shishu aur poshan

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14 Apr 2022 | 1 min Read

Tinystep

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बचपन में बच्चे फल-सब्ज़ी खाने में बड़े नखरे करते हैं। कुछ बच्चे “पसंद नही है” तो कुछ “भूख नही है” कहते हैं। कुछ बच्चे खाना प्लेट में ले तो लेते हैं पर बचा देते हैं या फिर चुपचाप कूड़ेदान में डाल देते हैं। इसलिए हम आपको कुछ आसान उपाय बताएँगे ताकि आपका बच्चा खाना बिना किसी बहाने के खाये।

1. खाने के रंग पर ध्यान दें

उजली वस्तु ही नही बल्कि रंग-बिरंगे खाद्य पदार्थ भी बच्चों का मन मोह लेते हैं। इसलिए आप इंद्रधनुष के रंग का खाना बच्चों को खिला सकती हैं। इसमें हरी सब्ज़ियां तथा फल भी शामिल कर सकती हैं। उदाहरण के लिए आप संतरे, सेब, केले, खरबूज, तरबूज, मेथी, आलू, गाजर, मूली इत्यादि खरीद सकती हैं। आप अपने मन के अनुसार और कुछ नए प्रयोग भी कर सकती हैं। इससे आपके बच्चे को विभिन्न पोषण तत्व मिल जायेंगे।

2. आपके बच्चे की पसंद का ध्यान रखें

आपके बच्चे को खाने में क्या पसंद है इस बात का ध्यान रखते हुए आप सब्ज़ी-फल खरीदें। उनकी पसंद का खाना खिलाने में आपको ज़्यादा मशक्कत भी नही करनी पड़ेगी। समय भी बचेगा तथा बच्चे भी खुश हो जायेंगे की मम्मी उनकी पसंद-नापसंद का कितना ख्याल रखती हैं।

3. खाने को रोचक आकर में प्रस्तुत करें

आप साधारण भोजन को विशेष रूप से काट कर प्रस्तुत करें जैसे की आधे चाँद, सितारे, गोल, तिकोने, पतंग इत्यादि के आकार में। आकार देखकर बच्चों का खाने के प्रति आकर्षण बढ़ जाता है। आप खुद ही सोचिये जब आप सब्जी लेने जाती हैं तब आप ताज़ी सब्ज़ी लेना पसंद करती हैं न की बासी। इसलिए कहते हैं की अच्छे से चीज़ों को पेश करें।

4. फल-सब्ज़ी खरीदते वक्त बच्चों की सलाह लें

आप खरीददारी करते समय, अगर मुमकिन हो तो, बच्चों की राय लें। इससे बच्चों की रूचि बढ़ेगी तथा वे खाने के प्रति जागरूक होंगे। खरीददारी करते वक्त बच्चों को थोड़ा बहुत सब्ज़ी की पौष्टिक गुड़वत्ता के बारे में बताएं। आप उसे बता सकती है की कैसे उनका पसंदीदा कार्टून पोपए पालक खा कर सेहतमंद हुआ है या फिर छोटा भीम से दोस्ती करने के लिए शक्तिमान बनो ताकि वह उसे कुश्ती में हरा सके।

5. कुछ मज़ाकिया नाम से खाने को बुलाएं

शायद आपको सुनने में यह थोड़ा अजीब लगे परन्तु खाने को अलग नाम से बुलाने से बच्चे को हँसी आएगी और वे क्या खा रहे हैं इस पर ज़्यादा ध्यान नहीं देंगे। ऐसे में वे घी वाली दाल को सूरज समझ कर खा सकते हैं। बच्चे के साथ बच्चा बन जाने से माहौल सुधर जाता है। पालक को आप छोटा पौधा तथा दलिया को सूरजमुखी के दोस्त बता सकती हैं।

शिशु को खाना खिलाना आपकी सबसे बड़ी चुनौती होती है। यह आप समझती हैं तो ज़रूर शेयर करें –

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