shishu mein kabz ke lakshan

shishu mein kabz ke lakshan

20 Apr 2022 | 1 min Read

Tinystep

Author | 2574 Articles

अगर आप अभी एक शिशु की देखभाल कर रही हैं तो हमें पूरा विश्वास है की आपने कई बेबी डायपर बदले होंगे। एक सेहतमंद शिशु के लिये एक दिन में 10 डायपर तक बदलने पड़ जाते हैं। इसी कारण अगर आपका शिशु 2 दिन तक टॉयलेट न जाये तो ध्यान देने की बात है। ज़ाहिर सी बात है की आप चिंता करेंगी अगर बच्चा 2 दिन तक लैट्रिन न करे क्योंकि वे कोमल प्राणी होते हैं और मल त्यागना प्राकृतिक अनिवार्यता है। हम आपके लिये मल से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देना चाहेंगे।

शिशु में कब्ज़ के लक्षण!

कब्ज़ शरीर में पानी की कमी से होता है। इस कारण शिशु का मल पानी के अभाव में कड़ा तथा पीड़ादायक बन जाता है। इसके अतिरिक्त उसकी मांसपेशियाँ भी आसानी से मल त्याग नहीं कर पाती हैं। कब्ज़ के कारण शिशु के शरीर में खाना पचता तो है परन्तु शरीर से बाहर नही जा पाता।

कब्ज़ के बाहरी लक्षण

1. अगर शिशु को लैट्रिन करने में दिक्कत होती है।

2. अगर नवजात शिशु ने दिन में एक बार भी मल-त्याग न किया हो।

3. अगर शिशु का मल सूखी व कड़ी है।

4. अगर शिशु का मल छोटे पत्थरों सी है।

5. अगर उसकी मल में से खून आये।

6. अगर वह लैट्रिन जाने के वक्त रोये या दर्द का संकेत दे।

7. अगर आपका 4 माह का बच्चा 4 से 7 दिन तक लैट्रिन न करे।

बच्चों को कितनी बार लैट्रिन जाना चाहिये ?

ये बड़े हैरत की बात है की एक तंदरुस्त शिशु जो कि एक हफ्ते का है वह दिन में 8 से 10 डायपर इस्तेमाल कर लेंगे। जी हाँ। वे एक वयस्क से भी ज़्यादा मल पैदा करते हैं। आप सोचती होंगी की इतना मल उनमें पैदा कैसे होता है? तो आगे पढ़ें।

अक्सर लैट्रिन जाने का कारण ?

नवजात शिशु को स्तनपान से माँ का दूध प्राप्त होता है। यह एक विशेष पोषक तत्व है जिससे शिशु को पोषण तो मिलता ही है साथ ही पेट साफ़ करने में मदद भी मिलती है। बच्चा जितनी बार दूध पियेगा उसे उतनी बार टॉयलेट ले जाने की ज़रूरत पड़ेगी। शिशु का लैट्रिन जाना उसके भोजन से जुड़ा होता है।

बच्चों की उम्र बढ़ने के साथ टॉयलेट जाने की संख्या

एक 4 हफ़्तों का शिशु दिन में चार(4) बार लैट्रिन करता है। उसी जगह जो बच्चे फॉर्मूला या पैकेट फूड खाते हैं वे कम मल पैदा करते हैं क्योंकि फॉर्मूला फ़ूड में मल पैदा करने की कम क्षमता होती है। माँ के दूध को लैक्सेटिव भी माना जाता है। बच्चा जब 8 हफ़्तों का हो जाता है तब वह दिन में एक ही बार लैट्रिन करेगा अगर वह फॉर्मूला फ़ूड खाता है।

फार्मूला फूड तथा स्तनपान करने वाले शिशु के मल का भेद

जो बच्चे फॉर्मूला या पैकेट फूड खाते हैं उनका मल पतला होता है तथा जो बच्चे माँ का दूध पीते हैं उनका मल गाढ़ा होता है। इसके साथ ही यह जानना भी ज़रूरी है कि हर शिशु ख़ास होता है। उनका मल उनके शरीर के पाचन क्रिया पर निर्भर करता है।

दो से अधिक दिनों तक अगर बच्चा एक भी बार लैट्रिन न जाये तो उसे शिशु-रोग विशेषज्ञ के पास ले जाएं।

शिशु विशेषज्ञ से कब मिलें

जब घर के घरेलु नुस्खों से शिशु की तबियत में सुधार न आए तब आप चिकित्सक के पास जाएं। शिशु की जांच करवाएं। शिशु को बड़ों वाली दवाई दी जा सकती है परन्तु उसकी खुराक बड़ों की तुलना काफी कम होती है।

A

gallery
send-btn

Suggestions offered by doctors on BabyChakra are of advisory nature i.e., for educational and informational purposes only. Content posted on, created for, or compiled by BabyChakra is not intended or designed to replace your doctor's independent judgment about any symptom, condition, or the appropriateness or risks of a procedure or treatment for a given person.