14 Apr 2022 | 1 min Read
Tinystep
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PCOD आधुनिक युग का नये प्रकार का रोग है। इससे कई महिलाएं प्रभावित ज़रूर होती हैं परन्तु उन्हें इसकी जानकारी के अभाव में घबराहट हो जाती है। हमारी पाठिकाओं की जागरूकता का ध्यान रखते हुए हम यही कहना चाहेंगे की उनके लिए इससे जुड़ी सही जानकारी जानना बहुत ज़रूरी होगा।
PCOD क्या होता है ?
PCOD का पूरा नाम है polycystic ovarian disease. यह बीमारी लगभग 15 से 25 प्रतिशत महिलाओं में होती है। इस बीमारी में महिलाओं के शरीर में ovaries में कई cysts (छेद) से होने लगते हैं जिस कारण egg सही समय पर नहीं विक्सित हो पाता। महिला ढंग से ovulate नहीं कर पाती।
“ovulation का सरल अर्थ है: महिला में सही समय पर पीरियड होना।”
ओवुलेशन के दौरान महिला की डिंबग्रंथि से परिपक्व अंडा निकलता है जो पुरुष वीर्य के शुक्राणु से सम्मिलित होने पर गर्भ ठहरता है और महिला गर्भवती बनती है।
PCOD बीमारी में असंतुलित हॉर्मोन और ब्लड शुगर बढ़ने लगते हैं। परिणामस्वरूप शरीर में ऊर्जा की कमी हो जाती है।
प्रेगनेंसी और गर्भावस्था का क्या सम्बन्ध होता है?
वे महिलाएं जो किसी गर्भनिरोधक के प्रयोग बिना सेक्स करने के बावजूद माँ नहीं पा रही हैं, उन्हें PCOD की जाँच करा लेनी चाहिए। क्योंकि यह मॉडर्न डे लाइफस्टाइल की देन है। स्वस्थ्य दिखने वाली महिलाओं को भी यह बीमारी अंदरूनी रूप से हो सकती है।
PCOD का खतरा किनमें ज़्यादा होता है?
यह बीमारी किसी भी महिला को हो सकती है। परन्तु ऐसा देखा गया है की निन्मलिखित स्थिति में होने वाले लोगों में यह ज़्यादा होती है।
1. महिलाओं में अतिरिक्त मोटापा, कमर का माप 36 इंच या उससे अधिक होने पर PCOD का खतरा बढ़ जाता है।
2. जिन महिलाओं में घर में किसी सम्बन्धी को PCOD को रोग होता है, वहाँ भी महिला इस रोग की चपेट में आ सकती है।
3. यह रोग जेनेटिक के कारण हो सकता है।
4. आलसी लोगों, जो शरीर से श्रम नहीं लेते उनको भी PCOD हो सकता है।
5. इसके अतिरिक्त जो महिलाएं समय पर खाती-पीती नहीं हैं, सेहत के प्रति लापरवाह हैं उन्हें भी यह रोग हो सकता है।
6. कभी कभार जिन महिलाओं के घर में किसी को मधुमेह होता है तब महिलाओं को PCOD हो सकता है।
PCOD के लक्षण
महिलाओं को डॉक्टर से मिल लेना चाहिए अगर उन्हें निम्नलिखित लक्षण दिखाई दें:
1. अनियमित माहवारी
2. चेहरे पर अत्यधिक अनचाहे बाल साथ ही हाथ पैर पर घने बाल आना
3. मोटापा
4. माहवारी में असहनीय दर्द
5. संभोग के बावजूद बच्चा न पैदा हो पाना
6. खाने के बावजूद कमज़ोरी और थकान
7. बाल झड़ना
8. त्वचा पर अप्राकृतिक दाग-धब्बे/झाइयाँ आना
9. अत्यधिक मुहाँसे
10. अगर महिला को मधुमेह है
11. महिला की बहन/माँ को PCOD है
PCOD का चेकअप और इलाज
महिलाओं को संदेहजनक लगने पर डॉक्टर से परीक्षण करवाना चाहिए। इसके बाद उनके रक्त का सैंपल लिया जाता है। इससे उनके भूखे रहने पर ब्लड ग्लूकोस लेवल को जाँचा जाता है। इस टेस्ट से डॉक्टर ये पता लगा लेते हैं की महिला में प्रे-डायबिटिक होने के संकेत हैं। इसके बाद डॉक्टर महिला को कोमल एंटी-डायबिटिक दवाइयां दे सकते हैं। अगर महिला को माँ बनने में दिक्कत हो रही है तो उसे वज़न नियंत्रित करने के लिए विशेष खाना खाने को कहा जायेगा। उसे व्यायाम व योग करने के लिए कहा जायेगा।
महिला को प्रेग्नैंक्ट बनाने में मदद करने के लिए आर्टीफिशियल होर्मोनेस जैसे की
progesterone,
estrogen
clomiphene citrate
Injectable gonadotropins,
Injectable Follicle Stimulating Hormone (FSH) दिये जाते हैं।
PCOD से महिलाएं कैसे प्रभावित होती हैं?
शुरुवात में महिलाओं का वज़न धीरे धीरे बढ़ता है जिसपर वह ध्यान नहीं देती। पीरियड्स के दर्द को भी वे मामूली रोज़मर्रा का दर्द समझ कर टाल देती हैं। परन्तु सबसे बड़ी दिक्कत तब आती है जब महिला को गर्भ धारण करने में असफलता हाथ लगती है। महिला को मिसकैरेज की शिकायत भी हो सकती है। चिंताग्रस्त महिलायें अपने पति के साथ डॉक्टर के चक्कर काटती हैं। गर्भ ठहर भी जाये तो महिला को gestational डायबिटीज की शिकायत हो सकती है। इस हालत में महिला को गर्भावस्था के दौरान हाई ब्लड शुगर हो जाता है।
स्वस्थ्य रहें क्योंकि स्वस्थ्य माँ के शरीर में स्वस्थ्य शिशु का निवास है। इस ब्लॉग को शेयर करें और अपनी सभी सखियों में इसकी जागरूकता बढ़ाएं।
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