14 Apr 2022 | 1 min Read
Tinystep
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शिशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण उनको बीमारी जल्दी लग जाती है। बच्चों में होने वाली रमुख बीमारियां हमने इस ब्लॉग में डिसकस की हैं।
मलेरिया
मच्छर के काटने पर मनुष्य अपनी इम्युनिटी खो बैठता है क्योंकि मच्छर इंसान में विष पैदा करने वाले कीटाणु छोड़ देता है जिससे बदन में खून की कमी भी हो सकती है। इसके मुख्य लक्षण होते हैं: बुखार, सर्दी, सरदर्द, उलटी, चक्कर आना, डायरिया, कमज़ोरी और मांसपेशियों में दर्द।
शिशु में मुहांसे
कभी कभी मौसम बदलने के समय अगर अधिक गर्मी या बरसात का मौसम आता है तो शिशु की कोमल त्वचा उसे झेल नहीं पाती और इसलिए उसके बदन में दाने निकलने लगते हैं। यह छोटे छोटे दाने होते हैं जिनमें पस भरा हो सकता है। इनको उँगलियों से नहीं छेड़ना चाहिए वरना पूरे बदन में संक्रमण भी हो सकता है।
बच्चों में चिकनपॉक्स
अगर बच्चों में टीका न लगवाया जाये तो उनमें चिकनपॉक्स हो सकता है। यह वैरीसला नामक वायरस के द्वारा फैलता है। यह बहुत तेज़ी से फैलता है और छूने से भी फैल सकता है। इसके शुरुवाती लक्षण होते हैं त्वचा पर लाल रंग के रैश होना जिनमें सूजन का पानी भरा होता है, धीरे धीरे यह रैश बदन के अन्य हिस्सों में भी फैल जाता है। रैशेस के साथ साथ शिशु में बुखार, बदन दर्द और सर्दी भी हो जाती है। रैश में खुजली भी होती है। इससे शिशु को तकलीफ होती है। यह सर पर भी फैल जाता है।
एक्ज़िमा(eczema)
यह भी एक प्रकार का चार्म रोग है जिसमें बच्चे क त्वचा में लाल दाग/धब्बे आ जाते हैं, उसमें खुजली सी होती है और त्वचा उभरी उभरी सी रहती है। अगर उसे छुआ जाये तो उसमें से पस निकल सकता है। किसी फौरन चीज़ का शरीर में प्रयोग करने के कारण, शरीर के इम्यून सेल्स सक्रीय हो जाते हैं जिस कारण शिशु में रिएक्शन हो जाता है। उसकी त्वचा में धब्बे आ जाते हैं। इसके अतिरिक्त अगर घर में किसी इंसान को इंफेक्शन हुआ है तो इससे भी शिशु में एक्ज़िमा हो सकता है।
कंजक्टिवाइटिस (Conjunctivitis)
यह आँखों में होने वाला आम संक्रमण होता है। यह 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में होता है। इसमें आँखों की बाहरी परत जिसे कंजक्टिवा कहते हैं, में सूजन, लाली और पानी आता है। इसके साथ ही आँखों में खुजली भी होती है।
मुँह के छाले (Cold Sores)
यह मुँह में होने वाले छोटे दर्दभरे छाले होते हैं जिनके कारण खाना खाने में दिक्कत होती है। बच्चे खाना निगल नहीं पाते। यह हर्पीस सिम्पलेक्स नामक वायरस के कारण होते हैं। शिशु में यह हर्पीस वायरस से संक्रमत व्यक्ति को चूमने, गले लगाने या फिर गंदे बर्तनों में खाना खाने से हो सकता है।
बदलते मौसम में अपने शिशु का ध्यान रखें और अपने शिशु का इलाज करवाएं।
आपके बच्चे में अगर कोई स्वास्थ्य सम्बन्धी दिक्कत है तो कमेंट करें और हम उसका जवाब देंगे ।
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