22 Apr 2022 | 0 min Read
Tinystep
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याद कीजिये वो हर पल जब आपने माँ के ताने सुनकर अपना मुँह बनाया हो| माँ का हर चीज़ के लिए मना करना, आपको कुछ उल्टा पुल्टा करते देख घूरना या आपको वो चीज़ें न करने देना जो आप दिल से करना चाहती थीं| आपको लगता था कि वो आपको दुखी और रोते हुए देखना चाहती हैं| कैसे आप दौड़कर अपने कमरे में जाती थीं और ज़ोर से दरवाज़ा बंद करके रोने लग जाती थी, और अब, आप भी एक माँ हैं| सोचिये, अगर आप उस समय में वापस जा पाती तो आप अपनी माँ को बेहतर तरीक़े से समझ पाती! ये है वो 5 पल जब आपको ये महसूस होता है कि ‘माँ हमेशा सही होती हैं’
माना कि ऐसे बहुत से दिन होते होंगे जब आपका बिस्तर से निकलने का बिलकुल मन नहीं करता होगा ,पर मम्मी आपको स्कूल का एक भी दिन कैसे मिस करने दे? वो आपको जैसे तैसे नींद से उठाती थी| हम में से कई लोग सुबह सुबह ठंडे पानी के छींटों से अच्छी तरह परिचित हैं| अब आपके बच्चे हैं और उन्हें रोज़ सुबह नींद से उठाने में आपकी जान निकल जाती है| अब जाकर आपको अपनी माँ का दर्द समझ आता है, आप ये समझती हैं कि आपकी माँ ने कभी आपका बुरा नहीं चाहा| काश आप उस समय उन्हें समझ पाती!
हमारे हर दिन का उद्देश्य होता था, मम्मी के दिए हुए हर काम से बचना! फिर चाहे वो अपने दोस्तों के घर पर देर तक रुकना हो या काम के बहाने से घर से बाहर निकलना, काम से बचने का हर इलाज आपको आता था| और अब ये आपके साथ होता है| आपको घर के काम में मदद चाहिए होती है और अब आपके बच्चे काम से जी चुराते हैं| आज मम्मी की याद आपको आ रही होगी | बेचारी मम्मी!
आपके बच्चों को खाना पसंद नहीं, वो हरी सब्ज़ियों के नाम से ही चिढ़ जाते हैं| ये आपको बस अपने बचपन की याद दिलाता है| मम्मी कैसे हमारे पीछे एक चम्मच लेकर दौड़ा करती थी| काश आपको इन सब की एहमियत उस समय पता होती! दूध से आपकी जन्मों जन्मों की लड़ाई थी और वो लड़ाई अब आपके बच्चों ने मोल ली है| भला माँ से बच्चे पीछे कैसे रह सकतें है?
अपनी माँ का कहा न मानना तो जैसे आपके खून में ही था क्योंकि सर्दी के समय माँ के कहने पर स्वेटर और दस्ताने तो आपने कभी पहने नहीं| अब आपके बच्चे भी ये ही करते हैं, और तो और उन्हें मोज़े और टोपियों से सख्त नफरत है| ज़ाहिर सी बात है कि आप एक न एक दिन जुक़ाम के साथ ज़रूर उठी होंगी और अब आपके बच्चे भी यही करते हैं| अब आपको उन स्वेटर्स और दस्तानों की याद आती हैं, काश आपने पहन लिए होते और काश आपके बच्चे भी ये बात आसानी से समझ पाते|
लाइट बंद होते ही देर रात तक जागकर टीवी देखने से अच्छा काम तो तब कोई था ही नहीं! आपके रात के कार्टून्स आपके सबसे अच्छे दोस्त बन गए थे| पर अगले दिन की थकान मत भूलिए जिसकी वजह सेजब क्लास में ध्यान न दे पाने की वजह से आपको क्लास से बाहर तक निकाल दिया गया था! यह कहावत कितनी सही मालूम पड़ती है कि, ‘इतिहास अपने आप को दोहराता है’ और अब आपके बच्चों के भी सबसे अच्छे दोस्त उनके रात वाले कार्टून्स हैं| काश आपने अपनी माँ की बात सुनी होती और काश आपके बच्चे भी आपकी बात सुन लें!
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