pregnancy mantra

pregnancy mantra

9 May 2022 | 1 min Read

Tinystep

Author | 2574 Articles


प्रेगनेंसी के दौरान, आपको निजी और व्यावसायिक ज़िन्दगी में तनाव आने लगता है। पर ध्यान रहे, आसान और सुरक्षित डिलीवरी के लिए आपका खुश रहना बहुत ज़रूरी है। यहां प्रार्थना बहुत काम आ सकती है।

माना जाता है की देवी गर्भरक्षाम्बिका, महिलाओं की सुरक्षित डिलीवरी में मदद करती हैं। इन दौरान आपको इनका पूजन करना चाहिए। आपको उनके लिए स्लोक/मंत्र पढ़ना चाहिए।

गर्भरक्षाम्बिका मातृत्व की देवी मानी जाती है। इनके मंत्र को 108 बार पढ़ना चाहिए।

1. एह्येहि भगवन ब्रह्मा ,

प्रजा करता, प्रजा पति,

प्रग्रहशीनिवा बलिम च इमाम,

अपथ्यं रक्षा गर्भिणीम।

अर्थ : हे ब्रह्मा देव, यह प्रार्थना सुन लें,

आप जिन्होंने ब्राह्मण को बनाया है,

आप जिन्होंने लोगों को बनाया है,

मैं, जो अपना परिवार बनाने की राह पर निकल पड़ी हूँ, मेरी रक्षा करें।

2. विनायका गणाध्यक्षा,

शिव पुत्र महा बला,

प्रगृह्णीष्व बालिम च इमाम,

सपथ्यं रक्षा गर्भिणीम।

अर्थ : हे विनायका, हे गणपति, हे शिव पुत्र, आप जो इतने शक्तिशाली हैं, मेरी यह प्रार्थना स्वीकारें और मेरी सदैव रक्षा करें। 

3. रक्षा – रक्षा महादेव,

भक्त अनुग्रह करका,

पक्षी वाहन गोविंद,

सपथ्यं रक्षा गर्भणीम।

अर्थ : हे भगवान्, आप जो सबसे बड़े हैं। आप हमेशा हमारी रक्षा करें,

हे भगवान्, आप जो अपने भक्तों पर आशीर्वाद बनाएं रखते हैं, हे गोविन्द, आप जो पक्षी की सवारी करते हैं।

आप हमेशा मुझे सारी मुश्किलों से बचाएँ,

मैं जो अपने परिवार को आगे बढ़ने निकल पड़ी हूँ।

अपनी प्रेगनेंसी के पहले तीन महीने 1 श्लोका पढ़ें -108 बार

अपनी प्रेगनेंसी के पहले तीन महीने 2 श्लोका पढ़ें -108 बार

अपनी प्रेगनेंसी के पहले तीन महीने 3 श्लोका पढ़ें -108 बार

यह श्लोक क्यों पढ़ें ?

भारतीय संस्कृति और सभ्यता ने हमे बहुत अछि दिशा दी है, एक स्वस्थ और सात्विक जीवन की। उसे ध्यान में रखके यह श्लोक बोलै जाता है।

कहा जाता है कि इन मन्त्रों को बोलने से मष्तिष्क साफ़ रहता है, ऐसे में शिशु पर बहुत ी सकारात्मक प्रभाव होता है।

इसके अलावा अछि बातें मुँह से निकलना, बहुत शुभ माना जाता है।

प्रेगनेंसी में माँ की सोच से जुडी कहानियां

हम सभी यह जानते हैं की प्रेगनेंसी में माँ की सोच और मूड का क्या महत्तव होता है। अभिमन्यु ने चक्रव्यूह भेदना, माँ के गर्भ में सीख लिया था। इसका मतलब माँ के अचे सुनाने से भी शिशु पर असर होता है।

यही कहानी है प्रह्लाद की। प्रह्लाद की माँ ने, प्रेगनेंसी में भगवन नारायण के बारे में सुना और वह उनके भक्त हो गए। इसका मतलब साफ़ है की आपका अच्छा सुनना और बोलना, प्रेगनेंसी में बहुत ज़रूरी है।

क्या आधुनिक विज्ञान इसे मानता है?

जी हां, विज्ञानं ने भी पाया है कि शिशु गर्भ से ही माँ को सुन सकता है। इसके बारे में और जानने के लिए आप इस लिंक में जाएँ।

https://www.tinystep.in/blog/garbhwati-maaon-ko-khushaal-filmein-kyon-dekhni-chahia-iska-shishu-pr-prabhav

मन्त्रों और जाप की शक्ति

यह ज़रूरी है कि माँ आध्यात्मिक भाव रखे। ऐसे ही हमारी नानी-दादी ने भी किया था। देखा जाए तो पहले शिशु ज़्यादा आसानी से हो जाते थे। और ज़्यादा स्वस्थ भी।

कहा जाता है की माँ के साफ दिल और अच्छा सुनाने से शिशु की बुद्धि तेज़ होती है। तो सोचिये माँ के आध्यात्मिक विचार से वह कितने तेज़ शिशु को जन्म दे सकती हैं। आपकी एक छोटी सी म्हणत, एक शिशु का जीवन उज्जवल कर सकती है।

एक माँ की ताकत

माताओं को अद्भुत शक्ति और दिमाग का वरदान होता है। उन्हें वरदान होता है की वह एक ज़िन्दगी को इस दुनिया में लाये और उसे सवारें।

बात की गहराई को समझें। आध्यात्मिक रास्तों को नज़रअंदाज़ न करें।

और यदि आप यह समाज गए है, तो इसे शेयर करना बिल्कुल न भूलें। हमें लोगों को जागरूक करना है।

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