6 Apr 2022 | 1 min Read
Tinystep
Author | 2574 Articles
इससे पहले की आपको अपनी प्रेगनेंसी का पता चला हो, उससे पहले ही शिशु के मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी का विकास शुरू हो चुका होता है। शिशु दुनिया में आने से पहले ही उसके बौद्धिक विकास और एक प्रकार की शख्सियत के साथ पैदा होता है।
इस लेख में हम आपको कुछ वैज्ञानिक अनुसंधानों के नतीजे के आधार पर बताएँगे की शिशु गर्भ में माँ की किन आदतों से प्रभावित होता है। माँ की आदतों का शिशु पर क्या असर पड़ता है।
दो रोचक अध्ययन और उनके निष्कर्ष:
1. एक अध्ययन में पाया गया की माँ का शिशु को छूना उसके विकास को प्रभावित करता है।
इस अध्ययन में माँओं को तीन हिस्सों में विभाजित किया गया था।
i) माँ को अपने पेट-नाभि पर हाथ फेरना था
ii) उनको शिशु से बात करने की कोशिश करनी थी
iii) अपने हाथों को अपनी कमर पर रखना था
इसके बाद वैज्ञानिकों ने सोनोग्राफी के ज़रिये शिशु का परीक्षण किया। इस अध्ययन का नतीजा यह निकला की जिन माँओं ने अपने शिशु पर हाथ फेरा था उनके शिशु अधिक विकसित और हलचल करते पाए गए थे। उनके हाथ, चेहरे/मुँह, गर्दन व सर में अधिक हिलना-डुलना देखा गया।
दूसरी तिमाही में भ्रूण के सेंस ऑर्गन्स में भी परिपक्वता आती है। वह अपनी माँ के स्पर्श को बखूबी पहचान लेते हैं। किसी पराये इंसान के छूने से अपनी माँ के स्पर्श का अन्तर समझने व महसूस करने लगते हैं।
इसके साथ साथ शिशु के कान का विकास भी गति पकड़ने लगता है। कान से स्वर तरंगें शिशु के मस्तिष्क तक जाते हैं। इस प्रकार शिशु बाहरी वातावरण के बारे में ज्ञान प्राप्त करते हैं।
2. भ्रूण के कर्ण विकास के लिए माँ का शिशु के साथ संपर्क बनाना व बात करना आवश्यक होता है।
इसीलिए गर्भवती महिलाओं को शिशु को पुकारने, उसके साथ बात करने, उसे गाना सुनाने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करते हैं।
वैज्ञानिक तौर पर इसे यूँ समझाया जा सकता है:
कानों के विकास के लिए उस तक बाहरी आवाज़ें जानी चाहिए। इससे उसको संकेत मिलता है। परिणामस्वरूप कॉकलिया(cochlea) नामक शिशु के कान का अंदरूनी हिस्सा विक्सित हो पाता है।
इसीलिए कहते हैं की किसी चीज़ को सोचने-समझने के लिए उसका अनुभव करना महत्वपूर्ण होता है। आशा करते हैं की आप अपने शिशु या आने वाले शिशु के लिए प्रेम भरा माहौल प्रस्तुत करेंगी।
इस पोस्ट को शेयर ज़रूर करें ताकि अन्य माँयें स्पर्श और आवाज़ों का महत्व समझें।
A
Suggestions offered by doctors on BabyChakra are of advisory nature i.e., for educational and informational purposes only. Content posted on, created for, or compiled by BabyChakra is not intended or designed to replace your doctor's independent judgment about any symptom, condition, or the appropriateness or risks of a procedure or treatment for a given person.