20 Apr 2022 | 1 min Read
Tinystep
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जी हाँ गर्भावस्था के समय त्वचा के कुछ हिस्से का काला पड़ जाना आम बात होती है जिसे हम मेलस्मा या क्लॉसमा कहते हैं| मेलस्मा को गर्भावस्था का मुखौटा कहते हैं क्योंकि काले धब्बे आपके होंठ के ऊपर, नाक, गाल और पेशानी पर मास्क की तरह होते हैं| आप अपने गालों पर, ठुड्डी पर, बांहों पर भी कुछ काले धब्बे पाएंगी साथ ही त्वचा जो पहले से ही धब्बे दार होती है जैसे निप्पल, तिल, स्कार और योनि वो गर्भावस्था के समय और भी काली पड़ जाती हैं| ये ऐसी जगह में भी होता जहा फ्रिक्शन अधिक होता है जैसे बाह के नीचे(underarms) और जांग में(inner thighs)|
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मेलस्मा गर्भावस्था के समय हार्मोनल चेंज होने के कारन होता है जो कुछ समय के लिए शरीर में मेलानिन(melanin) बढ़ा देता है| मेलानिन वो हॉर्मोन होता है जो आपकी त्वचा, आँखों और बालों को रंग प्रदान करता है| यहाँ धुप में रहना भी मायने रखता है, जिन महिलाओं की त्वचा गोरी होती है वो इसकी शिकार नहीं बनती| अगर मेलस्मा आपके परिवार में आम है तो आपकी त्वचा साफ़ होने पर भी वो आपको होगा|
जो मेलेनिन आपकी त्वचा में धब्बे का कारान होता है उसी से आपका लिन्या निग्रा होता है जो वो लाइन है जो गर्भावस्था के समय आपके पेट के बीच से गुज़रती है| गर्भावस्था के पहले आपके पेट से एक सफ़ेद लाइन(linea alba)गुज़रती है जिसपर आपने पहले कभी ध्यान नहीं दिया क्योंकि वो आपके त्वचा के रंग की होती है लेकिन गर्भावस्था के समय मेलेनिन के कारन वो काली पड़ जाती है| लेकिन फ़िक्र ना करें आपका लिन्या निग्रा गर्भावस्था के कुछ महीनों बाद अपने असली रंग में आजायेगा|
सारे पिगमेंटेशन डिलीवरी के बाद खुद से ठीक हो जाते हैं और आपकी त्वचा पहले जैसी हो जाती है लेकिन नीचे हमनें कुछ उपाए बताये हैं जिससे त्वचा का काला होना जल्दी ठीक किया जा सकता है:
– सन प्रोटेक्शन का इस्तेमाल करें: ये महत्वपूर्ण है क्योंकि सूरज में बिना कोई सनस्क्रीन लगाए निकलने से शरीर में मेलेनिन और बढ़ जाता है और इससे और पिगमेंटेशन बढ़ जाता है| बाहर निकलने से पहले SPF 30 या उससे अधिक सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें और हर 2 घंटे पर उसे लगाती रहें| अगर आपके हाथों में धब्बे आगे हैं तो लम्बी आस्तीन वाले कपडे पहनें और सूरज में ज़ादा ना रहे खासकर 10am से 2pm के बीच क्योंकि इस समय सूरज की किरनें हानिकारक होती हैं|
– वैक्स ना कराएं: बालों को हटाने के लिए वैक्स करने से त्वचा का इंफ्लमैशन बढ़ जाती है जिससे मेलस्मा के बढ़ने का खतरा होता है|
– त्वचा के लिए हइपोएलर्जिक(hypoallergic) सामन का इस्तेमाल करें: जिस क्लीन्ज़र या चेहरे पर लगाने वाली क्रीम से जलन हो उससे मेलेनिन की समस्या और बढ़ सकती है|
– कंसीलर का इस्तेमाल करें- अगर काले धब्बे आपको परेशान कर रहे हैं तो उन्हें सफ़ेद या पीले कंसीलर से ढकें| गर्भावस्था के समय ब्लीचिंग प्रोडक्ट का इस्तेमाल ना करें|
मेलस्मा अक्सर बच्चा होने के बाद बिना किसी इलाज के ठीक हो जाता है| काले धब्बे डिलीवरी के 1 साल बाद चले जाते हैं लेकिन बहुत बार वो पूरी तरह से नहीं जाते| कुछ औरतों के रंग काले पड़ते हैं कंट्रासेप्टिव(contraceptive) के वजह से जिसमे एस्ट्रोजन(estrogen) की बड़ी मात्रा होती है, अगर ऐसा हो तो अपने डॉक्टर से कह क्र दूसरी दवा लें| अपने दाग को जल्द ठीक होने की उम्मीद ना करें उसे ठीक होने में वक़्त लगता है, अगर 1 साल बाद भी दाग ना जाएँ तो अच्छे डर्मेटोलॉजिस्ट को दिखाएं|
त्वचा का अलग तरह से रंग बदलना किसी घोर बीमारी जैसे कैंसर के तरफ इशारा करता है| अपने डॉक्टर से सलाह लें अगर आपकी त्वचा का अलग रंग हो रहा हो, दर्द, खून निकल रहा हो या आपके मोल के आकार में या रंग में परिवर्तन हो रहा हो|
उन प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए ये ज़रूर शेयर करें – ज़रा सोचें आपको अपनी त्वचा कितनी प्यारी है !
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