आपकी मेहनत है, यह भी बताएं। उन्हें समझाएं कि कड़ी मेहनत का फल कभी न कभी जरूर मिलता है। इसलिए मेहनत करने से भागना न सीखें, बल्कि उस काम को तब तक करना सिखाएं जब तक काम पूरा न हो जाए।
बच्चे को मेहनत का कोई टास्क दें। फिर जब वे उस टास्क को पूरा कर लें तो उन्हें रिवॉर्ड के तौर पर उनकी कोई पसंदीदा चीज दें। ध्यान रहे वो रिवॉर्ड उनके रिजल्ट के लिए नहीं बल्कि एफर्ट के लिए होगा इसलिए उनके परिणाम को मन में न रखें बल्कि उन्हें समझाएं कि ये रिवॉर्ड उन्हें उनकी मेहनत, उनके हार्ड वर्क के लिए दिया गया है।
उन्हें समझाएं कि उनके पास जो भी चीज है जैसे – पहनने के लिए, कपड़े, अच्छा खाना, अच्छे खिलौने यहां तक कि उनके पैर में पहनने की चप्पल तक के पीछे किसी न किसी की मेहनत छुपी है। उन्हें समझाएं हार्ड वर्क हर जगह है इसलिए उन्हें हर किसी की मेहनत की वैल्यू समझने की आवश्यकता है। बच्चों को हर किसी की मेहनत की कदर करने के साथ सराहना करनी चाहिए।
अपने बच्चे की तुलना अन्य बच्चों से न करें। कई बार अन्य बच्चों से तुलना होने पर बच्चे अपने आप में काफी निराश हो जाते हैं और हार्ड वर्क की जगह स्मार्ट वर्क चुनने के चक्कर में गलत रास्ता चुन लेते हैं। इसलिए हमेशा याद रखें हर कोई एक जैसा नहीं होता और हर किसी के काम करने या सीखने का तरीका एक नहीं होता है। इसलिए बच्चे को हार्ड वर्क की अहमियत बताते वक्त उनकी तुलना दूसरों से बिलकुल न करें।
तो ये थे बच्चों को मेहनत की अहमियत समझाने के कुछ आसान टिप्स। हर बच्चे को अन्य लोगों के मेहनत को समझना चाहिए ताकि वे अपने स्कूल, कॉलेज या काम की जगह में किसी के हार्ड वर्क का मजाक न उड़ाएं व उन्हें कम न आंकें, बल्कि वे उन्हें भी अपनी तरह ही समझें। उम्मीद है यहां दिए गए टिप्स आपके लिए उपयोगी साबित होंगे और आप इस मजदूर दिवस में अपने बच्चों की मेहनत की वैल्यू बता सकेंगे।
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