9 May 2022 | 1 min Read
Tinystep
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भारत ने न जाने कितनी प्रगति कर ली हो परन्तु माहवारी में महिला को कई चीज़ों से दूर रखा जाता है। उन्हें धार्मिक, पारिवारिक और कई अन्य सभाओं में आने से वर्जित किया जाता है। उन्हें खाने-पीने और अन्य काम करने के लिए मना किया जाता है। इसलिए हम आपको सामने कुछ प्रचलित मिथ्याएँ पेश करेंगे जिन्हें आप आज तक सही मानती आईं थीं।
पीरियड्स से जुड़े भ्रम:
1. माहवारी में महिला अपवित्र और गन्दी हो जाती है
महिला का पुरुष से मिलन न होने पर उसके अंडे बेकार हो जाता और गर्भाशय का रक्त योनि मार्ग द्वारा बाहर आ जाता है। विज्ञान कहता भी है की क्योंकि महिला ने गर्भ धारण नहीं किया है इसलिए उसकी गर्भ में से रक्त बाहर आता है।
2. महिला को रसोई में कदम नहीं रखना चाहिए
यह भ्रम गावों में तो हैं ही साथ ही साथ शहरो में भी कुछ महिलाएं इसे सच और सही मानती हैं। ऐसा करना ज़रूरी नही है और इससे किचन में कोई अनर्थ नही होगा।
3. महिला पूजा पाठ में भाग नहीं ले सकती
माहवारी में महिला अगर स्नान न ले और गंदे कपड़े पहनती है तो इसी कारण उसमें संक्रमण हो सकते हैं। ऐसे में ईशवर की अर्चना करना अच्छा नही माना जाता। परन्तु अगर महिला स्वस्थ्य और साफ़ है तो ऐसे में वह पूजा पाठ की रीतियों में शामिल हो सकती है। शायद वह पूजा में भगवान को प्रसाद सामने से न चढ़ाये परन्तु दूर से देख अवश्य सकती है।
4. माहवारी में धार्मिक वस्तुओं और किताबों से दूर रहना चाहिए
ऐसा ज़रूरी नहीं। ईश्वर कहीं भी यह नहीं कहता की महिला माहवारी में अशुद्ध हो गई है। जिस स्त्री की कोख से शिशु को जन्म मिलता है, वह जननी अपवित्र कैसे हो सकती है। इसलिए महिला बिना किसी दिक्कत के ईश्वर की किताब उठा कर पढ़ सकती है और पूजा कर सकती है।
5. पीरियड में महिला को अचार नही छूना चाहिए
ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि माहवारी में महिला के बदन से कुछ विशेष गंध निकलती है जो खाने को कुछ दिनों में सड़ा सकती है। इसलिये अचार को चमच्च द्वारा छुएं। वरना आप दूसरे व्यक्ति की मदद से अचार मांग कर खा सकती हैं।
6. माहवारी के कपड़ों को दूर रखना
भारत के अलावा कुछ देशों में माहवारी के कपड़ों को ज़मीन में गाढ़ दिया जाता है ताकि उनमें प्रवेश की गई प्रेत आत्मायें उसी कपडे के साथ दफ़्न हो जाएं।
7. महिलाओं को व्यायाम करने से रोका जाता है
पीरियड में महिला को भरपूर आराम करने के लिए बोलै जाता है। उसे कोई भारी सामान उठाने और भारी काम करने से रोका जाता है। परन्तु अत्यधिक् आराम से शरीर को कोई लाभ नहीं होता। exercise महिला के पेट दर्द को कम करने में मदद करते हैं और पेट में गैस बनने से रोकते हैं। इसलिए आप चाहें तो हल्का फुल्का व्यायाम कर सकती हैं। इससे आपका मूड भी अच्छा हो जाता है और ख़ुशी व तरोताज़गी आ जाती है। पीरियड में दर्द से बचने के लिए पेट को गरम पानी से सेंकें।
भ्रम को भ्रम ही रहने दें और इसके आगे बढ़िए। आधुनिक युग में दुनिया में अपना नाम बनाएं और चार दीवारियों के बाहर आएं। इस पोस्ट को अन्य महिलाओं से शेयर करें और जागरूकता फैलायें।
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